बाबा बागेश्वर का बड़ा बयान: अपनी पहचान बताना गलत नहीं,अपनी पहचान छुपाना गलत है

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ऋषिकेश (उद संवाददाता)। श्री बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा है कि सिर्फ पर्चा बनाने या चमत्कार दिखाने से देश का भला नहीं हो सकता। इसलिए विश्व को शांति के लिए कुछ बड़ा देकर जाएंगे। कहा कि इसके लिए विलुप्त हो रही ब्रेन डिटॉक्स मस्तिष्क शुद्धि पद्यति को निकाला गया है। जो विश्व में क्रांति लाएगी। आने वाले 10 साल बाद भारत को मुस्कुराता हुआ भारत बनाएगी। शुक्रवार को तीन दिवसीय यात्रा पर उत्तराखंड पहुंचने पर ऋषिकेष परमार्थ निकेतन में धीरेंद्र शास्त्री ने पत्रकारों से वार्ता की। उन्होंने कहा कि वह तीन दिनों के लिए उत्तराखंड आए हैं। करीब 600 साधकों ने तीन दिन तक यहां अनुष्ठान किया। अभी तक दुनिया में बॉडी डिक्टास पर बहुत लोग काम कर रहे हैं। लेकिन हमने पहली बार बागेश्वर धाम व दूसरी बार परमार्थ निकेतन में ब्रेन डिटॉक्स पर साधना का कार्य किया है। जिसमें कई देशों से डाक्टरों सहित 100 से अधिक लोगों ने प्रतिभाग किया। एक शोध के अनुसार आज विज्ञान के युग में हर आदमी दिन में करीब 6 घंटे स्क्रीन पर व्यतीत कर रहा है। जिसका प्रभाव उसके बुद्धि और मस्तिष्क पर पड़ रहा है। इसलिए विलुप्त हो रही ब्रेन डिटॉक्स पद्यति को निकाला गया है। धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि राजनेताओं को इस पद्यति की सबसे अधिक आवश्यकता है। वही कांवड़ मेले में यूपी औ उत्तराखंड के कांवड़ यात्रा मार्गों की दुकानों पर अपना नाम लिखने संबंधी फरमान पर हो रही बयानबाजी को लेकर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने अपनी प्रतिक्रया में कहा है कि इस आदेश पर कोर्ट ने रोक लगा दी है। हम सब को इसका पालन करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अपनी पहचान बताना गलत नहीं है। पहचान छुपाना गलत है। शास्त्री ने कहा कि उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने चारों धाम के नामों के कॉपीराइट के लिए जो कानून बनाया है वह बहुत अच्छा है। इस अवसर पर स्वामी चिदानंद सरस्वती भी मौजूद रहे। धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि उत्तराखंड की भूमि में कंकड़-कंकड़ शंकर-शंकर है। विश्व के देशों के पास पहाड़ तो हैं लेकिन उनके पास केदारनाथ नहीं है। नदियां तो बहुत सारी हैं लेकिन उनके पास गंगा नहीं है। विदेशों में साधन तो बहुत हैं लेकिन साधना नहीं है। व्यक्ति बहुत हैं लेकिन व्यक्तित्व नहीं है। भारत का सिर अगर उत्तराखंड है तो उत्तराखंड की आंखें ऋषिकेश हैं। पंडित धीरेद्र शास्त्री ने कहा कि एक बार किसी पत्रकार ने उनसे पूछा कि आपके पास इतनी भीड़ क्यों रहती है तो हमने एक विचित्र जवाब दिया कि जिस देश में डाक्टर लापरवाह और दवाइयां महंगी होती हैं उस देश में भभूति का चमत्कार चलता है। वहीं परमार्थ निकेतन प्रांगण में ऊर्जा संचय समागम के समापन के अवसर पर बागेश्वर धाम सरकार पूज्य श्री धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री और पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने रूद्राक्ष के दिव्य पौधें का रोपण कर हरित आयोजनों का दिव्य संदेश दिया। श्रावण के इस दिव्य मास में दोनों पूज्य संतों ने दीप प्रज्वलित कर विश्व मंगल व विश्वशान्ति की प्रार्थना की। पेड़ हैं तो वायु है, वायु है तो आयु है और आयु है तो जीवन है।

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