डीजीपी ने ऋषिकेश में पुलिस व्यवस्थाओं का स्थलीय निरीक्षण कर यात्रा की तैयारियों का लिया जायजा
डीजीपी ने कहा: सभी विभागों से समन्वय के साथ कार्य करें
ऋषिकेश। पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ ने सोमवार को ऋषिकेश में चारधाम यात्रा-2025 के दृष्टिगत विभिन्न पुलिस व्यवस्थाओं का स्थलीय निरीक्षण कर तैयारियों का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने चारधाम यात्रा ट्रांजिट कैंप यात्रा रजिस्ट्रेशन कार्यालयद्ध का औचक निरीक्षण कर पंजीकरण कक्ष, ऑफलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया, यात्रा पूछताछ एवं सहायता केंद्र, चिकित्सालय, पुलिस सहायता /खोया पाया केन्द्र जैसी विभिन्न व्यवस्थाओं का अवलोकन किया। पुलिस महानिदेशक ने संबंधित अधिकारियों से फीडबैक प्राप्त कर यात्रा व्यवस्थाओं को और अधिक सुदृढ़ एवं यात्री-हितैषी बनाने हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।पुलिस महानिदेशक ने कहा कि ट्रांजिट कैंप में पुलिस, परिवहन, नगर निगम, स्वास्थ्य, पर्यटन, आदि विभागों के हेल्पडेस्क का निरीक्षण कर यात्रा को सफल बनाने हेतु सभी विभागों से समन्वय के साथ कार्य करें जिससे हर श्रद्धालु की यात्रा सकुशल सम्पन्न हो और वे उत्तराखण्ड से यात्रा के अच्छे अनुभव लेकर जाएं। इस दौरान पुलिस महानिदेशक ने यात्रियों/ श्रद्धालुओं से सीधे संवाद कर पंजीकरण प्रक्रिया, उनके खाने व ठहरने की व्यवस्थाओं के संबंध में प्रत्यक्ष फीडबैक प्राप्त किया। इस दौरान ैैच् देहरादून श्री अजय सिंह, एसएसपी टिहरी गढ़वाल श्री आयुष अग्रवाल, पुलिस अधीक्षक, ग्रामीण श्रीमती जया बलोनी, अपर पुलिस अधीक्षक टिहरी गढ़वाल श्री जेआरजोशी, क्षेत्राधिकारी नरेंद्रनगर श्री सुरेंद्र सिंह भंडारी, क्षेत्राधिकारी श्रीनगर श्री अनुज कुमार सहित अन्य पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे। इसके पश्चात पुलिस महानिदेशक ने हरिद्वार में आईएमसी चौक स्थित थाना सिडकुल के नए भवन का विधिवत शिलान्यास कर निर्माण स्थल का निरीक्षण करते हुए भवन की संरचना की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि निर्माण कार्य गुणवत्ता मानकों के अनुरूप हो तथा समयबद्ध ढंग से पूर्ण किया जाए। ऋषिकुल स्थित चारधाम यात्रा पंजीकरण केंद्र एवं चमगादड़ टापू स्थित नवनिर्मित यात्री विश्राम गृह एवं पार्किंग क्षेत्र के निरीक्षण के दौरान डीजीपी ने पंजीकरण केंद्र में यात्रियों के लिए बनाए गए पंजीकरण काउंटर, सहायता कक्ष, पेयजल एवं शौचालय की सुविधाएं, भीड़ प्रबंधन के उपाय, तथा सुरक्षा व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी व्यवस्थाएं श्रद्धालुओं की सुविधा और सहजता को ध्यान में रखते हुए संचालित की जाएं।चारधाम यात्रा एक आस्था का विषय है, अतः प्रत्येक अधिकारी/कर्मी अपने दायित्वों का निर्वहन संवेदनशीलता, तत्परता और पूर्ण निष्ठा के साथ करें ताकि श्रद्धालुओं को एक सुरक्षित, सुव्यवस्थित और स्मरणीय यात्रा का अनुभव प्राप्त हो।