उत्तराखंड में‘आकार’ लेगा ‘नया परिवहन प्लान’: प्राधिकरण निर्माण संबंधी विधेयक विधानसभा पटल पर लाने को कैबिनेट की मंजूरी
राज्य में अब शहरी परिवहन को दुरुस्त रखने की जिम्मेदारी प्राधिकरण के कंधों पर
देहरादून (उद ब्यूरो)। उत्तराखंड के भीड़भाड़ वाले प्रमुख शहरों की परिवहन व्यवस्था के विकास ,संचालन ,रखरखाव, निगरानी एवं पर्यवेक्षण के लिए राज्य की पुष्कर सिंह धामी सरकार केरल मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी अधिनियम 1919 की तर्ज पर एक प्राधिकरण का गठन करने जा रही है। विगत दिवस संपन्न कैबिनेट की मीटिंग में प्राधिकरण गठन संबंधी विधेयक विधान सभा पटल पर रखे जाने पर कैबिनेट ने अपनी मोहर लगा दी है। प्राधिकरण के गठन के बाद सर्वप्रथम शहरी क्षेत्र की अधिसूचना जारी की जाएगी, जिसमें उस शहर की सीमाएं शामिल होंगी। इस क्षेत्र में केंद्र की अनुमति के बिना कैंट क्षेत्र शामिल नहीं हो सकेगा ।अधिसूचित क्षेत्र में सभी विभागों को अपने निर्माण प्रोजेक्ट इस प्राधिकरण से पास कराने होंगे।अधिसूचित क्षेत्र का नक्शा मीडिया व अन्य माध्यमों से प्रकाशित कराया जाएगा, ताकि सभी विभाग व आमजन इसके प्रति जागरूक रहें।प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र में कोई भी विभाग ,अगर कोई प्रोजेक्ट बनाना चाहेगा ? तो उसे प्राधिकरण से अनुमति लेनी होगी। अर्थात अगर लोक निर्माण विभाग कोई सड़क बना रहा है, तो प्राधिकरण उसे भविष्य की यातायात जरूरतों के पैमाने पर रखकर ही निर्माण की अनुमति देगा। इसी प्रकार, पेयजल या ऊर्जा विभाग समेत सभी विभागों के अधिसूचित क्षेत्रों में आने वाली परियोजनाओं को प्राधिकरण की अनुमति जरूरी होगी। खबर है कि प्राधिकरण के अस्तित्व में आने के बाद सबसे पहले राज्य की राजधानी देहरादून, धर्मनगरी हरिद्वार एवं )षिकेश को अधिसूचित किया जाएगा। अधिसूचना के उपरांत उपरोक्त शहरों में यातायात सुधार संबंधी कार्य अमल में ले जाएंगे ।तत्पश्चात अन्य शहरों को भी अधिसूचित कर वहां की परिवहन व्यवस्था को प्राधिकरण के दायरे में लाया जाएगा। अस्तित्व में आने पर यह प्राधिकरण ट्रांसपोर्ट इन्वेस्टमेंट प्रोग्राम भी बनाएगा। शहरी परिवहन और शहरी परिवहन की सहायक सेवाओं से संबंधित वित्त जुटाने, निर्माण और संचालन की कार्य योजना तैयार करने का भार इसी प्राधिकरण पर रहेगा । प्राधिकरण निर्बाध और एकीकृत परिवहन नेटवर्क तैयार कर शहरी परिवहन सुविधाओं के विकास के संबंध में गाइडलाइनभी तय करेगा।यह शहरी परिवहन से संबंधित मामलों में संबंधित अथॉरिटी को दिशा निर्देश देगा तथा एक ऑपरेशन कंट्रोल रूम बनाएगा, जिसमें यात्रियों की मांग, शिकायतें और सुझाव सुने जाएंगे। यह शहरी यातायात की सुविधा के लिए स्मार्ट कार्ड आधारित टिकट सिस्टम भी शुरू करेगा, जिससे यात्रियों को भुगतान संबंधी दिक्कतें न हों। ट्रैफिक प्रबंधन, परिवहन योजना आदि तकनीक आधारित तैयार करने तथा इंटेलीजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम के माध्यम से यातायात नियम तोड़ने वालों को पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश करने एवं रेलवे से सामंजस्य बनाकर शहरी यातायात को उसी हिसाब से मजबूत बनाने का दायित्व भी प्राधिकरण पर ही होगा। बात प्राधिकरण की संरचना की करें, तो प्राधिकरण के चेयरमैन मुख्य सचिव होंगे। इसमें संबंधित निकाय के मेयर, उस निकाय के क्षेत्र में आने वाला कोई एक विधायक, वित्त सचिव कार्यालय, आवास सचिव कार्यालय, परिवहन सचिव कार्यालय, परिवहन आयुक्त कार्यालय, जिलाधिकारी कार्यालय, एसएसपी कार्यालय, चीफ टाउन प्लानर कार्यालय, उप परिवहन आयुक्त कार्यालय से एक-एक नामित सदस्य होगा। इसके अलावा इसमें ट्रांसपोर्टेशन इंजीनियरिंग, अर्बन ट्रांसपोर्ट प्लानिंग, अर्बन ट्रांसपोर्ट ऑपरेशंस, कारपोरेट गवर्नेंस, फाइनेंस या विधि आदि के भी सदस्य होंगे।प्राधिकरण के अंतर्गत अर्बन ट्रांसपोर्ट फंड बनेगा, जिसमें केंद्र व राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का पैसा एकत्र होगा। इसके अलावा यूजर चार्ज, जुर्माना आदि की राशि ली जा सकेगी । इसमें केंद्र, राज्य की ग्रांट या लोन भी लिए जा सकेंगे ।