विपक्ष के सवालों का सामना नहीं कर पा रही सरकार: यशपाल आर्य

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गैरसैण(उद संवाददाता)।नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि सरकार में विपक्ष के सवालों का सामना करने की ताकत नहीं है। इसीलिए बार- बार सत्र की अवधि कम रखी जाती है। संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि आज आपदा जैसे अहम विषय पर सरकार अब तक की वस्तुस्थिति रखने आई। गैरसैंण में मानसून सत्र की अवधि और मुद्दों पर चर्चा के विषय पर सरकार और विपक्ष आमने- सामने रहे। जहां विपक्ष ने सरकार पर सत्र की अवधि कम रखने और मुद्दों पर चर्चा से बचने का आरोप लगाया। वहीं, सरकार का कहना है कि विपक्ष चर्चा करना ही नहीं चाहता। चूंकि, विपक्ष में सच्चाई सुनने की क्षमता नहीं है, इसलिए सदन से वॉक आउट कर दिया जाता है। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि सरकार में विपक्ष के सवालों का सामना करने की ताकत नहीं है। इसीलिए बार- बार सत्र की अवधि कम रखी जाती है। विस परिसर में मीडिया कर्मियों से बातचीत में आर्य ने कहा कि जब- जब विपक्ष जनता और राज्य हित से जुड़ा विषय सदन में लाता है तो उस पर चर्चा करने में अड़चन पैदा की जाती है। आज आपदा जैसे महत्वपूर्ण विषय पर भी सरकार की संवेदनशीलता साफ जाहिर हो चुकी है। बीते रोज कानून व्यवस्था पर भी सरकार ने गलत आंकड़े पेश किए। काम रोको प्रस्ताव लाना विपक्ष का अधिकार है, लेकिन आज क्या हुआ किसी से छिपा नहीं। कांग्रेस राज्य और जनहित के विषयों पर सड़क से सदन तक अपना संघर्ष लगातार जारी रखेगी। मीडिया से वार्ता करते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कई मुद्दो ंपर सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किये। आर्य के अनुसार खनन के नाम पर खोली गई प्राइवेट चेक पोस्ट में जमकर उगाही हो रही है। सवाल यह है कि आखिर वो ऊपर वाला कौन है, जिसके दम पर लूट की जा रही है। लोगों से वसूली की जा रही है। लोगों का कहना है कि जो लोग मुख्यमंत्री से शिकायत करने की बात से भी नहीं डरते हैं, ऐसे लोगों पर किसका हाथ हो सकता है? आज सबसे बड़ा प्रश्न है कि आखिर देवभूमि में किसके इशारे पर माफियाराज को स्थापित किया जा रहा है? मैं हैरान हूं इस नए नवेले माफियातंत्र के आगे हमारे पुलिस के सिपाही से लेकर अधिकारी गिड़गिड़ा रहे हैं। आखिर कहां से हासिल की है इन माफियाओ ने इतनी ताकत? आज सरकार उत्तराखंड की जल, जंगल और जमीन को बेचने में जुटी हुई है। हमारी नदियों – गधेरों पर खनन का अधिकार भी आज यहाँ के निवासियों से छीना जा रहा है, एक के बाद एक नदियों, नालों, गधेरों के पाटों में निजी पðे दिये जा रहे हैं। ये निजी कंपनियां धीरे-धीरे बालू- बजरी निकालने और ढोने का काम भी स्थानीय लोगों से छीन लेंगे । कांग्रेस राज्य के जल-जंगल-जमीन की निजी हाथों में नीलामी के इस षडयंत्र को कामयाब होने नही देगी। कांग्रेस लूट की छूट वाले इन निर्णयों के हर स्तर पर बिरोध करेगी। 50 साल के कानूनन भूमिधरी अधिकारों और सीलिंग के सभी निर्णयों के बाद भी जिला अधिकारी उधमसिंह द्वारा गीटा एक्ट में नोटिस देना और संक्रमणीय अधिकार वाले हजारों भूमिधरों की भूमि की खरीद- बिक्री रोकने के निर्णय 20 गांवों के निवासियों को अकारण परेशान करने वाला निर्णय है या इन नोटिसों को किसी छुपे हुए उद्देश्य को पुरा करने के लिए दिया गया ।आज भी सारे किसान भाई न्याय कि माँग को लेकर धरने पर बाजपुर में बैठे है लेकिन गूँगी बाहरी सरकार सोई हुई है ।

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