उत्तराखंड मांगे नया भू-कानून….पूर्व सीएम हरदा ने फिर उछाला भू कानून का मुद्दा!
देहरादून। रूद्रप्रयाग में कांग्रेस की केेदारनाथ प्रतिष्ठा रक्षा यात्रा में शामिल होने पहुंचे पूर्व सीएम हरीश रावत ने पूर्व विधायक मनोज रावत के भू कानून अभियान के समर्थन में अपनी प्रतिकिया व्यक्त की है। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में हरदा ने बताया कि आज ज्यूं ही मैंने अखबार में समाचार पढ़ा कि उत्तराखण्ड मांगे नया भू कानून, तो मुझे दो रावतों की याद आई और सन 2018 का वह वाक्या याद आया जब राज्य की विधानसभा में जमीदारी उन्मूलन से संबंधित तत्कालीन कानून में संशोधन लाया जा रहा था, वह संशोधन सरकार द्वारा लाया जा रहा था जिसमें उत्तराखंड में गैर उत्तराखंडी लोगों के लिए जमीनों की खरीद पर रोक लगी थी, रोक को समाप्त कर दिया गया था। कह दिया गया था कि कोई कितनी भी जमीन खरीद सकता है और उसकी कृषि भूमि को गैर कृषि में बदलने की पूरी प्रक्रिया का सरलीकरण कर दिया था और उस विधेयक को पायलट करते वत्तफ राज्य के मुख्यमंत्री जो वहां विराजमान थे, कहा जा रहा था कि इससे राज्य का औद्योगिकी करण होगा, रोजगार के साधन बढ़ेंगे और राज्य के चतुर्भुज विकास के लिए जिसमें पर्यटन भी सम्मिलित है यह संशोधन लाया गया, तब एक नौजवान ने बहुत उद्वेलित भाव से कहा कि नहीं, ऐसा नहीं है इस संशोधन से उत्तराखंड में दूर-दूर तक के गांवों की जमीनें बिक जाएगी, हमारी संस्कृति, हमारी परंपराएं लूट जाएंगी, वह नौजवान थे श्री मनोज रावत जो उस समय श्री केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। जो उस दिन श्री मनोज रावत ने डर व्यत्तफ किया था वह साक्षात दिखाई दे रहा है, जमीनें बिक गई हैं, दूर-दूर गांवों में कभी ऐसी स्थिति आ जाएगी कि उस गांव का प्रधान उस गांव का मूल निवासी नहीं होगा बल्कि कोई अन्य होगा। आने वाली पीढ़ियों के लिए हम कुछ भी नहीं छोड़ जाएंगे। शायद इसीलिए आज एक अभियान चल रहा है कि उत्तराखंड मांगे नया भू-कानून। मगर सरकार चुप है। लेकिन मनोज रावत की आवाज आज जन-जन के कानों में गूंज रही है।