केदारघाटी में फंसे लोगों को बचाने के लिए उतरी वायुसेना: देर रात तक रेस्क्यू अभियान में जुटी रही एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें
देहरादून/ रूद्रप्रयाग(उद संवाददाता)। केदारघाटी में भारी बारिश से आई आपदा के बाद लोगों को बचाने के लिए वायुसेना की मदद ली गयी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अनुरोध पर केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध कराए चिनूक और एमआई 17 हेलीकॉप्टरों ने शुक्रवार को रेस्क्यू अभियान चलाकर केदारनाथ यात्रा मार्ग में फंसे तीर्थयात्रियों का रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर पहुँचाने अभियान शुरू किया। बता दें बुधवार रात केदार घाटी में बादल फटने से भारी तबाही मची है। सैकड़ों यात्री इस आपदा में फंस गये। अतिवृष्टि से कई लोगों की मौत भी हुयी है। गुरूवार को देर रात तक एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें रेस्क्यू अभियान में जुटी रही। प्रदेश सरकार द्वारा उपलब्ध कराये गये हेलीकॉप्टरों से लोगों को सुरक्षित निकाला गया। मुख्यमंत्री के आग्रह पर केन्द्र सरकार द्वारा भेजे गये वायु सेना के चिनूक और एमआई 17 हेलीकॉप्टरों से श्ुाक्रवार को यात्रियों को रेस्क्यू किया गया। दोपहर तक लिंचोली एवं भीमबली से एयर लिफ्ट कर लगभग करीब 500 यात्रियों को रेस्क्यू कर लिया गया था। वहीं गौरीकुंड- सोनप्रयाग के बीच लगभग 700 यात्रियों को सफल रेस्क्यू किया जा चुका है।
आज केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर वार्ता कर प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर आई आपदा के विषय में जानकारी ली। इस दौरान मुख्यमंत्री ने उन्हें प्रभावित क्षेत्रों में युद्ध स्तर पर जारी राहत एवं बचाव कार्यों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। गृह मंत्री श्री अमित शाह ने प्रदेशवासियों व श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा के मुश्किल समय में शीर्ष नेतृत्व का इस प्रकार मजबूती से खड़े होना हम सभी को संबल प्रदान करता है। भारी बारिश के कारण केदार घाटी में कई जगह रास्ते क्षतिग्रस्त हुए हैं। विभिन्न पड़ावों पर फंसे तीर्थयात्रियों एवं स्थानीय लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू करने के लिए जिला प्रशासन व पुलिस सहित अन्य सुरक्षा बल लगातार कार्य कर रहे हैं। हर स्तर पर सभी लोगों के सुरक्षित रेस्क्यू करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। केदार घाटी में विभिन्न पड़ावों में फंसे तीर्थयात्रियों को सुरक्षित रेस्क्यू करने एवं भोजन उपलब्ध कराने के लिए जिलाधिकारी के निर्देशन में संबंधित विभाग लगातार कार्य कर रहे हैं। जिला पूर्ति अधिकारी केएस कोहली ने बताया कि गुरुवार सुबह से ही मुख्य यात्रा पड़ावों में फंसे तीर्थयात्रियों को फूड पैकेट, पेयजल एवं भोजन की व्यवस्था करवाई जा रही है। केदारनाथ, लिनचोली, भीमबली, सोनप्रयाग, शेरसी, गुप्तकाशी एवं चैमासी सहित अन्य स्थानों पर शुक्रवार दोपहर 3ः30 बजे तक लगभग 18000 फूड पैकेट और करीब 35 हजार पानी की बोतलें उपलब्ध करवाई जा चुकी हैं। इसके अलावा जीएमवीएन एवं स्थानीय व्यापारियों के सहयोग से विभिन्न स्थानों पर भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। इसमें बीकेटीसी, स्थानीय जनप्रतिनिधियों, व्यापारियों का भी पूर्ण सहयोग मिल रहा है। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. विमल गुसाईं ने बताया कि अब तक सोनप्रयाग, गौरीकुड व शेरसी में 286 लोगों को चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराई गई है। शुक्रवार को 3.30 बजे तक 582 लोगों को हेलीकॉप्टर के जरिए एयर लिफ्ट किया गया है। वहीं, सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच 1500 से अधिक लोगों को मैनुअली रेस्क्यू किया जा चुका है।
इसके साथ ही एनडीआरएफ एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा घायल तीर्थ यात्रियों का उपचार किया जा रहा है। अपर मुख्य अधिकारी केदारनाथ विकास प्राधिकरण योगेंद्र सिंह ने अवगत कराया कि केदारनाथ धाम में मौजूद तीर्थ यात्रियों को सुबह मुख्य हेलीपैड पर पहुंचा दिया गया है। यहीं से एमआई 17 से 15 तीर्थ यात्रियों को गौचर हैलीपैड रेस्क्यू किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि मौसम खराब होने के कारण एमआई एवं चिनूक विमान अभी उड़ान नहीं भर पा रहे हैं। केदारनाथ में मौजूद करीब 450 तीर्थ यात्रियों को जिला प्रशासन की ओर से लगातार राहत सामाग्री, फूड पैकेट्स एवं भोजन उपलब्ध करवाया गया। वहीं बीकेटीसी द्वारा तीर्थ यात्रियों को फल वितरित किए गए। बताया कि मौसम ठीक होते ही केदारनाथ में मौजूद यात्रियों को रेस्क्यू किया जाएगा। उधर जिलाधिकारी सौरभ गहरवार, पुलिस अधीक्षक विशाखा अशोक भदाणे, मुख्य विकास अधिकारी जीएस खाती सहित अन्य संबंधित अधिकारी सोनप्रयाग- गौरीकुंड मार्ग सहित अन्य प्रभावित क्षेत्रों में स्थलीय निरीक्षण कर रहे हैं। इस दौरान जिलाधिकारी ने एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ एवं अन्य सुरक्षा बलों की हौसला अफजाई करते हुए सभी तीर्थ यात्रियों का कुशलता के साथ सुरक्षित रेस्क्यू करने के निर्देश दिए। साथ ही आपदा के चलते क्षेत्र में हुई क्षति का जायजा लेते हुए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए। उधर मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को एक बार फिर राहत कार्यो की जानकारी ली। उन्होंने वायुसेना की मदद मिलने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का आभार व्यक्त किया। सीएम ने बताया कि भारतीय वायु सेना द्वारा चिनूक और एमआई-17 को गौचर में तैनात किया गया है। इससे आपदाग्रस्त क्षेत्रों में रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी आई है। वीर जवानों द्वारा युद्ध स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। अभी तक 5000 से अधिक लोगों को सकुशल सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा चुका है।