प्रदेश भर में चलेगा “राष्ट्रीय कृमि मुक्ति” अभियान: बच्चों को समय पर दवाईयां लेने और स्वच्छता की आदतों को अपनाने की आवश्यकता
लगभग 23 हजार निजी व सरकारी स्कूलों और 20 हजार आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से कृमि नियंत्रण की दवा खिलाने का लक्ष्य
देहरादून। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा उत्तराखण्ड में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के अवसर पर गांधी इंटरमीडिएट कॉलेज, देहरादून में राज्य स्तरीय शुभारंभ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान श्रीमती स्वाति एस. भदौरिया, मिशन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा गांधी इंटरमीडिएट कॉलेज के छात्रों को कृमि मुक्ति की दवाई खिलाकर राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस की शुरुआत की गई।उद्घाटन समारोह में श्रीमती स्वाति एस. भदौरिया ने कहा कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला और बच्चों के स्वास्थ्य की स्थिति सुधारने के लिए सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों का जिक्र किया। उन्होंने कृमि संक्रमण के दुष्प्रभावों को समझाते हुए सभी बच्चों को समय पर दवाईयां लेने और स्वच्छता की आदतों को अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, स्वास्थ्य विभाग बच्चों व किशोर किशोरियों के स्वास्थ्य को सुधारने के लिए लगातार प्रतिबद्ध है। स्वास्थ्य विभाग का लक्ष्य बीमारियां, संक्रमण और मृत्यु दर को कम करने के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है। बच्चों व किशोर-किशोरियों के बेहतर स्वास्थ्य व पोषण हेतु स्वास्थ्य विभाग लगातार राष्ट्रीय कार्यक्रमों का संचालन भारत सरकार के सहयोग से करता आ रहा है।उन्होंने कहा कि, ‘राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस’ एक अहम कदम है बच्चों की एक तंदुरूस्त पीढ़ी के निर्माण के लिए जो शरीर और मन दोनों को स्वस्थ करने में मदद करता है। बच्चों, किशोर व किशोरियों में एनीमिया के स्तर को कम करने के लिये समस्त बच्चों को कृमि मुक्त करना अति आवश्यक है। इस ‘राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस’ कार्यक्रम का यही लक्ष्य है।राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के इस चरण में 37.29 लाख बच्चों और किशोर-किशोरियों को लगभग 23 हजार निजी व सरकारी स्कूलों और 20 हजार आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से कृमि नियंत्रण की दवा खिलाने का लक्ष्य रख गया है। कार्यक्रम के दौरान प्रधानाचार्य एम.सी. गौतम, डॉ संजय जैन मुख्य चिकित्सा अधिकारी देहरादून, डॉ कुलदीप मार्तोलिया सहायक निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, डॉ अर्चना ओझा सहायक निदेशक, आदि अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।