कावड़ मार्गों में ठेली वालों को पहचान लिखने के फरमान को लेकर उत्तराखंड में भी घमासान: धार्मिक सहिष्णुता, जातीय असहिष्णुता को बढ़ावा देने वाला यह निर्णय क्यों?
पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा: धन्य हैं उत्तर प्रदेश सरकार, धन्य है उनकी अनुयाई उत्तराखंड सरकार!
देहरादून। पूर्व सीएम एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत ने कांवड़ यात्रा को लेकर जारी किए गये यूपी और उत्तराखंड सरकार के फरमान पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक आदेश जारी किया है। इस आदेश के तहत अब पूरे उत्तर प्रदेश में कांवड़ मार्गों पर खुली सभी खाने-पीने की दुकानों पर ‘नामपट्ट’ लगाना अनिवार्य होगा। यानी दुकान के बाहर ये बताना जरूरी हो गया है कि दुकान कौन चला रहा है। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा करते हुए उन्होंने कहा है कि कावड़ मार्गों में पड़ने वाले होटल, ढाबे, रेस्टोरेंट, रेहड़ी, ठेली वालों को अब अपना पूरा नाम होटल या ठेली पर लगाना पड़ेगा और अपने काम करने वाले लोगों के नाम भी अपने छाती में लगाने पड़ेंगे। जब 21वीं सदी में जातिवाद के बंधन टूट रहे हैं, धार्मिक सहिष्णुता, जातीय असहिष्णुता को बढ़ावा देने वाला यह निर्णय क्यों? हमारे देश और हिन्दू समाज ने छुआछूत के घावों को अपने सीने में सैकड़ों साल सहाघ् और उन घावों को भरने के लिए कई महापुरुषों ने जिनमें गांधी जी भी सम्मिलित हैं, अपना पूरा जीवन लगा दिया। धन्य हैं उत्तर प्रदेश सरकार, धन्य है उनकी अनुयाई उत्तराखंड सरकार! आप उन घावों को फिर कुरेदना चाहते है? एक प्रकार की छुआछूत, दूसरे प्रकार की छुआछूत को बढ़ावा दे। मैं दोनों सरकारों को सावधान करना चाहता हूं कि यह आप बहुत खतरनाक शुरुआत कर रहे हैं।