रानीखत हाईवे पर बना पुल ध्वस्त, 92 सड़कों पर मलबा आने से यातायात अवरुद्ध

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कुमाऊं के सभी जिलों में जमकर हो रही बारिश,क्वारब और भीमताल से यातायात डायवर्ट 
हल्द्वानी। मौसम विज्ञान विभाग ने शनिवार और रविवार को कुमाऊं के सभी जिलों में भारी वर्षा का रेड अलर्ट जारी किया है। साथ ही मेघों के बरसने से तापमान में भी सात डिग्री की गिरावट दर्ज की गई। भीषण गर्मी से मिली राहत के बीच अब मानसून की बारिश से जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित हो गया है। पहाड़ से लेकर मैदान तक जमकर वर्षा हो रही है। कुमाऊं मंडल के छह जिलों में जुलाई के चार दिनों में 133.6 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है। आसमान से बरस रहा पानी जगह-जगह समस्या भी उत्पन्न कर रहा है। शुक्रवार से मूसलधार वर्षा का क्रम रविवार तक जारी रहा। वहीं दूसरी तरफ उत्तराखंड में मानसून सीजन की बारिश ने अपना कहर दिखाना शुरू कर दिया है। वहीं मंडल में दो सीमा मार्गों समेत 92 सड़कों पर मलबा आने से यातायात अवरुद्ध है। दो दिन से लगतार हो रही बारिश के बीच शनिवार को रानीखेत-रामनगर स्टेट हाईवे पर मोहान के पास पनियाली नाला उफान पर आ गया। पानी के वेग ने इस नाले पर बनाए गए पुल को ध्वस्त कर दिया। पुल ब्रिटिशकालीन बताया गया है। पुल के अवशेष पानी के साथ बह गए हैं। इस घटना के बाद हाईवे पर यातायात पूरी तरह ठप हो चुका है। यह मार्ग एक लाख से अधिक आबादी को रामनगर व रानीखेत से जोड़ता है। लोनिवि वैकल्पिक तौर पर यहां बैली ब्रिज बनाने पर विचार कर रहा है। रामनगर-रानीखेत रोड पर मोहान के पास पनियाली नाले पर 27 मीटर पुल बनाया गया था। लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता बीएस ह्यांकी के अनुसार यह पुल करीब 80 साल पुराना था। सड़क पर यातायात सुचारु कराने के लिए विभागीय स्तर पर प्रयास तेज किए जाएंगे। फिलहाल वैकल्पिक तौर पर यात्रियों को रानीखेत के लिए चिमटाखाल-भौनखाल-भतराँजखान रूट से दस किमी अतिरित्तफ यात्रा कर जाना पड़ेगा। अल्मोड़ा जिले में आठ सड़कों पर यातायात बाधित है। पिथौरागढ़ जिले में 23 आदि कैलास यात्रियों को तवाघाट से रेस्क्यू कर सुरक्षित धारचूला लाया गया। वहीं, पूर्णागिरि मार्ग बंद रहने और वर्षा के बीच खतरे को देखते हुए दर्शन के लिए आए दो सौ श्रद्धालुओं को वापस भेज दिया गया। अल्मोड़ा- हल्द्वानी हाईवे पर पत्थर गिरने के कारण रात 9 बजे बाद क्वारब और भीमताल से यातायात डायवर्ट कर दिया गया है। पिथौरागढ़ में चीन सीमा का चौथे दिन भी संपर्क भंग रहा। राँगुती नाले के पास चट्टðान दरकी है। इस जिले में 19 सड़कें बंद हैं। 11 आवासीय मकानों को आंशिक नुकसान पहुंचा है। काली, गौरी, कुटी, मंदाकिनी नदियां उफान पर हैं। तवाघाट-लिपुलेख मार्ग पर नपलच्यू से गुंजी को जोड़ने वाला पुल खतरे की में आ गया है। पुल का अपार्टमेंट हिल चुका है। चंपावत जिले में 28 सड़कें भूस्खलन के कारण बाधित हुई हैं। पूर्णागिरि मुख्य मंदिर के पास चट्टðान खिसकने से बंद अवरुद्ध मार्ग दूसरे दिन भी नहीं खुल पाया है। शारदा का जलस्तर 1.21 लाख क्यूसेक पहुंचने पर रेड अलर्ट घोषित करते हुए भारत-नेपाल के बीच चौपहिया वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है। घाट-टनकपुर एनएच पर तीन बार बंद हुआ। बागेश्वर में 15 सड़कें बंद हैं। सात लोगों के घरों पर को नुकसान पहुंचा है। हिमालयी गांवों में बिजली, पानी, सड़क व संचार की समस्या बनीं है। नैनीताल जिले में 22 सड़कों पर यातायात अवरुद्ध है।

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