मीडिया से बोला मुकेश बोरा…मेरे साथ हुई साजिश,मुझे चुनाव में नहीं हरा पाए!
दुष्कर्म के दाग से बोरा का राजनीतिक कैरियर बर्बाद, करीबियों की भी मुश्किलें बढ़ी
हल्द्वानी। उत्तराखंड में सत्तासीन भाजपा से जुड़े कद्दावर नेता मुकेश बोरा की गिरफ्तारी को लेकर राजनीतिक गलियारों में कई तरह की चर्चाओं का दौर चल रहा है। महिला उत्पीड़न को लेकर क्षेत्रवासियों व्याप्त जनाक्रोश और कार्यवाही नहीं होने से विपक्ष के लगातार हमलावर रूख के बीच नैनीताल पुलिस ने दुष्कर्म व पोक्सो के आरोपित नैनीताल दुग्ध संघ अध्यक्ष मुकेश बोरा को उत्तर प्रदेश के रामपुर के चक्कू चौक से गिरफ्तार कर बड़ी सफलता भी हासिल की है। वहीं मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस की आंखो में धूल झोंक कर फरार कराने वाले बोरा के मददगारों पर भी पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा ने बताया कि आरोपित बोरा सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में था। रामपुर में वह अपने अधिवक्ता से मिलने पहुंचा था। तभी पुलिस ने उसे पकड़ लिया। बुधवार को आरोपी की गिरफ्तारी के बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रहलाद नारायण मीणा ने खुलासा करते हुए बताया कि पुलिस की पांच टीमें मुकेश बोरा की तलाश कर रही थी। इस बीच पुलिस ने मुकेश बोरा को भगाने वाले लोगों को भी सह अभियुक्त के रूप में विवेचना में जोड़ा है, साथ ही उत्तर प्रदेश के रामपुर से पुलिस ने मुकेश बोरा को गिरफ्तार किया है। एसएसएपी ने गिरफ्तार करने वाली टीम को ढाई हजार रुपये के इनाम की घोषणा भी की है। दुग्ध संघ में काम करने वाली महिला ने मुकेश बोरा पर दुष्कर्म और उसीक बेटी से छेड़छाड़ का आरोप लगाया था। महिला की तहरीर पर मुकेश बोरा के खिलाफ पॉक्सो एक्ट और दुष्कर्म की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। मुकदमा दर्ज होते ही बोरा फरार चल रहा था। पुलिस ने उसकी संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई शुरू कर दी थी। बोरा के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। बोरा की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीमें यूपी, राजस्थान, पंजाब और दिल्ली में डेरा डाले थी। गिरफ्तारी के बाद मुकेश बोरा ने अपने उपर लगे आरोपों को निराधार बताया है। बोरा ने दावा किया कि उसके खिलाफ साजिश रची गई है। गिरफ्तारी के बीच बोरा को हल्द्वानी कोतवाली लेकर पहुंची पुलिस के चंगुल में फंसे बोरा ने मीडिया को देखकर बड़ा दावा भी किया। मुकेश बोरा ने कहा कि मेरे साथ साजिश हुई है। कहा वर्षों से जो मुझे चुनाव में नहीं हरा पाए। आज उन्होंने यह अंतिम हथकंडे के रूप में मेरी 34 साल की मेहनत बरबाद करने की कोशिश की है। मुझे गोल्जयू देवता और न्ययापालिका पर भरोसा है। जो भी परिणाम सामने आएंगे, मुझे स्वीकार होंगे। इस बीच पत्रकार के साजिशकर्ता के नाम पर सवाल पर बोरा ने कहा कि आप मुझसे ज्यादा जानते हैं। मुकेश बोरा से करीबी और रिश्तेदारी जिले के दो नेताओं के राजनीतिक कॅरिअर पर भारी पड़ गई। दुष्कर्म के आरोपी का भागने में साथ देना, दोनों की राजनीतिक छवि को कितना नुकसान पहुंचाएगा, यह तो आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन भाजपा की ब्लॉक प्रमुख और कांग्रेस से निवर्तमान चेयरमैन के खिलाफ विपक्षियों को बैठे बिठाए चुनावी मुद्दा जरूर मिल गया है। धारी ब्लॉक प्रमुख आशा रानी, परिवहन कर अधिकारी नंदन आर्या, प्रॉपर्टी डीलर सुरेंद्र परिहार, भीमताल के निवर्तमान चेयरमैन देवेंद्र चनौतिया पर मुकेश बोरा के भागने में सहयोग करने पर धारा 212 आईपीसी ;249 बीएनएस के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। दुष्कर्म के आरोपी का साथ देने के मामले में आरोप लगने के बाद कांग्रेस से जुड़े देवेंद्र चनौतिया और भाजपा से जुड़ीं आशा रानी की मुश्किलें बढ़ना तय हैं,क्योंकि दिसंबर में पंचायत चुनाव प्रस्तावित है। मुकेश बोरा के गिरफ्तार होने के बाद से भाजपा और कांग्रेस में दोनों नेताओं के कॅरिअर को लेकर तमाम चर्चाएं हैं।