नागरिकता बिल लोकसभा में पेश

82 के मुकाबले 293 वोटों से प्रस्ताव स्वीकार, बिल पेश होने पर हंगामा

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नई दिल्ली(उद ब्यूरो)। लोकसभा में आज नागरिकता बिल पेश हुआ, बिल पेश होने के लिए जो वोटिंग हुई उसमें 293 हां के पक्ष में और 82 विरोध में वोट पड़े। लोकसभा में इस दौरान कुल 375 सांसदों ने वोट किया। लोकसभा में अमित शाह ने कहा कि इस बिल की जरूरत कांग्रेस की वजह से पड़ी। धर्म के आधार पर कांग्रेस ने देश का विभाजन किया। इस बिल की जरूरत नहीं पड़ती अगर कांग्रेस ऐसा नहीं करती, कांग्रेस ने धर्म के आधार पर देश को बांटा। अमित शाह ने इस दौरान कहा कि हमारे देश की 106 किमी सीमा अफगानिस्तान से सटी है, ऐसे में उसे शामिल करना जरूरी था। मैं इसी देश का हूं और भूगोल जानता हूं। शायद ये लोग पीओके को भारत का हिस्सा नहीं मानते हैं।विपक्षी नेताओं की तरफ से आर्टिकल 14 पर जो सवाल खड़े किए गए, उसपर अमित शाह ने जवाब देते हुए कहा कि इस बिल में संविधान का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा सेक्युलिरिज्म इस मुल्क का हिस्सा है, ये एक्ट फंडामेंटल राइट का उल्लंघन करता है। ये बिल लाकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन हो रहा है। इस मुल्क को इस कानून से बचा लीजिए।कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि इस बिल के पेश होने से संविधान के आर्टिकल 14 का उल्लंघन किया गया है, लेकिन अमित शाह ने कहा कि इस बिल के आने से अल्प संख्यकों पर कोई असर नहीं होगा। ये बिल अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं है।लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल पेश हो गया है, लेकिन इस बिल के पेश करने पर संसद में हंगामा हो गया। कांग्रेस, टीएमसी समेत कुछ विपक्षी पार्टियों ने इस बिल के पेश होने का ही विरोध किया। कांग्रेस का कहना है कि इस बिल का पेश होना ही संविधान के खिलाफ है। लेकिन अमित शाह ने कहा कि जब बिल पर चर्चा होगी तब वह जवाब देंगे।इसपर अधीर रंजन चैधरी ने विरोध जताया जिसपर अमित शाह ने जवाब दिया। अमित शाह ने अधीर रंजन को जवाब देते हुए कहा कि ये बिल कहीं पर भी इस देश के अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं है।नागरिकता बिल पेश होने से पहले भी लोकसभा में हंगामा हुआ।

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