बदरीनाथ और मंगलौर उपुचनाव को लेकर सरगर्मी तेज, कांग्रेस काजी निजामुद्दीन और बसपा उबेदुर्रहमान पर खेल सकती हैं दांव !
मंगलौर से पूर्व मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद को उतार सकती है भाजपा,बदरीनाथ सीट पर किसी भी दल ने अपने पत्ते नहीं खोले
देहरादून। बदरीनाथ और मंगलौर विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने कमर कस ली है। मंगलौर में विस उपचुनाव की घोषणा के साथ राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। कांग्रेस से जहां राष्ट्रीय सचिव व पूर्व विधायक काजी निजामुद्दीन मैदान में आ सकते हैं वहीं बसपा से उबेदुर्रहमान उर्फ मोंटी मैदान में उतर सकते हैं। गौरतलब है कि हाजी सरवत करीम अंसारी का पिछले दिनों देहांत हो गया था, वो दिल की बिमारी से जूझ रहे थे। बसपा से विधायक सरवत करीम के तीन बेटे हैं। इनमें सबसे बड़े जुनैद करीम अंसारी पेशे से वकील हैं जबकि दूसरे नंबर पर उबेदुर रहमान उपर्फ मोंटी हैं और तीसरे नंबर पर आमित अंसारी हैं। तीनों ही राजनीति में सक्रिय हैं लेकिन सबसे ज्यादा मोंटी अपने पिता के साथ सक्रिय रहे हैं। वहीं भाजपा इस बार मंगलौर से पूर्व मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद को उतार सकती है जिनकी मौजूदगी में बसपा और कांग्रेस के लिए चुनाव आसान नहीं होगा। वहीं दूसरी तरफ भाजपा करतार सिंह भडाना पर भी दांव खेेल सकती है। वहीं बदरीनाथ विधानसभा की दूसरी रिक्त सीट से अभी तक किसी भी दल ने अपने पत्ते नहीं खोले है। यहां से एक बार फिर पूर्व विधयक राजेंद्र भंडारी पर भाजपा दांव खेल सकती है। मंगलौर विधानसभा सीट से काजी मोहम्मद निजामुद्दीन का चुनाव लड़ना तय है। बदरीनाथ सीट पर कांग्रेस को दमदार प्रत्याशी की तलाश है। इसके लिए कार्यकर्ताओं से फीडबैक लिया जा रहा है। जल्द ही प्रदेश कांग्रेस प्रत्याशियों का पैनल हाईकमान को भेजेगी। उपचुनाव की घोषणा होते ही प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने मोर्चा संभाल लिया है। बदरीनाथ विधानसभा क्षेत्र में माहरा ने कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर चुनावी रणनीति पर चर्चा की। साथ ही जिताऊ प्रत्याशी को लेकर जिला के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं से फीडबैक लिया। मंगलौर विधानसभा सीट में काजी मोहम्मद निजामुद्दीन टिकट के मजबूत दावेदार हैं। इस सीट हुए चुनाव में कांग्रेस व बसपा के बीच कड़ा मुकाबला रहा है। 2022 के चुनाव में काजी मात्र 598 वोट से चुनाव हार गए थे। उन्हें बसपा के सरवत करीब अंसारी ने पराजित किया। जबकि 2017 के विस चुनाव में काजी ने जीत हासिल की थी। राजेंद्र भंडारी के भाजपा में शामिल होने के बाद बदरीनाथ सीट पर कांग्रेस में कई दावेदार हैं। 2022 विधानसभा चुनाव में भंडारी ने कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। उन्होंने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट को हराया। लेकिन लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भंडारी को कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देकर भाजपा शामिल हुए। 2012 में भंडारी कांग्रेस में आए और कांग्रेस टिकट पर विधानसभा चुनाव जीता। लेकिन 2017 का विस चुनाव हार गए।