देवभूमि में “दंगापरस्तों ” के खिलाफ पर धामी सरकार का “डबल अटैक” उपद्रवियों पर कसेगा शिकंजा

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राजभवन से उत्तराखंड लोक और निजी संपत्ति क्षति वसूली विधेयक को मिली मंजूरी
देहरादून(उद ब्यूरो)। उत्तराखंड में साम्प्रदायिक दंगा-फसाद करने वाले उपद्रवियों पर नकेल कसने के लिए उत्तराखंड लोक और निजी संपत्ति क्षति वसूली विधेयक को राज्यपाल की मंजूरी मिल गई है। गैरसैंण विधानसभा सत्र के दौरान प्रदेश सरकार ने अध्यादेश के तौर पर लागू इस कानून के लिए विधेयक पेश किया था। विधायी ने राज्यपाल की मंजूरी के लिए विधेयक को राजभवन भेजा था। छोटी- छोटी घटनाओं पर देवभूमि की शांत वादियों में अराजकता, हिंसा एवं दंगा फैलाने के आदी दंगा परस्तों पर नकेल डालने के लिए उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने पूरी तरह कमर कस ली है और अब सरकार दंगा पसंदगी पर डबल अटैक करने की तैयारी में है। उत्तराखंड सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता के चलते  एक ओर जहां बीते रोज उत्तराखंड लोक और निजी संपत्ति क्षति वसूली विधेयक को राज्यपाल की मंजूरी मिल गई है, वहीं दूसरी ओर राज्य शासन ने बाहर से आकर उत्तराखंड में शरण लेने वाले उपद्रवियों एवं अपराधियों को अपने रडार पर लेने के लिए एक बेहद सख्त सत्यापन प्रक्रिया की रूपरेखा भी तैयार कर ली है। उत्तराखंड लोक और निजी संपत्ति क्षति वसूली विधेयक के कानून बनने के बाद जहां हड़ताल, दंगों, बंद और आंदोलनों में सरकारी के साथ-साथ निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वालों से क्षति वसूली की जा सकेगी ,साथ ही नई सत्यापन प्रक्रिया के तहत बाहर से आकर देवभूमि में छिपे बैठे अराजक तत्वों की पहचान भी बेहद आसानी से की जा सकेगी। सूबे के मुखिया पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में पहले से कहीं अधिक सख्त सत्यापन अभियान चलाए जाने के संकेत देते हुए कहा है कि उत्तराखंड में अब पहले से ज्यादा  सख्ती से सत्यापन अभियान चलाया जाएगा और इस अभियान के दायरे में अब पर्वतीय जिलों को भी लाया जाएगा। सीएम धामी ने कड़े शब्दों में कहा है  कि उत्तराखंड के डेमोग्राफिक बदलाव की वजह से राज्य के मूल स्वरूप और संस्कृति को हरगिज प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा। सरकार इस बात के लिए संकल्पबद्ध है कि राज्य के मूल स्वरूप से किसी भी कीमत पर छेड़छाड़ न होने पाए । मुख्यमंत्री के अनुसार राज्य के मूल स्वरूप की रक्षा के लिए सत्यापन अभियान चलाया गया था, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। अब इस  सत्यापन अभियान को और भी विस्तृत एवं सख्त बनाया जाएगा । सत्यापन अभियान को डेमोग्राफिक बदलाव वाले क्षेत्र में खास तौर से फोकस किया जाएगा। सीएम धामी ने राज्य से के बाहर से आकर देवभूमि में अपराधिक घटनाओं को अंजाम देने वाले लोगों को चेताते हुए कहा है  कि उत्तराखंड एक सौहार्द्रपूर्ण राज्य है और यहां लोग प्रेमपूर्वक रहते हैं, लेकिन यहां की बहन-बेटियों के खिलाफ अपराध कतई बर्दाश्त नहीं होगा। उन्होंने अपराधियों को चेताया कि प्रदेश में अपराध करने वालों के लिए कोई जगह नहीं है और अपराधियों के खिलाफ सरकार सख्ती से कार्रवाई करेगी संगीन एवं अशांति फैलाने वाले अपराध की स्थिति में सरकार सख्त से सख्त कदम उठाने में भी बिल्कुल नहीं हिचकेगी। इस कानून के तहत हड़ताल, दंगों, बंद और आंदोलनों में सरकारी के साथ-साथ निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वालों से वसूली की जाएगी। इसके संबंध में एक दावा अभिकरण का गठन किया जाएगा। इसमें कोई भी व्यक्ति और सरकारी संपत्तियों का प्राधिकारी इस दावा अभिकरण में अपना दावा पेश कर सकेगा। इस दावे का निपटारा भी निश्चित समय अवधि में होगा, ताकि जल्द से जल्द नुकसान की भरपाई नुकसान करने वाले से हो सके। यदि किसी आंदोलन, बंद आदि में संपत्तियों को नुकसान पहुंचता है तो इसकी भरपाई संबंधित बंद या आंदोलन का आ“वान करने वाले नेता से की जाएगी। क्षतिग्रस्त संपत्ति की भरपाई के अलावा आठ लाख तक का जुर्माना और दंगा नियंत्रण पर सरकारी अमले का खर्चा भी भरेगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली ;अध्यादेशद्ध विधेयक को मंजूरी देने पर राज्यपाल का हार्दिक आभार एवं धन्यवाद व्यक्त किया है। सीएम ने कहा है कि इस कानून के तहत दंगाइयों से सरकारी और निजी संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई की जा सकेगी। दंग नियंत्रण में लगे सरकारी अमले और अन्य कार्य पर आने वाले खर्च की भरपाई भी उपद्रवी से की जा सकेगी। देवभूमि में कानून व्यवस्था और स्वरूप बिगाड़ने की किसी को छूट नहीं है। इस कानून का राज्य में कड़ाई से पालन कराया जाएगा।

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