आखिर एसएलओ के बैंक खाते में किसने लगाई करोड़ों की सेंध ? रूद्रपुर के इंडसइंड बैंक में पुलिस ने खंगाली सीसीटीवी फुटेज

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एसएलओ ऊधमसिंहनगर के फर्जी हस्ताक्षर से तीन चैक लगाकर 13 करोड़ 51 लाख रुपये की धनराशि निकाली
रूद्रपुर(उद संवाददाता)। प्रदेश में लगातार सरकारी खजाने की बंदरबांट और फर्जीवाड़े के मामले बढ़ते जा रहे है। विशेष अध्याप्ति अधिकारी (एसएलओ) के खाते से फर्जी हस्ताक्षरों से चेकों से 13 करोड़ रुपये निकालने का मामला सामने आया है। सोमवार को कलक्ट्रेट स्थित एसएलओ कार्यालय में एनएच 74 के मुआवजे को लेकर एनएचएआई और एसएलओ की ओर से समीक्षा की जा रही थी। जब निजी बैंक में मुआवजे की रकम का सरकारी खाता जांचा गया तो उसमें से करोड़ों रुपयों का अंतर आया था। इससे अधिकारियों में खलबली मच गई। इसकी सूचना डीएम और एसएसपी को दी गई। शाम चार बजे एसएलओ कौस्तुभ मिश्रा, एसपी क्राइम चंद्रशेखर आर घोड़के, एसपी सिटी मनोज कत्याल, एएसपी निहारिका तोमर, एनएच के अधिकारी फोर्स के साथ नैनीताल रोड स्थित इंडसइंड बैंक पहुंच गए। उन्होंने बैंक का शटर गिरकर अधिकारी और कर्मचारियों से अलग-अलग पूछताछ की। टीम ने चेक से जिन खातों में रकम ट्रांसफर की गई, उनकी भी जांच की। करीब पांच घंटे बाद एसएलओ कौस्तुभ मिश्रा ने बताया कि एनएच के खातों का मासिक मिलान होता है। मिलान के दौरान पता चला कि 13 करोड़ रुपये गायब हैं। जब पुलिस और एनएच अधिकारियों के साथ बैंक में आकर जांच की गई तो पता चला कि एसएलओ ऊधमसिंहनगर के फर्जी हस्ताक्षर से तीन अवैध चेकों के माध्यम से 13 करोड़ 51 लाख रुपये की धनराशि निकाली गई थी। इसके अलावा बागपत के एसएलओ के फर्जी हस्ताक्षर से एक अवैध चेक से चार करोड़ 41 लाख रुपये इसी बैंक के जरिए निकाली गई थी। कुछ चेक 28 अगस्त और कुछ 31 अगस्त को लगाए गए हैं। यह एनएच के खाते में सुरक्षित धनराशि है, इससे मुआवजा बांटते हैं। यह एनएच 74 के नाम से पुराने चेकों के माध्यम से भुगतान का मामला है। एसएलओ मिश्रा ने बताया कि जिन तीन चेकों से रुपये निकाले गए हैं, वे तीनों वास्तविक चेक कार्यालय में रखी चेक बुक में सुरक्षित हैं। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि चेकों की डुप्लीकेट कापी बनाकर बैंक में भुगतान के लिए लगाया गया है। कहा कि शामली के एसएलओ का फर्जी हस्ताक्षर कर अवैध चेक इस बैंक में लगाने की जांच की जा रही है। सरकारी खाते से करोड़ों रुपये की रकम निकलने से अफसरों के पैरों तले जमीन खिसक गई है। बैंक में घुसते ही पुलिस टीम ने अलग-अलग टास्क पर काम करना शुरू कर दिया। टीमों ने अधिकारी, कर्मचारियों से पूछताछ की तो एक टीम ने 28 अगस्त और 31 अगस्त की फुटेज खंगाली। इस दौरान बैंक में आए ग्राहकों को चिन्हित किया गया है। दो दिन आने वाले ग्राहकों की फुटेज को अलग कर चिहिन्त कर उनको तस्दीक करने की कार्यवाही शुरू कर दी गई है।
सरकारी खाते से निकाले गए पूरे रुपयों को रिकवर करने की कोशिश की जा रही
एसपी क्राइम चंद्रशेखर आर घोड़के ने बताया कि एसएलओ के खाते से फर्जी तरीके से चेक लगाकर करोड़ों रुपये निकालने का मामला संज्ञान में आते ही जांच शुरू कर दी गई थी। अब तक विभिन्न खातों में गई छह करोड़ की धनराशि को फ्रीज कर दिया गया है। जो रुपया गया है, उसे सुरक्षित कर वापस करने के टास्क पर काम किया जा रहा है। एसएलओ की ओर से दी गई तहरीर पर केस दर्ज कर विस्तृत जांच की जाएगी। एसएलओ ने संबंधित आथोरिटी को अवगत कराया दिया गया है और एसएलओ शामली को भी अगत करा दिया गया है। शामली के बारे में वहीं के एसडीएम अपने क्षेत्र में कार्रवाई करेंगे। अभी सरकारी खाते से निकाले गए पूरे रुपयों को रिकवर करने की कोशिश की जा रही है। जो लोग इसमें शामिल हैं, उनको चिहिन्त कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। एसपी सिटी और एएसपी इस मामले को लगातार मॉनीटरिंग कर रहे हैं। यह साइबर अपराध की श्रेणी में नहीं आता है। इस मामले में बैंक में आकर किसी व्यक्ति ने फर्जी चेक लगाकर मामले को अंजाम दिया गया है। बैंक अधिकारी और कर्मचारियों की भूमिका भी जांच की जा रही है। बैंक में फर्जी चैक लगाकर करोड़ो की रकम पार करने के मामले को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। इतनी बड़ी रकम सरकारी खातों से चेकों के माध्यम से भुगतान कर दी गई, लेकिन बैंक अधिकारियों ने इस बारे में एक बार भी एसएलओ दफ्तर से जानकारी करना जरूरी नहीं समझा। एसपी क्राइम चंद्रशेखर आर घोड़के ने बताया कि इसमें प्रथम दृष्ट्रया बैंक की ओर से लापरवाही दिख रही है।इसमें किसी की जानबूझकर लिप्तता जांच के बाद ही पता चलेगी।

 

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