यमुनोत्री धाम के शीतकालीन कपाट हुए बन्द: 7 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने यमुनोत्री धाम के दर्शन किये
उत्तरकाशी। चारधाम के पहले प्रमुख तीर्थ यमुनोत्री धाम के कपाट विशेष पूजा अर्चना के बाद पूर्व निर्धारित समयानुसार 12 बजकर पांच मिनट पर पर शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। अब छह महीने शीतकाल में मां यमुना के दर्शन व पूजा अर्चना शीतकालीन प्रवास स्थल खरसाली गांव में किए जाएंगे।इससे पहले सुबह आठ बजे मां यमुना के भाई शनिदेव समेश्वर महाराज अपनी बहन को लेने यमुनोत्री धाम पहुंचे थे। उसके बाद यहां सैकड़ों श्रद्धालुओं और स्थानीय देव डोलियों की मौजूदगी में मां यमुना के मंदिर कपाट बंद हुए। ग्रामीणों ने मां यमुना की डोली का फूल मालाओं, धूप, दीप नैवेद्य के साथ भव्य स्वागत किया। कल गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने के बाद आज 03.11.2024 को भाई दूज के पावन पर्व के अवसर पर अपराह्न 12 बजकर 5 मिनट पर मां यमुना जी के उद्गम स्थल स्थित उत्तराखंड के सुप्रसिद्ध धाम यमुनोत्री के कपाट वैदिक मंत्रोच्चार और पूजा अर्चना के विधि-विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिये गए। पुलिस सुरक्षा के साथ यमुनोत्री से पतित पावनी मां यमुना की डोली ढोल-दमाऊ के साथ शनिदेव महाराज की अगुवाई में खरसाली(खुशीमट्ठ) गांव के लिए रवाना हुई। शीतकाल में श्रद्धालु मां यमुना जी के दर्शन व पूजा-अर्चना शीतकालीन प्रवास खरसाली स्थित यमुना मंदिर में कर सकेगें। इस वर्ष 7 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने यमुनोत्री धाम पर सुरक्षित दर्शन किये। चारधाम यात्रा-2024 के दौरान करीब 15 लाख से अधिक श्रद्धालुओं द्वारा यमुनोत्री एवं गंगोत्री धाम के दर्शन किये गये।