उपचुनाव में कांग्रेस के बागी विधायक भंडारी के खिलाफ गोदियाल पर फिर दांव खेल सकती है कांग्रेस,चर्चायें तेज
बद्रीनाथ सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर होने के आसार
देहरादून(उद संवाददाता)। उपचुनावों को लेकर प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है वहीं दूसरी तरफ लोकसभा चुनाव के अब कांग्रेस से लेकर बीजेपी तक मंगलौर और बद्रीनाथ सीट पर उपचुनाव में जीतने के लिए मजबूत रणनीति तैयार कर रही है। इसी बीच दोनों पार्टियों के दमदार प्रत्याशी कौन होंगे इसको लेकर चर्चाएं हो रही हैं। हांलाकि एक बार फिर भाजपा ने कांग्रेस से पहले ही अपने दिग्गज प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है। बात करें बद्रीनाथ सीट की तो यहां से बीजेपी ने अपने उम्मीदवार पूर्व विधायक राजेंद्र भंडारी पर बड़ा सियासी दांव खेल दिया है। वहीं अब सियासी गलियारों में कांग्रेस के उम्मीदवार की घोषणा के इंतजार के बीच कांग्रेस के फायरब्रांड नेता एवं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल का नाम एक बार फिर चर्चाओं में चल रहा है। अनुमान लगाया जा रहा है कि अगर कांग्रेस बद्रीनाथ विधानसभा सीट से कांग्रेस के बागी विधायक भंडारी के खिलाफ गणेश गोदियाल पर दांव खेलती है तो वह कांग्रेस के लिए तुरूप के इक्का भी साबित हो सकते हैं। इस तरह बद्रीनाथ विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस गढ़वाल संसदीय सीट पर हुई हार का हिसाब बराबर कर सकती है। ऐसा इसलिए माना जा रहा है क्योंकि गणेश गोदियाल को बद्रीनाथ उपचुनाव में कांग्रेस द्वारा मैदान में उतारने की चर्चाएं हो रही हैं। हालांकि अभी नाम की घोषणा नहीं हुई है लेकिन जिताऊ प्रत्याशी तलाशने के लिए जिन नामों की चर्चा हो रही है उनमें गणेश गोदियाल का नाम सबसे ऊपर है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के अनुसार उपचुनाव के लिए कई उम्मीदवार दावेदारी कर रहे हैं। उम्मीदवारों के लिए हाईकमान को नाम का जल्द पैनल भेजा जायेगा। गणेश गोदियाल ने भले ही उपचुनाव लड़ने की संभावना से इंकार कर दिया है लेकिन पार्टी के अंदर एक बड़ा वर्ग उन्हें बद्रीनाथ से मैदान में उतारने की हिमायत कर रहा है। हालांकि कांग्रेस ने अभी तक मंगलौर हो या बद्रीनाथ सीट दोनों पर पत्ते नहीं खोले हैं लेकिन कुछ नामों को लेकर चर्चाओं के बाजार गर्म हैं। बात करें मंगलौर सीट की तो यहां से कांग्रेस के टिकट से पूर्व विधायक और कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव काजी निजामुद्दीन का चुनाव लड़ना लगभग तय है। बस उनके नाम की घोषणा होना बाकी है। इस सीट पर वो सबसे दमदार प्रत्याशी हैं। साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में वो मात्रा साढ़े पांच सौ वोटों के अंतर से हार गए थे। कांग्रेस में दोनों सीटों से किसे प्रत्याशी बनाया जाएगा इसको लेकर मंथन चल रहा है जल्द ही नामों का पैनल हाईकमान को भेजा जाएगा। जिसके बाद नामों का ऐलान हो जाएगा। बद्रीनाथ विधानसभा सीट पर उपचुनाव में मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही होने के आसार नजर आ रहे हैं। हालांकि अभी कांग्रेस की ओर से उम्मीदवार के नाम का ऐलान होना बाकी है। लेकिन माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के समय जिस तरीके से राजेंद्र भंडारी ने अपनी विधायकी को दांव पर लगा दिया और उसकी वजह से उपचुनाव हो रहा है तो बीजेपी ने उन्हीं को उम्मीदवार बनाया है। लेकिन सवाल ये उठता है कि जिस तरीके से राजेंद्र भंडारी के बीजेपी में शामिल होने के बाद बद्रीनाथ विधानसभा सीट पर भाजपा के कुछ कार्यकर्ता नाराज बताए जा रहे हैं। वहीं कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में इस बात को लेकर आक्रोश है कि जब कांग्रेस पार्टी को राजेंद्र भंडारी की जरूरत लोकसभा चुनाव में थी तो ऐसे समय उन्होंने पाला बदल लिया। ये आक्रोश कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में इस तरीके से उभर कर बाहर आया है कि राजेंद्र भंडारी लोकसभा चुनाव में अपने ही बूथ पर बीजेपी को बढ़त नहीं दिल पाए। इसके साथ ही उनके आसपास के कई बूथ पर भी भाजपा कांग्रेस से पीछे रह गई। साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव की बात करें तो 32,661 वोट राजेंद्र भंडारी को हासिल हुए थे। जबकि 30,595 वोट महेंद्र भट्ट को हासिल हुए थे। यानी जीत का अंतर काफी कम था। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में राजेंद्र भण्डारी अपना बूथ हार गए उस से कई सवाल उठ रहे हैं। हालांकि भाजपा बद्रीनाथ विधानसभा सीट पर बड़े अंतर के साथ जीतने का दावा कर रही है।