चार दिन में खोलीं विभिन्न जनपदों में भूस्खलन से बंद हुई 307 सड़कें,174 मार्ग अवरुद्ध

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देहरादून(उद संवाददाता)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा दिए गए सख्त निर्देशों के अनुसार प्रदेश के विभिन्न जनपदों में अवरुद्ध मार्गों को जल्द से जल्द खोला जा रहा है। अभी तक मात्र चार दिन में ही 307 अवरुद्ध मार्गों को खोल लिया गया है। शेष अवरूद्ध मार्गों को खोलने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने सचिव आपदा प्रबंधन को 25 सितंबर तक अवरुद्ध मार्गों को खोलने के लिए की गई कार्रवाई तथा जो मार्ग नहीं खुल पाए हैं उनके कारण सहित विस्तृत स्टेटस रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को भी निर्देश दिए हैं कि 19 सितंबर को सभी संबंधित विभागों के साथ बैठक कर शेष बंद मार्गों को खोलने के लिए प्रभावी रणनीति बनाई जाए।मुख्यमंत्री ने आम जनमानस की दिक्कतों को देखते हुए सचिव आपदा प्रबंधन को जल्द से जल्द मार्ग सुचारु करवाने के लिए व्यापक रणनीति बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा है कि जिस प्रकार का भी सहयोग मार्गों को खोलने के लिए संबंधित विभागों को चाहिए, जिलाधिकारी वह उपलब्ध कराएं और जल्द से जल्द मार्गों को खोलना सुनिश्चित करें।  वहीं  मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा इस वर्ष 31 जुलाई को केदारनाथ क्षेत्र में अतिवृष्टि से लिनचोली से सोनप्रयाग तक पैदल तथा मोटर मार्ग क्षतिग्रस्त होने से प्रभावित व्यवसायियों को 56.30 लाख की राहत राशि मुख्यमंत्री राहत कोष से किये जाने की स्वीकृति दी गई है। मुख्यमंत्री द्वारा इससे पूर्व भी प्रभावित व्यवसायियों के लिए 09 करोड़ 08 लाख की धनराशि स्वीकृत की जा चुकी है।सचिव मुख्यमंत्री श्री शैलेश बगोली द्वारा जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग को जारी पत्र में स्पष्ट किया है कि उनके अनुरोध पर 56.30 लाख की धनराशि और स्वीकृत की गई है। यह धनराशि पूर्व में स्वीकृत  09 करोड़ 08 लाख के अतिरिक्त है। सचिव मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रस्ताव के संदर्भ में शासन स्तर पर सम्यक विचारोपरान्त मुख्यमंत्री के निर्देश पर निर्णय लिया गया है कि मुख्यमंत्री राहत कोष से लिनचोली से सोनप्रयाग तक के प्रभावितों की क्षतिपूर्ति हेतु जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग से प्राप्त प्रस्तावानुसार उपरोक्त धनराशि स्वीकृत की गई है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि स्वीकृत धनराशि का भुगतान प्रभावितों को करने से पूर्व प्रकरणों का संगत शासनादेशों में किये गये प्रावधानों के तहत परीक्षण तथा प्रभावितों का नियमानुसार सत्यापन करने के उपरान्त पूर्णतः संतुष्ट होने पर भुगतान यथासंभव ई-बैंकिग के माध्यम से सुनिश्चित किया जाएगा। जहां ई-बैंकिग की सुविधा न हो, वहां धनराशि डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से वितरित की जाएगी। प्रभावितों को मुख्यमंत्री राहत कोष से स्वीकृत धनराशि के वितरण के पश्चात् लाभार्थियों का विवरण यथा-नाम, पता, दूरभाष संख्या इत्यादि जनपद स्तर पर सुरक्षित रखे जाने के भी निर्देश वर्णित शासनादेश में दिए गए हैं।


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