सरकार गिराने की साजिश के बयान से सियासी उबालः पूर्व सीएम निशंक ने पूछा, निर्दलीय विधायक ने सदन में किस आधार पर कही बात ?
सोशल मीडिया पर मचा घमासानः पूर्व सीएम निशंक की प्रतिक्रिया खूब हो रही है वायरल
देहरादून(उद ब्यूरो)। उत्तराखंड में सरकार गिराने की साजिश रचने के बयान को लेकर सियासी गलियारों में चर्चायें तेज हो रही है।विधायक के इस बयान को लेकर जहां सियासत गरमा गई है तो वहीं विधायक पर भी सवाल उठने लगे हैं। इसको लेकर अब पूर्व सीएम निशंक का बयान सामने आया है। जिसके बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या इस मामले में सरकार जांच कराएगी ? भराड़ीसैंण विधानसभा में 500 करोड़ से प्रदेश की भाजपा सरकार को गिराने के निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के बयान से प्रदेश की सियासत गरमा उठी है। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने सरकार गिराने की साजिश वाले बयान को बेहद गंभीर बताया है। उनका कहना है कि इस मामले की हर हाल में जांच होनी चाहिए। सोशल मीडिया पर निशंक की प्रतिक्रिया खूब वायरल हो रही है। इस मामले में विपक्ष ने उमेश कुमार पर तंज किया है कि धामी सरकार के गिराने की साजिश को लेकर उमेश कुमार क्यों परेशान हैं। डॉ. निशंक का कहना है कि विधानसभा का सदन कोई नुक्कड़ नहीं कि वहां बिना प्रमाणिकता के कोई भी बात कह दी जाए। सदन की गरिमा है और यदि यह बात कही है तो इसमें सत्यता होगी। इसलिए इसकी गंभीरता को समझना चाहिए। प्रदेश की जनता को यह जानने का अधिकार है कि आखिर सरकार गिराने की साजिश के पीछे कौन है? यह बात कहां से आई, क्यों और आई? लोकतंत्र के लिए इससे खतरनाक बात कोई और नहीं हो सकती है कि एक चुनी सरकार को गिराने की कोशिश हो रही है। इसका खुलासा होना चाहिए। चूंकि यह बयान सदन में दिया गया है तो विधानसभा अध्यक्ष को भी इसका संज्ञान लेना चाहिए। गौरतलब है कि मानसून सत्र में निर्दलीय विधायक ने 500 करोड़ रुपए से उत्तराखंड की सरकार गिराने की साजिश की बात कही थी। जिसके बाद से इसको लेकर चर्चाओं के बाजार गर्म हैं। इस पर पूर्व सीएम रमेश पोखरियाल निशंक का बयान भी सामने आया है। उनका कहना है कि विधानसभा में हर बात गंभीरता से होनी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि अगर निर्दलीय विधायक ने आरोप लगाए हैं आरोप सिद्ध भी होने चाहिए। पूर्व सीएम निशंक के इस बयान के सामने आते ही मामला और भी गंभीर होता जा रहा है। क्योंकि अमूमन निशंक का बयान गंभीर मसलों पर ही देखा जाता है। दिल्ली दौड़ के दौरान सियासी गलियारों में सरकार बदलने की चर्चाओं ने भी जोर पकड़ा था। इसके ठीक बाद सत्र के दौरान विधायक उमेश कुमार का ये कहना कि सरकार गिराने की तैयारी की जा रही थी। ऐसे में कई सवाल उठने लगे हैं कि आखिर सरकार बदलने की चर्चाएं कहां से शुरु हुई ? विधायक किस आधार पर ये सब बाते कह रहे हैं। जिसका सबूत निशंक भी मांग रहे हैं। पूर्व सीएम के बयान के बाद अब इस बात को लेकर सवाल उठने लगे हैं कि क्या उत्तराखंड में 500 करोड़ से सरकार गिराने की कोशिश की जांच कराई जाएगी। पूर्व सीएम निशंक उत्तराखंड बीजेपी के दिग्गज चेहरों में से एक हैं। इसके साथ ही संगठन में भी उनका कद काफी बड़ा है। क्या ऐसे में उनकी मांग पर इस मामले की जांच कराई जाएगी? हांलाकि निर्दलीय विधायक के बड़बोले बयान को लेकर धामी सरकार ने मौन साधा हुआ है। उत्तराखंड में सरकार को अस्थिर करने के प्रयासों को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व सीएम हरीश रावत ने भी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त कर जांच की मांग की है। जबकि सत्र के दौरान दिए बयान के बाद अब भाजपा में भीतरखाने बगावत की ज्वाला भड़काने वाले विधायक के खिलाफ सवाल उठाये जा रहे है। क्योंकि गुप्ता बंधुओं की आड़ में बिना विधायकों की बगावत और मैनेजमैंट के सरकार गिराने का कारनामा करना मुमकिन नहीं है। ऐसे में भाजपा के भीतर ऐसे कौन लोग हो सकते हैं जो धामी सरकार में अस्थिरता पैदा कर सकते है। बहरहाल निर्दलीय विधायक के बयान की जांच को लेकर सबकी निगाहे टिकी हुई है। माना जा रहा है कि विधायक अब अगर सच्चाई उजागर नहीं कर पाते हैं तो यह खोखले बयानों के सहारे कही नहीं उनकी सुर्खियों में छाये रहने की लत भी हो सकती है। वहीं दूसरी तरफ पाखरो रेंज घोटाले में घिरे पूर्व वन मंत्री डा. हरक सिंह रावत को ईडी ने फिर सोमवार को को पूछताछ के लिए नोटिस भेजा है।
जांच करायें तो कई चेहरे बेनकाब हो जाएंगे !
देहरादून। निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने फेसबुक पोस्ट पर लिखा कि 500 करोड़ में सरकार गिराने की साजिश के सूत्र के बारे में पूछ रहे हो तो सुनो…तुम क्या चाह रहे हो? सूत्र की हत्या हो जाए? मैं तो दावे के साथ इस बात को कह रहा हूं कि सरकार इसकी जांच कराएगी तो कई चेहरे बेनकाब हो जाएंगे। जिस सवाल को लेकर आपके मन में कुलबुलाहट हो रही है कि उमेश कुमार को सपना आया? उमेश कुमार को कैसे पता? तो आपको बता दूं कि मैंने बहुत जिम्मेदारी से इस सवाल को उठाया है। मैं कभी भी राजनीतिक अस्थिरता का पक्षधर नही रहा पर आखों के सामने हो रहे भ्रष्टाचार को डाइजेस्ट करने वालों में से भी नही हूं। इस राज्य में राजनीतिक अस्थिरता की परंपरा की शुरुवात करने वाले कौन लोग थे ? सोचा कभी आपने ? पूर्व सीएम निशंक से लेकर हरीश रावत और त्रिवेंद्र रावत के कार्यकाल में ही राज्य में अस्थिरता आई और इन तीनों के कार्यकाल में ही इन चर्चित गुप्ता ब्रदर्श को वाई,जेड सुरक्षा से लेकर , व्यापार तक करने की खुली छूट दी गई।500 करोड़ में सरकार गिराने की साजिश के सूत्र के बारे में पूछ रहे हो तो सुनो….. तुम क्या चाह रहे हो ??सूत्र की हत्या हो जाए ??मैं तो दावे के साथ इस बात को कह रहा हूं कि सरकार इसकी जांच करवाएगी तो कई चेहरे बेनकाब हो जाएंगे। जिस सवाल को लेकर आपके मन में कुलबुलाहट हो रही है कि – उमेश कुमार को सपना आया ? उमेश कुमार को कैसे पता ? तो आपको बता दूं कि मैने बहुत जिम्मेदारी से इस सवाल को उठाया है क्योंकि इससे पहले भी पत्रकारिता के माध्यम से मैं उत्तराखंड में भ्रष्टाचार के कई बड़े घोटालों का खुलासा कर चुका हूं ।