राज्य में वन स्टॉप सेंटर महिला चिकित्सालय, छात्रावासों, हेल्प डेस्क व हेल्पलाइन की मॉनिटरिंग की जा रही
महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने प्रेस वार्ता में दी जानकारी
देहरादून। उत्तराखण्ड राज्य महिला आयोग के 19वें स्थापना दिवस के अवसर पर राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती कुसुम कंडवाल ने सोमवार को मीडिया सेन्टर, सचिवालय में पत्रकार वार्ता में बताया कि उन्होंने सभी को आयोग के 19वें स्थापना दिवस और इगास की शुभकामनाएं दी।महिला आयोग की अध्यक्ष ने बताया कि आयोग द्वारा राज्य की सभी जेलों का निरीक्षण किया गया । जिसमें महिला बन्दियों की स्थिति व उन्हें मिलने वाली मूलभूत सुविधाओं का जायजा लिया गया । राज्य में आईजी कारागार को सभी जेलों में महिला बन्दियों को अलग अलग कार्यों के प्रशिक्षण दिए जाने के निर्देश भी दिए गए हैं। आयोग द्वारा समय समय पर वन स्टॉप सेंटर, महिला चिकित्सालय, छात्रावास, महिला हेल्प डेस्क व महिला हेल्पलाइन का भी निरीक्षण किया जाता है।उन्होंने कहा कि आयोग द्वारा विभिन्न जिलों में सरकार द्वारा महिला हित में संचालित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा बैठक की गई व उसकी मॉनिटरिंग भी की जा रही है। आयोग ने प्रदेश के समस्त जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर सभी विभागों में जहां चार या चार से अधिक महिला कर्मचारी कार्यरत है वहां उनके मानसिक या शारीरिक शोषण से निपटारे के लिए आईसीसी कमेटी गठित करने व उससे आयोग को अवगत कराते हुए उसकी मॉनिटरिंग के आदेश भी दिए गए हैं।अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी व कैबिनेट मंत्री श्रीमती रेखा आर्या का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य महिला आयोग के लिए यह बड़ी उपलब्धि है कि सरकार ने महिला आयोग द्वारा तैयार राज्य महिला नीति के फाइनल ड्राफ्रट को स्वीकार करते हुए जल्द ही राज्य में महिला नीति लागू करने की घोषणा की है। यह बहुत ही हर्ष का विषय है क्योंकि यह नीति राज्य की महिलाओं को हर प्रकार से सशक्त करेगी, चाहे वह वर्किंग वूमेन हो, चाहे सिंगल वूमेन या चाहे दूरस्थ क्षेत्र की पर्वतीय महिला या ग्रामीण या महानगरों में रहने वाली महिला। साथ ही उन्होंने आयोग के द्वारा वर्ष 2023-24 की वार्षिकी का लोकार्पण भी किया गया। इस दौरान राज्य महिला आयोग की सदस्य सचिव श्रीमती उर्वशी चौहान, विधि अधिकारी श्री दयाराम सिंह, आधार वर्मा भी उपस्थित रहे।