अब केदारघाटी में सर्च ऑपरेशन के लिए पहुंचे सेना के दो स्निफर डॉगः केदारनाथ मार्ग में बादल फटने से फंसे अब तक कुल 9099 यात्रियों का रेस्क्यू

0

देहरादून/रूद्रप्रयाग(उद संवाददाता)। केदारघाटी में जारी रेस्क्यू कार्यों में तेजी लाने के लिए अब सेना की भी मदद ली जा रही है। जनपद में तैनात 6 ग्रेनेडियर यूनिट रास्तों को पुनर्स्थापित करने और बेली ब्रिज बनाने के अलावा सर्च ऑपरेशन में भी मदद करेगी। प्राथमिकता के आधार पर सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच वाश आउट हुए मार्ग पर ब्रिज बनाया जा रहा है। वहीं केदारघाटी में जारी रेस्क्यू ऑपरेशन में अब सर्च अभियान सेना की मदद से शुरू किया जा रहा है। सेना ने दो स्निफर डॉग यात्रा मार्ग के लिए रवाना कर दिए हैं। डॉग यूनिट मौके पर पहुंच गई है। हेलीकॉप्टर के माध्यम से इन्हें लिनचोली उतारा जा चुका है। जहां से पूरे क्षेत्र में सर्च अभियान शुरू किया जाएगा। केदारनाथ मार्ग में चल रहे रेस्क्यू अभियान के विषयक सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने बताया कि 31 जुलाई को अतिवृष्टि के चलते केदारनाथ तथा केदारनाथ मार्ग में फंसे यात्रियों का रेस्क्यू अभियान युद्धस्तर पर जारी है। उन्होंने कहा कि एसडीआरएफ, एनडीआरएफ की टीमें मार्ग में फंसे यात्रियों को रेस्क्यू कर उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही हैं। श्री विनोद कुमार सुमन ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं रेस्क्यू अभियान की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। दिनांक 03 अगस्त 2024 को 1865 यात्रियों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। आज 03 अगस्त तक कुल 9099 यात्रियों का रेस्क्यू किया जा चुका है। यात्रियों को सुरक्षित निकालने के लिए व्यापक स्तर पर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि दिनांक 02 अगस्त 2024 तक 15 यात्री केदारनाथ से एयरलिफ्ट किए गए। लिंचौली और भीमबली से 1354 यात्रियों को एयरलिफ्रट कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। भीमबली/ लिंचौली से पैदल 365 यात्री चौमासी-कालीमठ पहुंचे तथा गौरीकुंड से 5500 यात्री पैदल सोनप्रयाग पहुंच चुके हैं। सचिव आपदा प्रबंधन ने बताया कि दिनांक 03 अगस्त को केदारनाथ से 43 यात्रियों को एयरलिफ्रट किया गया। लिंचौली और भीमबली से कुल 495 यात्री एयरलिफ्रट किए गए। वहीं 90 यात्री भीमबली/ लिंचौली से पैदल चौमासी-कालीमठ सुरक्षित पहुंचे। गौरीकुंड से सोनप्रयाग आने वाले यात्रियों की संख्या 1162 रही। चीड़बासा ;गौरीकुंडद्ध से 75 तीर्थयात्रियों को एयरलिफ्रट कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। वहीं विभिन्न स्थानों पर फंसे करीब 1000 यात्रियों को सुरक्षित निकालने की कार्रवाई गतिमान है। श्री विनोद कुमार सुमन ने बताया कि राहत और बचाव कार्य में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के साथ ही वायुसेना के चिनूक तथा एमआई-17 हेलीकॉप्टर तैनात हैं। उन्होंने बताया कि एनडीआरएफ के 83 जवान, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ तथा पीआरडी के 168 जवान, पुलिस विभाग के 126, अग्निशमन के 35 कार्मिक अलग- अलग स्थानों पर तैनात हैं। उन्होंने बताया कि 31 जुलाई को हुई अतिवृष्टि के कारण 15 लोगों की मृत्यु की हुई है। वहीं 01 अगस्त को देहरादून के सहस्त्रधारा में स्नान करते समय पैर फिसलने से 02 लोगों की मौत हुई, जो मानवीय भूल की श्रेणी में दर्ज है। इस प्रकार कुल 17 यात्रियों की मृत्यु हुई है। वहीं अलग- अलग स्थानों पर हुए हादसों में 10 लोग घायल हुए और 01 व्यत्तिफ अभी लापता है। सूचना के अनुसार टिहरी में 03, हरिद्वार में 04, देहरादून में 06, चमोली में 01, रुद्रप्रयाग में 03 लोगों की मृत्यु हुई है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के 12 डाक्टरों के नेतृत्व में 32 कर्मचारी अपनी सेवाएं दे रहे हैं। राजस्व विभाग के 57, जीएमवीएन के 68, खाद्य विभाग के 27 कर्मचारी संबंधित व्यवस्थाओं को दुरुस्त बनाने में जुटे हैं। इस प्रकार कुल 882 जवान/ कार्मिक युद्धस्तर पर राहत और बचाव कार्यों में जुटे हैं। मौसम जैसे-जैसे साफ हो रहा है, वैसे-वैसे यात्रियों का रेस्क्यू किया जा रहा है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.