भगवान श्री कृष्ण का 5251वां जन्मोत्सव: ‘जन्माष्टमी’ पर बन रहे हैं ‘द्वापर काल’ जैसे शुभ योग
रुद्रपुर। योगेश्वर भगवान श्री कृष्ण का 5251वां जन्मोत्सव आज संपूर्ण विश्व में बड़ी ही श्रद्धा एवं धूमधाम से मनाया जा रहा है। अबकी बार की कृष्ण जन्माष्टमी की सबसे खास बात तो यह है कि इस बार इस पावन पर्व पर द्वापर काल जैसे चार शुभ योग बन रहे हैं ।धर्माचार्यों का मत है कि उपरोक्त शुभ संयोग में भगवान श्री कृष्ण की आराधना का साधक को विशेष फल प्राप्त होगा। इस बार की जन्माष्टमी की दूसरी खास बात यह है कि आज यह पर्व भारत के सभी बड़े धार्मिक नगरों में एक साथ मनाया जा रहा है ।आमतौर पर तिथियों की घट-बढ़ होने के कारण जन्माष्टमी का पर्व दो दिन मनाया जाता है। ऐसा शैव और वैष्णव परंपराओं में भिन्नता होने के कारण होता है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा।इस बार मथुरा, वृंदावन के साथ ही उज्जैन तथा काशी के कृष्ण मंदिरों में भी आज सोमवार को ही जन्माष्टमी पर्व मनाया जाएगा। इस्कॉन मंदिरों में भी आज ही श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की धूमधाम रहेगी। वैदिक पंचांग के अनुसार इस साल की जन्माष्टमी के मौके पर बिल्कुल वही योग बन रहे हैं, जो 5251 साल पहले श्री कृष्ण के जन्म के समय द्वापर युग में बने थे। द्वापर युग में भाद्रपद माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को आधी रात में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म सोमवार के दिन जयंती नामक शुभ योग हुआ था। बता दें कि जब भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था, उस दिन सोमवार को रोहिणी नक्षत्र के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग बना था तथा चंद्रमा वृषभ राशि में गोचर कर रहे थे। भगवान के जन्म के समय रोहिणी नक्षत्र, अष्टमी तिथि, स्वार्थ सिद्धि योग, वृषभस्थ चंद्र के संयोग से जयंती योग बना था। यही दुर्लभ योग 5251 साल बाद कृष्ण जन्माष्टमी पर आज बना रहा है । हिंदू पंचांग के अनुसार अष्टमी तिथि प्रारम्भ आज 26 अगस्त को तड़के 3 बजकर 39 मिनट पर तथा अष्टमी तिथि की समाप्ति 27अगस्त को रात्रि 02 बजकर 19 मिनट पर होगी। इसी प्रकार रोहिणी नक्षत्र का आरंभ 26, अगस्त को प्रातः 03.55 बजे तथा समाप्ति 27अगस्त को प्रातः 03.38 होगी। धर्माचार्य के अनुसार भगवान की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त आज देर रात 12.00 बजे से लेकर 12.45 बजे तक रहने वाला है। इस प्रकार पूजा की कुल अवधि 45 मिनट तक की है । आज के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण तो हो ही रहा है ,साथ ही आज शिव वास योग बनने से आज का दिन और भी विशिष्ट हो गया है। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार आज के दिन बनने वाले शुभ योग जीवन में हर्ष और उल्लास वाले योग हैं। ये योग जीवन में तरक्की और सफलता के योग सिद्ध हो सकते हैं। इन योगों में पूजा करने पर जातकों के पारिवारिक जीवन में खुशियों की बौछार होगी। स्वयं महादेव और मां पार्वती की कृपा बरसेगी। इन संयोगों के अलावा आज 25 अगस्त की रात 10.19 पर चंद्रमा वृषभ राशि में प्रविष्ट हो चुके हैं। उनके राशि परिवर्तन का असर जन्माष्टमी का व्रत करने वाले जातकों पर भी दिखाई देगा। इसलिए यह बेहद खास संयोग माना जा रहा है क्योंकि भगवान श्री कृष्ण की लग्न राशि वृषभ है। इनके अलावा शनि के कुंभ राशि में होने से पंचमहापुरुषों में से एक शश योग भी रहेगा। इतने सारे शुभ योगों में जन्माष्टमी व्रत करने से कईं गुना अधिक फल मिलेगा।