सेना के पत्र का राष्ट्रपति भवन ने किया खंडन

0

नई दिल्ली। राष्ट्रपति भवन ने सेना की ओर से लिखे किसी भी पत्र के मिलने का खंडन किया है। राष्ट्रपति भवन के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, प्रेसिडेंट को मीडिया में चल रहे सशस्त्र बलों की ओर से लिखा कोई पत्र नहीं मिला है। बता दें कि आज सुबह से मीडिया में एक पत्र को लेकर चर्चा थी कि सेना के आठ पूर्व प्रमुखों और 148 अन्य पूर्व सैनिकों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर सशस्त्र सेनाओं का राजनीतिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किए जाने पर आक्रोश जताया है। इस मसले पर अब एयर चीफ मार्शल एनसी सूरी का जवाब भी आ गया है, सूरी ने कहा है कि यह एडमिरल रामदास का पत्र नहीं है, यह किसी मेजर चैधरी द्वारा लिखा गया है। उन्होंने इसे लिखा है और यह व्हाट्सएप और ईमेल पर चल रहा है। सूरी ने कहा कि ऐसे किसी भी पत्र के लिए मेरी सहमति नहीं ली गई है। उस पत्र में जो कुछ भी लिखा गया है, मैं उससे सहमत नहीं हूं। हमारी राय को गलत ढंग से पेश किया गया है। राष्ट्रपति को लिखे पत्र में पूर्व सेना प्रमुख जनरल (सेवानिवृत्त) एसएफ रोड्रिग्ज का पहला हस्ताक्षर है, एसएफ रोड्रिग्ज ने अपने किसी भी हस्ताक्षर होने का खंडन किया है। रोड्रिग्ज ने कहा, मैं नहीं जानता कि यह सब क्या है। मैं अपनी पूरी जिंदगी राजनीति से दूर रहा हूं। 42 साल तक अधिकारी के तौर पर काम करने के बाद अब ऐसा हो भी नहीं सकता। मैंने हमेशा भारत को प्रथम रखा है। मैं नहीं जानता कि यह कौन फैला रहा है। यह फेक न्यूज का क्लासिक उदाहरण है। खबरों के मुताबिक, पत्र बृहस्पतिवार को राष्ट्रपति के पास भेजा गया। जिसमें पूर्व सैनिकों की ओर से लिखा गया है, महोदय हम नेताओं की असामान्य और पूरी तरह से अस्वीकृत प्रक्रिया का जिक्र कर रहे हैं जिसमें वह सीमा पार हमलों जैसे सैन्य अभियानों का श्रेय ले रहे हैं और यहां तक कि सशस्त्र सेनाओं को मोदी जी की सेना बताने का दावा तक कर रहे हैं। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में एक चुनावी रैली में सशस्त्र सेनाओं को मोदीजी की सेना बताया जिसपर विपक्षी दलों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। निर्वाचन आयोग ने भी टिप्पणियों पर कड़ी आपत्ति जताई।

Leave A Reply

Your email address will not be published.