उत्तराखंड में लगातार बारिश से जनजीवन प्रभावित : भूस्खलन से 168 सड़क मार्ग बंद,सभी जिलों में स्कूल बंद

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नैनीताल और ऊधमसिंहनगर के साथ सात जनपदों में भारी बारिश का रेड अलर्ट: भवाली अल्मोड़ा हाईवे पर पहाड़ी दरकने से लैंडस्लाइड, काठगोदाम के गौला पुल पर यातायात बंद
देहरादून/हल्द्वानी/ रूद्रपुर। प्रदेश के पर्वतीय जिलों के साथ सात जनपदों में शुक्रवार को भी भारी से भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी की किया गया है। वहीं राज्य के कई जिलों में पिछले तीन दिन से लगातार रिमझिम बारिश का दौर जारी हैं। नैनीताल और ऊधमसिंहनगर जनपद में लगातार बारिश से जनजीवन प्रभावित हो गया है। रातभर से बारिश का सिलसिला जारी रहा जिससे मैदानी जनपदों में तेज हवा के झौंके से कई पेड़ धराशायी हो गये है। जबकि बिजली के कई खंबे गिरने से विद्युत आपूर्ती ठप हो गई। उत्तराखंड में लगातार हो रही वर्षा को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य आपदा परिचालन केन्द्र देहरादून से वर्चुअल बैठक लेते हुए सभी जिलाधिकारियों को पैनी नजर रखते हुए अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिये। उन्होने कहा आपदा, बाढ़, जल भराव, भू कटाव वाले क्षेत्रों में टीमे तैनात रखे व नदी, नालों के जल स्तर पर भी नजर रखी जाये तथा नदी नालों के जल स्तर बढ़ने से पहले ही उनके जद में आने वाले क्षेत्रों से परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर विस्थापित करने के निर्देश भी दिये। मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से देहरादून समेत हरिद्वार, पौड़ी, बागेश्वर, नैनीताल, चंपावत और ऊधमसिंह नगर जिले के अधिकतर हिस्सों में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है, जबकि उत्तरकाशी, टिहरी, चमोली, रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ के कुछ इलाकों में तेज बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इन सभी जिलों में तेज हवा चलने के साथ कई दौर की भारी बारिश होने के आसार हैं। मौसम वैज्ञानिकों ने संवेदनशील इलाकों में सतर्कता से रहने की हिदायत दी है। बारिश के चलते बदरीनाथ हाईवे पर पर्थाडीप भूस्खलन क्षेत्र में मलबा आने से करीब छह घंटे तक वाहनों की आवाजाही थमी रही। इस दौरान बदरीनाथ धाम और हेमकुंड साहिब की तीर्थयात्रा पर जा रहे और यात्रा कर लौट रहे लगभग 750 श्रद्धालुओं के वाहनों के पहिए थम गए। हाईवे के न खुलने पर पुलिस प्रशासन की ओर से वाहनोें की आवाजाही नंदप्रयाग-सैकोट- कोठिया लसैंण सड़क से करवाई गई, जिसके बाद श्रद्धालु अपने गंतव्य के लिए रवाना हुए। बदरीनाथ हाईवे पर्थाडीप में बेहद खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है। यहां करीब 250 मीटर हिस्से में पहाड़ी से भूस्खलन और भूधंसाव हो रहा है। मौसम विज्ञान विभाग की ओर से जारी पूर्वानुमान के अनुसार भारी से भारी बारिश की चेतावनी के चलते प्रदेश के सभी जिलों में शुक्रवार को स्कूल बंद रखने का फैसला लिया गया है। जिला प्रशासनों ने बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर 12वीं तक के सभी तरह के स्कूल बंद रखने का आदेश जारी किया गया है। राज्य में बारिश और भूस्खलन से 168 मार्ग बंद हैं। इसमें राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य मार्ग, बार्डर रोड से लेकर ग्रामीण मोटर मार्ग शामिल हैं। सबसे अधिक प्रभावित चमोली जिला है। यहां पर 29 ग्रामीण मोटर मार्ग, एक राज्य मार्ग और एक मुख्य जिला मार्ग बंद है। चंपावत में 22, नैनीताल में 20, पिथौरागढ़ में 19, टिहरी में 17, रुद्रप्रयाग में 15, पौड़ी गढ़वाल में 13, अल्मोड़ा में नौ, देहरादून में आठ, उत्तरकाशी और बागेश्वर में छह-छह और ऊधम सिंह नगर में दो मार्ग बंद हैं। मार्ग बंद होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा। वहीं लोक निर्माण विभाग के अनुसार, बाढ़ और बारिश से अब तक 50 पुलों को नुकसान पहुंचा है। इसमें 15 पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं, जबकि 35 पुल आंशिक क्षतिग्रस्त हैं। लोनिवि ने मार्गों, सेतुओं और भवनों को पूर्व की स्थिति में लाने के लिए 35,008.67 लाख खर्च होने का अनुमान लगाया है। वहीं उत्तराखंड में लगातार बारिश के बीच ऊंची चोटियों पर बर्फबारी शुरू हो गई है। बदरीनाथ हेमकुंड साहिब और नीती-मलारी घाटी में बर्फबारी से ठंड का एहसास हो रहा है। चमोली जिले में ऊंची चोटियों पर बर्फबारी के बाद पारा लुढ़क गया है। उत्तरकाशी में भी गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की पहाड़ियों पर बर्फबारी हुई है। मौसम विभाग ने शुक्रवार को भी भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है। चारों धाम में भारी वर्षा के साथ ही ऊंची चोटियों पर बर्फबारी का दौर शुरू हो गया है। चमोली जिले में बुधवार रात से गुरुवार देर शाम तक वर्षा होती रही। इसके साथ ही बदरीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब और नीती-मलारी घाटी में बर्फबारी होने से ठंड का एहसास होने लगा है। बीते दिन बदरीनाथ और केदारनाथ धाम की ऊंची चोटियों पर सीजन की पहली बर्फबारी हुई थी। उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की पहाड़ियों पर गुरुवार को सीजन का पहला हिमापत हुआ। बर्फबारी का दृश्य देख श्रद्धालु भी खासे उत्साहित हैं। उत्तरकाशी जिले में मौसम विज्ञान विभाग ने शुक्रवार को भी भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है। इसे देखते हुए जिलाधिकारी डा. मेहरबान सिंह बिष्ट ने 13 सितंबर को जनपद में 12वीं तक के सभी विद्यालयों और आंगनबाड़ी केद्रों में अवकाश घोषित किया है। बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर कमेडा के पास हुए लैंडस्लाइड के कारण मार्ग अवरुद्ध हो गया है, जिससे यात्रियों और स्थानीय निवासियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इस संकट के दौरान स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस बल तैनात किया है। पुलिस के जवानों द्वारा वहां मौजूद लोगों को सुरक्षा के दृष्टिगत सुरक्षित स्थानों की ओर निर्देशित किया जा रहा है। हमारी प्राथमिकता है कि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जाए और लोगों को सुरक्षित रखा जाए। लगातार हो रही बारिश से केदारनाथ पैदल यात्रा दिनभर बंद रही। इस दौरान पैदल मार्ग और पड़ावों पर सन्नाटा पसरा रहा। खराब मौसम और सुरक्षा के चलते केदारनाथ से भी किसी को नीचे की तरफ नहीं भेजा गया। यात्रा बंद होने के कारण सोनप्रयाग में लगभग 2,500 यात्री रुके हुए हैं। बृहस्पतिवार सुबह से जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग से केदारनाथ तक तेज बारिश हो रही है। बीच-बीच में कुछ देर के लिए रुककर बारिश दोबारा तेज हो रही है। इससे भूस्खलन व भू-धंसाव जोन सक्रिय हो रहे हैं। वहीं, खराब मौसम व सुरक्षा कारणों से सोनप्रयाग से केदारनाथ पैदल यात्रा भी दिनभर बंद रही। इस दौरान किसी को भी सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक नहीं जाने दिया गया, क्योंकि क्षेत्र में भूस्खलन जोन सक्रिय होने से निरंतर खतरा बना हुआ है। उधर, अतिवृष्टि से प्रभावित गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग बारिश से और भी संवेदनशील हो गया है। यहां, कई जगहों पर पत्थर गिरने का खतरा बना है।उधर, सोनप्रयाग में तैनात सेक्टर मजिस्ट्रेट राकेश सिंह ने बताया, सुरक्षा और मौसम के चलते पैदल यात्रा रोकी गई है। शुक्रवार को मौसम के ठीक होने पर ही यात्री केदारनाथ के लिए भेजे जाएंगे। दिनभर रुक-रुककर बारिश के चलते केदारनाथ से लगी हिमालय की पर्वत श्रृंखलाओं पर बृहस्पतिवार को जमकर हिमपात हुआ। लगातार दूसरे दिन खराब मौसम के कारण केदारनाथ धाम सहित पड़ावों पर भी ठंड बढ़ने लगी है।
भवाली अल्मोड़ा हाईवे पर पहाड़ी दरकने से लैंडस्लाइड, काठगोदाम के गौला पुल पर यातायात बंद
नैनीताल में भारी बारिश ने कहर बरपाया हुआ है। बारिश के चलते भवाली अल्मोड़ा हाईवे पर पहाड़ी दरकने से लैंडस्लाइड हो गया है. जहां खैरना के पास भारी मलबा आने से हाइवे बंद हो गया है।  वहीं क्वारब के पास भी सड़क पर भारी मलबा आ गया है। मलबा आने से हाईवे पर यातायात पूरी तरह से बंद हो गया है। पुलिस और प्रशासन की टीम जेसीबी की मदद से हाइवे खोलने में जुटी हुई है।  हाइवे बंद होने के बाद पुलिस ने रुट डायवर्ट कर दिया है।  बता दें अब वाहनों को वाया रानीखेत होते हुए अल्मोड़ा भेजा जा रहा है।  जिससे यात्रियों को भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। भारी बारिश के कारण जिले की 29 सड़कें बंद है।  पिछले 24 घण्टे में हल्द्वानी में 165 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई है।  वहीं भारी बारिश के चलते गौला नदी का जलस्तर भी बढ़ गया है।  गौला नदी से 41364 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।  प्रशासन ने तराई के क्षेत्रों को अलर्ट मोड़ पर रहने के लिए कहा है।  प्रशासन की ओर से नदी के आसपास रहने वाले लोगों से सुरक्षित स्थान पर जाने की अपील की जा रही है। वहीं काठगोदाम के गौला पुल पर यातायात बंद किया गया है।  गौला नदी से पानी छोड़ने के बाद खतरे की स्थिति को देखते हुए यातायात बंद करने का फैसला लिया गया है. पुल पर यातायात बंद होने से लोगों की मुश्किलें बढ़ गई है. बता दें NH द्वारा दी गयी सलाह के बाद प्रशासन ने ये फैसला लिया है।







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