आईएमपीसीएल कंपनी के निजीकरण के खिलाफ कर्मचारियों ने निकाली पद यात्रा: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा, सरकार लगातार सरकारी संपत्तियों को अपने हितेषियों व पूंजी पतियों को बेचने पर तुली

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रामनगर (उद संवाददाता)। मोहान क्षेत्र में स्थित केंद्र सरकार के आयुष मंत्रालय की दवा कंपनी आईएमपीसीएल के निजीकरण की तैयारी के विरोध में कर्मचारियों ने बुधवार को रामनगर पहुंचकर पद यात्रा निकाली। पद यात्रा में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी शामिल हुए। उन्होंने निजीकरण को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए कई आरोप लगाये। मोहान स्थित दवा कंपनी आईएम पीसीएल को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी का कर्मचारी पिछले कई दिनों से विरोध कर रहे हैं। विरोध स्वरूप बुधवार को कर्मचारियों ने रामनगर की सड़कों पर पद यात्रा निकाली। इस दौरान पद यात्रा में शामिल हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि यह फैक्ट्री उनकी शान है तथा इसकी स्थापना वर्ष 1978 में पूर्व मुख्यमंत्री स्व. नारायण दत्त तिवारी द्वारा की गई थी तथा इस फैक्ट्री में बनने वाली दवाई देश व विदेश भेजी जाती थी तथा इस फैक्ट्री से रामनगर की भी पहचान थी। उन्होंने कहा कि सरकार आज गुजरात के एक उद्योगपति को इसे बेचने जा रही है। फैक्ट्री में काम करने वाले प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हजारों लोग आज बेरोजगार होने के कगार पर हैं। लेकिन सरकार लगातार सरकारी संपत्तियों को अपने हितेषियों व पूंजी पतियों को बेचने पर तुली है जिसे सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हर वर्ष सरकार को 18 से 20 करोड़ का फायदा पहुंचाने वाली कंपनी को आखिर बेचने की क्या जरूरत पड़ रही है। सरकार इसका जवाब दे। उन्होंने कहा कि पहले हम चूक गए इन्हीं भाजपाइयों ने रानीबाग स्थित एचएमटी फैक्ट्री तथा ऋषिकेश में स्थित आइडीबीपीएल फैक्ट्री बेच दी, जो कि हमारी पहचान थी। उन्होंने कहा कि हम किसी भी कीमत पर अब इस फैक्ट्री का निजीकरण नहीं होने देंगे। सरकार के फैसले के खिलाफ बड़ा आंदोलन करेंगे। हरीश रावत ने केदारनाथ उपचुनाव पर बोलते हुए कहा कि कांग्रेस को बाबा बद्री का आशीर्वाद मिल चुका है और अब बाबा केदारनाथ का आशीर्वाद भी मिलने जा रहा है । केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव कांग्रेस ऐतिहासिक मतों से जीतेगी। बता दें कि इस फैक्ट्री के विरोध में कर्मचारियों की दो यूनियन आंदोलन में जुटी हुई है वही पदयात्रा का नेतृत्व कर रहे पूर्व ब्लाक प्रमुख संजय नेगी ने भी सरकार के इस फैसले का विरोध करते हुए कहा कि पदयात्रा के माध्यम से एसडीएम के द्वारा एक ज्ञापन मुख्यमंत्री को भेजा । कहा कि यदि सरकार ने अपने फैसलों को वापस नहीं लिया तो जनता के साथ मिलकर बड़ा आंदोलन किया जाएगा।

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