‘बालयोगी’ अंतिम यात्रा में भारी संख्या में उमड़े लोग

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देहरादून। कालिका माता मंदिर समिति के परमाध्यक्ष बालयोगी सर्वदास जी महाराज की अंतिम यात्रा में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। 74 वर्षीय बालयोगी महाराज शनिवार को ब्रतालीन हो गये थे। उनके भक्तों का रो-रोकर बुरा हाल है। रविवार को उनकी आखिरी इच्छा पूरी करने के लिए उन्हें हरिद्वार में जल समाधि दी गई। इससे पहले देहरादून में उनकी अंतिम यात्रा निकाली गई। कालिका मंदिर से शुरू हुई अंतिम यात्रा चकराता रोड, घंटाघर, पलटन बाजार, धामावाला, दर्शनी गेट, प्रिंस चैक होते हुए हरिद्वार पहुंची। जहां पर उन्हें जल समाधि दी गई। विधायक गणेश जोशी, विधायक खजान दास समेत तमाम अनुयायी बालयोगी महाराज जी की अंतिम यात्रा में शामिल हुए। बताते चलें कि कालिका माता मंदिर समिति के परमाध्यक्ष बालयोगी सर्वदास जी महाराज को शुक्रवार को पेट दर्द होने की शिकायत पर दून के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां उनका आपरेशन भी किया गया, लेकिन शनिवार को उपचार के दौरान उन्होंने शरीर त्याग दिया। बालयोगी महाराज के देहावसान की खबर सुनते ही उनके अनुयायियों में शोक की लहर दौड़ गई। बालयोगी सर्वदास जी महाराज की आखिरी इच्छा थी कि उनके पार्थिव शरीर को जल समाधि दी जाए। बाबा की इस इच्छा को पूरी करने के लिए उनके पार्थिव शरीर को हरिद्वार ले जाया गया जहां उन्हें जल समाधि दी गई। रामलीला कला समिति ने कालिका मंदिर के संस्थापक परमाध्यक्ष बालयोगी सर्वदास जी महाराज के ब्रतालीन होने पर दुख जताया है। समिति पदाधिकारियों ने कहा कि बालयोगी महाराज जी आध्यात्मिक संत ही नहीं, धर्मपरायण योगी थे। वह सदैव आत्मचिंतन में लीन रहे। वह मां काली, श्री कृष्ण, श्री राम-हनुमान के परम भक्त थे। उनके आर्शीवाद से देहरादून ही नहीं समूचा राज्य ऊर्जा प्राप्त आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त करता था। कहा कि प्रभु राम उन्हें अपने चरणों में वास दें। शोकाकुल सभी भक्तों को उनके आदशरे पर चलने की प्रेरणा दें। राकेश महेंदू, कुंवर जपेंदर सिंह, अरविंद गोयल, राकेश भंडारी, ललित मोहन शर्मा, सोम प्रकाश शर्मा, शाभित मांगलिक आदि ने ब्रतालीन संत बालयोगी महाराज को श्रद्धांजलि दी। वहीं राष्ट्रीय एकता परिषद से जुड़े लोगों ने भी संत बालयोगी महाराज के ब्रतालीन होने पर शोक जताया। कहा कि वह एक आध्यात्मिक संत थे। मां काली व भगवान राम के परम भक्त के साथ ही वह गीता के अनुयायी थे। कहा कि समय-समय पर कालिका मंदिर में आयोजित होने वाले धार्मिक कार्यक्रमों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते थे और भक्तों को आर्शीवाद व शक्ति प्रदान करते थे। कहा कि उनके दिवंगत होने से आध्यात्मिक जगत में अपूर्णिय क्षति हुई है। ईर उन्हें अपने चरणों में स्थान दें। शोक व्यक्त करने वालों में परिषद के मुख्य संरक्षक देवेन्द्र दास जी महाराज, राकेश भंडारी, सोम प्रकाश शर्मा आदि शामिल रहे।

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