धामी सरकार की पैरवी से ‘आपदा पीड़ितो’ को बड़ी राहतः आपदा से क्षतिग्रस्त परिसम्पत्तियों एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की दरों का हुआ पुनर्निर्धारण
देहरादून(उद संवाददाता)। उत्तराखंड में हर वर्ष आपदा से हुए परिसम्पत्तियों के नुकसान की क्षतिपूर्ती को लेकर प्रदेश की धामी सरकार के प्रयासों के बाद केंद्र सरकार ने आपदा पीड़ितो को भी बड़ी राहत दी है। गृह मंत्रलय भारत सरकार, आपदा प्रबंधन प्रभाग द्वारा एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की दरों का पुनर्निर्धारण किए जाने पर राज्य कैबिनेट ने प्रधानमंत्री एवं गृह मंत्री का धन्यवाद एवं आभार प्रकट किया है। इस मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के स्तर से प्रभावी पैरवी की गई। जिसके सकारात्मक परिणाम सामने हैं। दरअसल, पूर्व में एसडीआरएफ की मदों में रिकवरी एवं पुनर्निर्माण के लिए मानक तय नहीं थे और दरें भी काफी कम थी। इसके चलते आपदा से क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों की मरम्मत में व्यवहारिक परेशानियों का सामना करना पड़ता था। इन व्यवहारिक कठिनाइयों को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री द्वारा कई बार गृह मंत्रलय, भारत सरकार को पत्र प्रेषित करते हुए अनुरोध किया गया था। मुख्यमंत्री द्वारा व्यक्तिगत रूप से भी प्रधानमंत्री व गृह मंत्री से मिलकर एसडीआरएफ के मानक की धनराशि बढ़ाये जाने के लिए कई बार अनुरोध किया गया। उनके द्वारा इस बारे में उत्तराखण्ड की विषम भौगोलिक परिस्थितियों का हवाला देते हुए धनराशि बढ़ाये जाने के लिए प्रभावी पैरवी की गई। जिसके फलस्वरूप भारत सरकार, गृह मंत्रलय द्वारा अब रिकवरी और पुनर्निर्माण के संबंध में 14.08.2024 को विस्तृत नवीन दिशा-निर्देश निर्गत कर दिए गए हैं और विभिन्न कार्यों के लिए लागू मानकों में वृद्धि कर दी गई है। ऐसा करने से उत्तराखण्ड जैसे आपदा से प्रभावित राज्य को अत्यधिक लाभ होगा तथा आपदा से क्षतिग्रस्त परिसम्पत्तियों की मरम्मत में सुविधा होगी। पूर्व में मैदानी इलाकों में पक्के घरों के लिए निर्धारित मानक 1.20 लाख प्रति घर के स्थान पर अब 30 से 70 प्रतिशत क्षति होने की दशा में 90 हजार प्रति घर तथा 70 प्रतिशत से अधिक क्षति होने पर 1.80 लाख कर दिया गया है। पहाड़ी क्षेत्रें में पूर्व निर्धारित मानक 1.30 लाख प्रति घर के स्थान पर अब 30 से 70 प्रतिशत क्षति होने की दशा में 1.00 लाख प्रति घर तथा 70 प्रतिशत से अधिक क्षति होने पर 2.00 लाख प्रति घर कर दिया गया है। प्राथमिक स्कूलों के लिए पूर्व में निर्धारित मानक प्रति विद्यालय 2 लाख की सीमा के अध्यधीन रहते हुए वास्तविक व्यय के अनुसार परिवर्तित करते हुए प्राथमिक स्कूलों के लिए 30 से 70 प्रतिशत की क्षति होने पर 7.50 लाख तथा 70 प्रतिशत से अधिक की क्षति पर 15.00 लाख अनुमन्य किया गया है। माध्यमिक/ वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों के नाम से पूर्व में मानक निर्धारित नहीं थे।अब माध्यमिक/वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों के 30 से 70 प्रतिशत क्षति होने की दशा में घ्12.50 लाख तथा 70 प्रतिशत से अधिक की क्षति पर 25.00 लाख अनुमन्य किया गया है। प्राथमिक/ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए पूर्व में 2.50 लाख प्रति यूनिट की अधिकतम सीमा के अध्यधीन वास्तविक व्यय के अनुसार अनुमन्य था। जिसको अब वृद्धि कर उप केंद्र मैदानी क्षेत्र के लिए 30 से 70 प्रतिशत की क्षति तक 9.20 लाख तथा 70 प्रतिशत से अधिक की क्षति पर 18.40 लाख अनुमन्य किया गया है। पर्वतीय क्षेत्र के लिये यह राशि क्रमशः 7.91 लाख तथा 15.81 लाख अनुमन्य किया गया है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए मैदानी क्षेत्रें में 70 प्रतिशत की क्षति तक 20.99 लाख तथा 70 प्रतिशत से अधिक की क्षति पर 41.97 लाख अनुमन्य है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर्वतीय क्षेत्रें के लिए 70 प्रतिशत की क्षति तक 24.72 लाख तथा 70 प्रतिशत से अधिक 49.45 लाख अनुमन्य है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मैदानी क्षेत्र के लिए 70 प्रतिशत की क्षति तक 79.06 लाख तथा 70 प्रतिशत से अधिक की क्षति पर 158.12 लाख अनुमन्य किया गया है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर्वतीय क्षेत्र के लिए 70 प्रतिशत की क्षति तक 92.86 लाख तथा 70 प्रतिशत से अधिक की क्षति पर 185.72 लाख अनुमन्य किया गया है। पुल के लिए प्रति संख्या में 70 प्रतिशत की क्षति तक 1750.00 लाख तथा 70 प्रतिशत से अधिक की क्षति पर 3500.00 लाख अनुमन्य किया गया है। तटबंध के लिए प्रति किमी के लिए 70 प्रतिशत की क्षति तक 50.00 लाख तथा 70 प्रतिशत से अधिक की क्षति पर 100.00 लाख अनुमन्य किया गया है। सामुदायिक भवन के लिए निर्धारित मानकों में भी वृद्धिकी गई है। सड़क एवं परिवहन खण्ड में इकाई प्रति किúमीú के लिए प्रमुख जिला सड़कों के लिए मैदानी क्षेत्र में 70 प्रतिशत की सीमा तक 32.00 लाख तथा 70 प्रतिशत से अधिक होने पर 64.00 लाख अनुमन्य किया गया है। इसी प्रकार पहाड़ी क्षेत्रें में 70 प्रतिशत की सीमा तक 93.75 लाख तथा 70 प्रतिशत से अधिक होने पर 187.75 लाख अनुमन्य है। अन्य जिला सड़कों के लिए भी मैदानी क्षेत्रें में 70 प्रतिशत की सीमा तक 26.75 लाख तथा 70 प्रतिशत से अधिक होने पर 54.50 लाख अनुमन्य किया गया है। इसी प्रकार पहाड़ी क्षेत्रें के लिए 70 प्रतिशत की सीमा तक घ्80 लाख तथा पहाड़ी सड़कों के लिए 159.88 लाख अनुमन्य किया गया है।