विधायक की सिफारिस से पोस्टिंग पाने वाले दरोगा व सिपाही रडार पर

डीजीपी ने दिये जांच के आदेश, सिफारिस पड़ सकती है भारी

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रूद्रपुर(उत्तरांचल दर्पण संवाददाता)। नानकमत्ता विधायक सेे पोस्टिंग कराने वाले दरोगा व सिपाहियों को सिफारिस भारी पड़ गई है। पुलिस महकमें में पत्र वायरल होने के बाद हड़कम्प मच गया है। वायरल पत्र को डीजीपी ने गंभीरता से लेते हुये आईजी कुंमाऊ को जांच के आदेश देने के बाद सिफारिस से पोस्ंिटग पाने वाले दरोगा व सिपाही रडार पर आ गये है। पुलिस महकमें ने इन दरोगा व सिपाहियों की नियुक्ति रद्द कर मैदान से पहाड़ चढ़ाने का मन बना लिया है। विधायक के वायरल पत्र को सबसे पहले दर्पण ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था जिसके बाद ये मामला सुर्खियों में आ गया। दरअसल नानकमत्ता के विधायक का पिछले दिनों सोशल मीडिया पर एक लेटर वायरल हुआ जिसमें 4 दरोगा व सिपाहियों को मनचाही चैकी का प्रभारी व तैनाती करने के लिए एसएसपी ऊधम सिंह नगर को लिखा गया था, जिसको दर्पण ने सबसे पहले प्रकाशित किया था, जिसके बाद विधायक का पत्र सुर्खियों में आ गया और पुलिस मुख्यालय देहरादून तक पहुंच गया। इस पत्र में विधायक ने जिन दरोगा व सिपाही की मनचाही तैनाती के लिए लिखा था, उनमें अधिकतर की पोस्टिंग हो गई इसलिए इस पत्र का महत्व बढ़ गया। बकायदा पत्र में कांस्टेबल न0 भी लिखा गया था जिससे ये भी साफ होता है कि पत्र में जिन दरोगा व सिपाहियों के नाम शामिल है उन्होंने विधायक से सम्पर्क किया और अपनी मनचाही तैनाती की गुजारिश की। विधायक के पत्र को पुलिस मुख्यालय ने गंभीरता से लिया और डीजीपी अशोक कुमार ने जांच के आदेश आईजी कुमांऊ को दे दिये है। इधर डीआईजी कानून व्यवस्था नीलेश आनन्द भरणे ने पुलिस मुख्यालय के आदेश के बाद विधायक के पत्र में शामिल दरोगा व सिपाहियों के बारे में जानकारी जुटानी शुरू कर दी है।

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