दक्षिण अफ्रीका में बिजनेस मैन गुप्ता बंधुओं ने खड़ा कर दिया था अपना अरबों का साम्राज्य
देहरादून। दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा को अर्श से फर्श पर लाने वाले और अपने कारनामों से दक्षिण अफ्रीका में बदनाम हो चुके गुप्ता बंधुओं को देहरादून पुलिस दून के नामी बिल्डर सतेंद्र सिंह साहनी के सुसाइड मामले में अरेस्ट कर चुकी है। गुप्ता बंधु अजय गुप्ता, अतुल गुप्ता और राजेश गुप्ता उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से ताल्लुक रखते हैं। तीनों भाई 1998 में दक्षिण अफ्रीका गए थे। जिसके बाद तीनों ने वहां जाकर बेहिसाब संपत्ति कमाई और दुनिया के बड़े ताकतवर लोगों में शामिल हो गए। तीनों का अफ्रीका में अरबों का साम्राज्य खड़ा करना किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। गुप्ता बंधुओं के पिता शिवकुमार गुप्ता सहारनपुर में राशन की दुकान चलाया करते थे। तीनों भाईयों का बचपन सहारनपुर में हुई बीता है। तीनों भाई बचपन से ही पढ़ाई में काफी तेज थे। अतुल गुप्ता को उनके पिता ने 1985 में पढ़ाई के लिए दिल्ली भेज दिया। पढ़ाई के बाद दिल्ली ने कुछ दिन तक हयात होटल में नौकरी की। जिसके बाद वो वहीं से साउथ अफ्रीका रवाना हो गए। अतुल ने अफ्रीका में छोटा सा बिजनेस शुरू किया। देखते ही देखते अतुल के कारोबार ने रफ्तार पकड़ ली। जिसके बाद अतुल ने अपने दोनों भाई अजय और राजेश को भी साउथ अफ्रीका बुला लिया। अतुल ने साल 1993 में अफ्रीका में सहारा कम्प्यूटर्स की शुरुआत की। कुछ ही सालों में तीनों भाईयों की मेहनत रंग लाई और पूरे दक्षिण अफ्रीका में गुप्ता बंधुओं की नंबर वन कंपनी बन गई। कंप्यूटर कारोबार के बाद तीनों भाईओं ने कोल और गोल्ड माइनिंग में भी हाथ आजमाया। इसके अलावा गुप्ता बंधुओं ने मीडिया क्षेत्र में भी आगे आए और दक्षिण अफ्रीका में न्यूज एज नाम से अखबार शुरू किया। देखते ही देखते तीनों दक्षिण अफ्रीका में कई न्यूज चैनलों के मालिक बन गए। 2016 तक गुप्ता बंधू साउथ अफ्रीका में बड़ा साम्राज्य खड़ा कर चुके थे। लेकिन 2016 में गुप्ता बंधुओं के बुरे दिन शुरू हो गए। तत्कालीन उप वित्त मंत्री मसोबिसि जोनास ने गुप्ता बंधुओं पर आरोप लगाया कि उन्हें वित्त मंत्री बनवाने का वादा किया था। इसके बाद गुप्ता बंधुओं पर आरोप लगा कि उन्होंने जैकब जुमा के साथ संबंधों का इस्तेमाल कर न सिर्फ गलत तरीके से कारोबार को बढ़ाया, बल्कि राजनीति में भी दखल देने लगे थे। विवाद इतना बढ़ गया कि दक्षिण अफ्रीका में लोकप्रिय रहे पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा को इन भाइयों की वजह से अपनी कुर्सी गंवानी पड़ गई। इसके बाद गुप्ता बंधुओं पर सरकारी जांच का शिकंजा कसता चला गया।