500 करोड़ में सरकार गिराने की ‘साजिश’पर सियासत तेज,स्पीकर ले सकती हैं एक्शन?

0

अब पूर्व सीएम हरीश रावत ने उत्तराखंड विधानसभा स्पीकर ऋतु खंडूरी से की सदन की सर्वदलीय कमेटी गठित करने की मांग
देहरादून(उद ब्यूरो)। उत्तराखंड में 500 करोड़ में सरकार गिराने की साजिश के बयान को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री एवं हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने विधायकों व स्पीकर के रवैये को लेकर गंभीर सवाल उठायें है। वहीं अब पूर्व सीएम हरीश रावत ने उत्तराखंड विधानसभा स्पीकर से सदन की सर्वदलीय कमेटी गठित करने की मांग करते हुए एक पोस्ट साझा की है। हरदा के अनुसार अनुभवी सुपारी किलर के रहस्योद्घाटन, मुख्यमंत्री जी की टिप्पणी के बाद अब दो पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. निशंक और श्री त्रिवेंद्र उस षडड्ढंत्र की आग जहां जल रही है उसके निकट तक पहुंच चुके हैं, उनको सिर्फ इंतजार है स्पीकर महोदया के एक्शन का और मेरे विचार में भी इसमें सदन की एक कमेटी तो बननी चाहिए जिसमें विपक्ष को भी शामिल किया जाना चाहिए। सदन में कहा है तो केवल खुफिया एजेंसियों पर क्यों निर्भर रहा जाए! जैसा मुख्यमंत्री जी ने कहा है। स्पीकर महोदया बैकअप! दो पूर्व मुख्यमंत्रियों ने ललकारा है। मैं भी आपसे अनुरोध कर रहा हूं कि एक कमेटी गठित करिए। गैरसैण विधानसभा में मानसून सत्र के दज्ञैरान सदन में निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के सरकार गिराने की साजिश के बयान के बाद प्रदेश में राजनीति गरमा गई है। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री निशंक के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत भी खुलकर सामने आये हैं। त्रिवेंद्र रावत ने खानपुर विधायक उमेश पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके बयान की जांच होनी चाहिए। इस तरह के बयानों से कानून व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। बता दें 500 करोड़ में सरकार गिराने वाले बयान पर त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि विधायक उमेश कुमार के बयान की जांच होनी चाहिए। सरकार और विधायकों को विधायक के इस बयान का खंडन करना चाहिए था। ऐसे बयानों से जनता के मन में सवाल उठते हैं। त्रिवेंद्र ने कहा अगर ये बयान सच है तो ये सरकार के खुफिया तंत्र का फैलियर है। उन्होंने कहा इस मामले में स्पीकर खंडूरी को विधायक से साक्ष्य मांगने चाहिए थे। क्योंकि खानपुर विधायक का ये बयान विधानसभा की कार्यवाही में दर्ज है। ऐसे में ये मामला और भी ज्यादा गंभीर हो जाता है। उधर इस मामले पर गरमाती सियासत के बीच विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी का बयान भी सामने आया है। विस अध्यक्ष की माने तो विधानसभा अध्यक्ष का पद तटस्थ होता है। सदन में किसी सदस्य की ओर से कोई बात कही जाती है और उस बात को पक्ष विपक्ष उठाता है तो विधानसभा अध्यक्ष संज्ञान लेता है, लेकिन स्पीकर सदन में सदस्य की ओर से अपशब्द कहने या उस सदस्य को जिक्र करने पर जो सदन में मौजूद नहीं है, के बारे में स्वतः संज्ञान लेता है। सदस्य की बात पर पक्ष-विपक्ष कुछ नहीं कहता तो पीठ से विनिश्चय देना नियम विरुद्ध होता है।गौरतलब है कि पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक के बयान का समर्थन करते हुए कहा, यह 70 विधायकों की साख का सवाल है। सरकार गिराने की साजिश से जुड़े बयान की जांच होनी चाहिए। पूर्व सीएम निशंक ने इस पूरे मामले की जांच की मांग उठाई। अब पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत भी मसूरी के कार्यक्रम में डॉ. निशंक के बयान का समर्थन किया। कहा राज्य में भ्रम की स्थिति हो गई है। सरकार गिराने के लिए 500 करोड़ रुपये के मामले पर डॉ. निशंक ने जो कहा, उससे सौ फीसदी सहमत हूं। इस पर किसी भी विधायक ने सदन के अंदर या बाहर अभी तक कोई खंडन नहीं किया। सरकार ने भी अभी तक कोई खंडन नहीं किया। इससे जनमानस में गलत संदेश जा सकता है। जिस व्यक्ति ने यह मामला उठाया और कोई विश्वसनीय व अनुभवी व्यक्ति नहीं है। उसको उत्तराखंड के सरोकारों से कोई लेना देना नहीं है, लेकिन विस में कोई बात उठी है और वह सदन की कार्यवाही का हिस्सा बना है, तो उनसे भी पूछा जाना चाहिए कि इसके प्रमाण दें। हमारा खुफिया तंत्र क्या कर रहा है। स्पीकर अगर मामले में प्रमाण मांगती तो अच्छा होता। वहीं पूर्व सीएम हरीश रावत ने फेसबुक में लिखा, वाह निशंकजी, सरकार गिराने की कथानक पर आपका बयान देखा। बहुत बहादुरी दिखाई। आपने स्पष्ट कहा, सरकार गिराने की साजिश का पर्दाफाश होना चाहिए। यह सरकार गिराने की आग जहां जल रही है, हम तो केवल धुएं को देखकर अंदाजा लगा रहे हैं, लेकिन लगता है कि आप आग के नजदीक तक पहुंच गए हैं।

Leave A Reply

Your email address will not be published.