हेम आर्य की ऐट्री से पहले कांग्रेस में बवाल

नेता प्रतिपक्ष इंदिरा के खिलाफ प्रदेश अध्यक्ष सरिता आर्य का बड़ा हमला,विश्वास घात का लगाया आरोप

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देहरादून। प्रदेश कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। नये प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के समक्ष महिला कांग्रेस की अध्यक्ष के बागी तेवर मुश्किलें खड़ी कर सकते है। आपसी वर्चस्व की लड़ाई एक बार फिर फूटकर सबके सामने आ गई है। पार्टी का कुनबा बढ़ाने के लिये कुछ बड़े नेताओं की सक्रियता से पुराने कार्यकर्ताओं में बेचैनी बढ़ गई है। मामला नैनीताल विधानसभा क्षेत्र की कद्दावर नेत्री पूर्व विधायक सरिता आर्य और उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाले भाजपा के बागी नेता हेम चंद आर्य के बीच का है। सभावर्ष 2016 में भारी बगावत की वजह से बुरी तरह जख्मी हुई कांग्रेस के भीतर के फिर नये जख्म उभर कर सामने आ रहे हैं। कई दिग्गज नेताओं के भाजपा में चले जाने के बाद भी बची-खुची कांग्रेस एक राय से चलने को तैयार नहीं दिख रही है। थराली उपचुनाव में पार्टी के भीतर तालमेल का जो अभाव दिखा था उससे हुए हार से भी पार्टी ने सबक नहीं लिया। अब एक और मामला पार्टी के भीतर उठ गया है। पिछले चुनाव में नैनीताल से कांग्रेस विधायक सरिता आर्य के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले हेम आर्य को पार्टी में शामिल करने की कोशिशें कांग्रेस के भीतर लड़ाई का एक नया मोर्चा खोलने जा रही हैं। सरिता आर्य इस समय सबसे महत्वपूर्ण अनुषांगिक संगठन महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने इस संबंध में प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह को पत्र लिखकर अपनी ओर से कड़ा विरोध जता दिया है। सूत्रों का कहना है कि हेम चंद आर्य को ज्वाइन करवाने के लिए नेता प्रतिपक्ष डा. इंदिरा हृदयेश की ओर से कोशिशें हुई। इस मामले में एक और मजेदार बात यह है कि हेम आर्य को पार्टी में शामिल करने के लिए हल्द्वानी शहर को चुना गया है। सूत्रों का यह भी कहना है कि हेम आर्य को बड़े मंच पर पार्टी में ज्वाइन करवाने से यह भी संदेश देने की कोशिश अंदरखाने हो रही है कि वह कुमाऊं में बड़े दलित नेता हैं। उन्हें पार्टी में शामिल करवाने के लिए 19 जून को जिस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। उसके लिए बाकायदा पार्टी अध्यक्ष प्रीतम सिंह भी हल्द्वानी जा रहे हैं। बताया तो यह भी जा रहा है कि सरिता आर्य ने इस फैसले पर अपना विरोध दर्ज करते हुए कहा कि कार्यक्रम के लिए ऐसे समय चुना गया है जब वह स्वयं राष्ट्रीय अध्यक्ष की ओर से आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण के लिए अहमदाबाद जा रही हैं। उन्होंने प्रीतम को लिखे पत्र में कहा है कि जब कांग्रेस में बगावत हुई थी तो उन्होंने पार्टी के प्रति अपनी निष्ठा बनाये रखी और अब पार्टी उन पर भरोसा न करके क्या संदेश देना चाहती है। पिछले चुनाव में सरिता आर्य की हार के लिए हेम आर्य भी बड़ा कारण बने थे। अब देखना यह होगा कि हेम की ज्वाइंनिग के बहाने कांग्रेस में शुरू हुई यह रार आगे क्या गुल खिलाएगी। महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष ने हाईकमान से मांग करते हुए कहा कि यह कदन उनके आत्मसम्मान को ठेस पहुंचा रहा है।

मेरे धुर विरोधी को पार्टी में शामिल किया जा रहा है तो मुझे दरकिनार कर दिया गया। मेरे आत्म सम्मान को प्रभावित करने का यह निर्णय ठीक नहीं है मैंने कहा था कि मेरे सामने नैनीताल में ज्वाइन करवाइये। मैं पार्टी की निष्ठावान सिपाही हूं, मैंने डा. इंदिरा ह्रदयेश को भी अपनी भावनाओं से अवगत कराया, अब पार्टी अध्यक्ष को पत्र भेजा है। मेरे सामने ज्वाइन करवाया जाता तो अच्छा संदेश जाता।
सरिता आर्य,महिला कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष
यह बाते बेबुनियाद हैं कि सरिता आर्य को विश्वास में नहीं लिया गया। नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृद्येश ने साफ कहा कि पार्टी कि पार्टी की मजबूती के लिये निर्णय लिया गया। इससे पार्टी और क्षेत्रीय जनता के बीच विश्वास बढ़ेगा। सरिता आर्य की नाराजगी का कोई और कारण हो सकता है वह सबकुछ जानती है यह बात भी उनके संज्ञान में है। हेम आर्य काफी समय से पार्टी में आने के लिये तैयार हैं। उनके सम्मान में कोई कमी नहीं आयेगी और जल्द ही ज्वाइंनिग हो जायेगी।
– इंदिरा हृद्येश ,नेता प्रतिपक्ष,
एक व्यक्ति कांग्रेस में आना चाह रहा है। हम न तो उसे टिकट दे रहे हैं और न ही कोई पद। इसलिए किसी को ऐतराज नहीं होना चाहिए। जहां तक बात सरिता आर्य जी की गैरमौजूदगी का है, हेम आर्य को ज्वाइन कराने का कार्यक्रम पहले ही बन चुका था।’ अगर वह मिस काॅल से सदस्य बन जाते तो क्या कहते।
– प्रीतम सिंह, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष

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