आतंकियों ने किया था पुलवामा जैसा हमलाः पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा, हमें पूरी शक्ति के साथ कश्मीर में आतंकवाद को कुचलना होगा

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देहरादून(उद संवाददाता)। जम्मू-कश्मीर में आतंकियों ने एक बार फिर से पुलवामा जैसा हमला किया है। इस हमले में पांच जवान शहीद हो गए। जबकि कई जवान घायल हैं। आतंकी हमले में शहीद होने वाले सभी जवान देवभूमि उत्तराखंड के हैं। इस खबर के बाद से पूरे प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई है। आतंकी हमले में शहीद हुए पांचों जवानों के पार्थिव शरीर को आज ही उत्तराखंड लाया जाएगा। जौलीग्रांट एयरपोर्ट देहरादून में जवानों के पार्थिव शरीर लाए जाएंगे। आतंकी हमले में उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग निवासी नायब सूबेदार आनंद सिंह, लैंसडौन निवासी हवलदार कमल सिंह, कीर्तिनगर ब्लॉक के थाती डागर निवासी राइफलमैन आदर्श नेगी, टिहरी गढ़वाल निवासी नायक विनोद सिंह, रिखणीखाल निवासी राइफलमैन अनुज नेगी शहीद हो गए। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उत्तराखंड के पांच जवानों की शहादत पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए केंद्र सरकार से जम्मू कश्मीर में पनप रहे आतंकवाद को कुचलने का आह्वान किया है। आतंकी हमले में 26 साल के आदर्श नेगी भी शहीद हो गए हैं। उनके बलिदान की खबर के बाद से परिवार में मातम पसर गया है। कठुआ के बदनोता के बरनूड इलाके में जेंडा नाले के पास सेना के वाहन पर घात लगाकर हमला कर दिया। इस हमले में सेना के पांच जवान शहीद हो गए। पांचों जवान उत्तराखंड के गढ़वाल के हैं। जबकि कई जवानों के घायल होने की जानकारी भी मिल रही है। पांच जवानों की शहादत की खबर के बाद से देवभूमि शोक में डूब गई है। सोमवार को जम्मू-कश्मीर के कठुआ में हुए आतंकी हमले में कीर्तिनगर ब्लॉक के थाती डागर निवासी राइफलमैन आदर्श नेगी शहीद हो गए। आदर्श की उम्र मात्र 26 साल थी। इतनी छोटी सी उम्र में ही उन्होंने देश के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। खबर मिलने के बाद से ही आदर्श के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। बता दें कि आदर्श साल 2018 में सेना में भर्ती हुए थे। आदर्श के पिता दलबीर सिंह नेगी गांव में ही खेती का काम करते हैं। आदर्श ने 12वीं तक की पढ़ाई राजकीय इंटर कालेज पिपलीधार से की। जिसके बाद वो गढ़वाल विश्वविद्यालय से बीएससी कर रहे थे। बीएससी द्वितीय वर्ष में ही वो साल 2018 में गढ़वाल राइफल्स में भर्ती हो गए। आदर्श तीन भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। जम्मू-कश्मीर के कठुआ में हुए आतंकी हमले में उत्तराखंड के पांच जवान शहीद हो गए। जिसमें एक जवान विनोद सिंह भंडारी भी शामिल हैं। विनोद सिंह की शहादत की खबर के बाद से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है। विनोद सिंह नेगी तीन महीने पहले ही बेटी के जन्म पर घर आए थे। सोमवार रात शहादत की खबर के बाद से परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। आतंकी हमले में उत्तराखंड के पांच शहीद जवानों में से एक जवान विनोद सिंह भंडारी भी हैं। विनोद भंडारी मूल रूप से टिहरी के रहने वाले हैं लेकिन उनका परिवार डोईवाला भनियावाला के अठूरवाला में रहता है। बताया जा रहा है कि नौ साल पहले परिवार टिहरी से विस्थापित होकर अठूरवाला गांव में बस गया था। 29 वर्षीय शहीद विनोद सिंह भंडारी पुत्र वीर सिंह भंडारी तीन महीने पहले बेटी के जन्म के समय घर आए थे। शहीद की तीन महीने की एक बेटी और चार साल का बेटा है। बता दें कि शहीद विनोद के पिता भी सेना में थे। विनोद तीन बहनों का इकलौता भाई था। परिजनों को बेटे की शहादत पर गर्व है। आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर के कठुआ में हुए आतंकी हमले में उत्तराखंड के पांच जवान शहीद हो गए।
उत्तराखंड के पांच नौनिहाल भारत माता की एकता और अखंडता के लिए शहीद हुए

सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा करते हुए पूर्व सीएम हरीश रावत ने शहीद जवानों को श्रद्धाजलि अर्पित करते हुए लिखा है कि आज फिर उत्तराखंड के पांच नौनिहाल भारत माता की एकता और अखंडता के लिए शहीद हुए हैं। मैं उनके बलिदान को प्रणाम करता हूं और उनके शोक संतृप्त परिवारों तक अपनी संवेदना संप्रेषित करता हूं। आज से 21 साल पहले इसी तरीके की परिस्थितियों में मेरे बड़े दामाद जो लेफ्रिटनेंट कर्नल के रूप में उसी सप्ताह पदोन्नत होने वाले थे, अपने पुत्र तुषार के नामकरण से सीधे फ्रंट पर पहुंचे और शहीद हो गये। आतंकवाद न जाने कितने परिवारों को अश्रुपूर्ण स्थिति में छोड़ रहा है। आज भी जब कहीं इस तरीके की शहादत के समाचार आते हैं तो मुझे अपने उस पारिवारिक दुखद स्थिति का स्मरण हो आता है। जब भी मैं अपनी बेटी को, अपने नातनियों को जो अब डॉक्टर भी हो गई हैं या नाती तुषार को देखता हूं तो मुझे अपने दामाद के बलिदान के समाचार का स्मरण हो आता है और हृदय चीखने लगता है, आंसू थामने कठिन हो जाते हैं, मैं आतंकवाद के हाथों शहीद हो रहे परिवारों के दुःख को समझता हूं, न जाने कब कश्मीर में आतंकवाद थमेगा? हमें पूरी शत्तिफ के साथ इस आतंकवाद को कश्मीर में कुचलना है और इसके लिए सारे देश सरकार के प्रयासों के साथ एकजुट है।

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