बद्रीनाथ हाईवे पर चौथे दिन शुरू हुई पैदल आवाजाही: 72 घंटे से फंसे हुए थे 2,800 यात्री
बीआरओ की टीम जान जोखिम में डालकर रास्ता खोलने के लिए दिन-रात कार्य कर रही
गोपेश्वर(उद संवाददाता)। भारी बारिश के चलते जोशीमठ के पास अवरुद्ध बदरीनाथ राजमार्ग 72 घंटे से ज्यादा समय बीतने के बाद आखिरकार चौथे दिन वाहनों की आवाजाही के लिए खुल गया। जिससे मार्ग में फंसे श्रद्धालुओं ने राहत की सांस ली। 72 घंटे तक मार्ग बंद होने के कारण दोनों तरफ औली, हेमकुंड साहिब, बदरीनाथ और फूलों की घाटी जाने वाले 2,800 से अधिक यात्री फंसे हुए थे। गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब, सेना, व्यापारी और स्थानीय निवासी यात्रियों के लिए भोजन का प्रबंध करने में जुटे रहे। फिलहाल, एसडीआरएफ टीम की मौजूदगी में यात्रियों की पैदल आवाजाही कराई जा रही है। दूसरे छोर से यात्री स्थानीय वाहनों में आगे के लिए रवाना हो रहे हैं। बता दें बदरीनाथ राजमार्ग मंगलवार से जोशीमठ और जोगीधारा के बीच बाधित है। यहां भूस्खलन से 20 मीटर से अधिक मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया है। पहाड़ी से रुक-रुक कर पत्थर और मलबा गिर रहा है। सीमा सड़क संगठन बीआरओ की टीम जान जोखिम में डालकर रास्ता खोलने के लिए दिन-रात कार्य कर रही है, लेकिन मार्ग पर आई एक विशालकाय चट्टान चुनौती बनी हुई है। बीआरओ ने चट्टान को तोड़ने के लिए कई विस्फोट किए, लेकिन सफलता नहीं मिली। अब बीआरओ इस चट्टान और पहाड़ी को काटकर सड़क तैयार कर रहा है। इस कार्य में लगे 12 श्रमिक और एसडी आरएफ की टीम गुरुवार दोपहर बाल-बाल बच गई। रास्ता खोलने के दौरान पहाड़ी से भूस्खलन हुआ और बड़ी मात्रा में मलबा व पत्थर फिर से मार्ग पर आ गिरे। गनीमत रही कि इससे पहले श्रमिक और एसडीआरएफ जवान दौड़ लगाकर सुरक्षित स्थान पर पहुंच गए। इस दौरान दो श्रमिकों को हल्की चोट आई। मौके पर ही प्राथमिक उपचार के बाद श्रमिक फिर से रास्ता खोलने में जुट गए। बीआरओ कमांडर कर्नल अंकुर महाजन ने बताया कि राजमार्ग को खोलने के लिए कार्य लगातार जारी है। पहाड़ी से रुक-रुक पत्थर और मलबा गिरने से खतरा बना हुआ है, बावजूद इसके श्रमिक डटे हुए हैं। इस कारण ड्रिल मशीन को क्षति पहुंचने के साथ दो श्रमिकों को हल्की चोट भी आई है। गुरुवार को दिनभर पैदल आवाजाही होती रही। शुक्रवार को राजमार्ग यातायात के लिए सुचारु कर दिया जाएगा।