धामी ने लिया बाबा केदार का आर्शीवाद…..केदारनाथ विधानसभा सीट पर उपुचनाव की सुगबुहाट तेज

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चुनाव आयोग को भेजा केदारनाथ विधानसभा की रिक्त सीट पर उपचुनाव का प्रस्ताव,कांग्रेस और भाजपा में फिर शुरू हुआ सियासी संग्राम
देहरादून(उद ब्यूरो)। उत्तराखंड की भाजपा विधायक शैलारानी रावत के निधन के बाद रिक्त केदारनाथ विधानसभा सीट पर उपुचनाव की सुगबुगाहट तेज हो गई है। वहीं राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने केदारनाथ विधानसभा पर उपचुनाव का प्रस्ताव चुनाव आयोग को भेज दिया है। अब चुनाव आयोग ही उपचुनाव की तिथियों का एलान करेगा। इसी माह सम्पन्न हुए दो विधानसभा सीटों पर जीत के बाद कांग्रेस ने केदारनाथ बचाओ यात्रा से एक बार फिर प्रदेश में सियासी माहौल भी गरमा दिया है। वहीं कांग्रेस की सक्रियता के बाद अब भाजपा ने भी मोचेबंदी शुरू कर दी है। गुरूवार को खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी केदारनाथ धाम पहुंचकर स्थानी तीर्थ पुरोहितों से मुलाकत की है। वहीं दूसरी तरफ केदारनाथ धाम के नाम पर सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है। पहले केदारनाथ धाम के नाम पर दिल्ली में मंदिर बनाने और फिर शंकराचार्य के बयान को लेकर कांग्रेस लगातार सरकार और मंदिर समिति के खिलाफ हमलावर हो रही है। जबकि बढ़ते विवादों के बीच मुख्यमंत्री ने प्रदेश के चारधामों के नाम का दुरुपयोग करने के खिलाफ कानून बनाने के के एलान के बावजूद केदारनाथ पर सियासी घमासान जारी है। हांलाकि सीएम के फैसले का सभी वर्गो ने खुला स्वागत भी किया है। कांग्रेस ने बुधवार को हरिद्वार से केदारनाथ की प्रतिष्ठा की रक्षा के नाम पर पद यात्रा शुरू कर दी। इस बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी अचानक केदारनाथ पहुंच कर बाबा केदार के दर्शन किए और वहां चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों का जायजा लिया। वहीं सीएम की केदारनाथ यात्रा को उपचुनाव से पूर्व इसे कांग्रेस के सियासी आरोपों पर पलटवार की रणनीति के तौर पर देख रहे हैं। हांलाकि कांग्रेस और भाजपा नेताओं की केदारनाथ को लेकर की जा रही सियासी कसरत केदारनाथ सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर है, जो भाजपा विधायक शैलारानी रावत के निधन के बाद खाली हो चुकी है। गौरतलब है कि हिंदुओं की आस्था के पवित्र धाम बदरीनाथ की सीट पर उपचुनाव जीतने के बाद प्रदेश कांग्रेस खासी उत्साहित है। अब पार्टी ने केदारनाथ उपचुनाव के लिए ताकत झोंकनी शुरू कर दी है। बदरीनाथ उपचुनाव में भाजपा के खिलाफ उठी हवाओं को वह केदारनाथ तक बहाना चाहती है। कांग्रेस नेताओं द्वारा हरिद्वार से शुरू की गई केदारनाथ प्रतिष्ठा रक्षा यात्रा दरअसल उसकी इसी चुनावी रणनीति का हिस्सा है। कांग्रेसी पैदल यात्रा कर चार अगस्त को केदारनाथ पहुंचेंगे। इस बीच जहां-जहां यात्रा गुजरेगी, वहां-वहां सभाएं होंगी। कांग्रेस के मंसूबों को भाजपा भांप चुकी है। मुख्यमंत्री का केदारनाथ जाकर पूजा-पाठ करना, एक दिन पहले तीर्थ पुरोहितों के साथ उनकी वार्ता और धाम से लौट कर उनका कांग्रेस पर हमला बोलना सियासी रणनीति का हिस्सा है। आने वाले दिनों में केदारनाथ पर सियासी संग्राम और तेज होने के पूरे आसार हैं।
केदारनाथ से भाजपा विधायक शैलारानी रावत के निधन के बाद खाली हुई सीट 
देहरादून। उत्तराखंड के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने विधायक शैलारानी रावत के निधन के बाद खाली हुई केदारनाथ विधानसभा पर उपचुनाव का प्रस्ताव चुनाव आयोग को भेज दिया है। अब चुनाव आयोग ही उपचुनाव की तिथियों का एलान करेगा। केदारनाथ से भाजपा विधायक शैलारानी रावत का नौ जुलाई को निधन हो गया है। उनके निधन के बाद केदारनाथ विधानसभा सीट खाली हो गई है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने बताया कि सीट रित्तफ होने के संबंध में पत्र केंद्रीय चुनाव आयोग को भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि रित्तफ सीटों पर उपचुनाव की अधिसूचना चुनाव आयोग ही जारी करता है। आयोग से अभी इस संबंध में कोई जानकारी नहीं आई है। माना जा रहा है कि चुनाव आयोग यूपी में होने वाले उपचुनावों के साथ ही उत्तराखंड की इस सीट पर भी उपचुनाव करा सकता है। गौरतलब है कि हाल में चुनाव आयोग ने बदरीनाथ और मंगलौर विधानसभा का उपचुनाव संपन्न कराया है।

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