तो क्या प्लेटफ़ॉर्म पर खड़े ‘सीटी ही बजाते रहेंगे’ भाजपा के इंजन ?
रुद्रपुर। तकरीबन हर चुनाव में भारतीय जनता पार्टी मतदाताओं से उसकी सरकार में नए-नए इंजन लगाने की अपील करती रही है और भारतीय जनता पार्टी की इस अपील पर जनता ने उत्तराखंड में डबल, ट्रिपल और नगर निकाय के वार्डन को मिला करके तो चार-चार इंजन भाजपा की सरकार के लिए दे दिए हैं। भाजपा के आहवान पर सरकार के लिए डबल ट्रिपल और कई स्थानों पर चौथा इंजन देते समय मतदाताओं को यह पूरा विश्वास था कि राज्य की भाजपा सरकार के यह इंजन देर सवेर उन्हें बेहतरी और खुशहाली की ट्रेन में यात्रा अवश्य कराएंगे, मगर नजूल फ्ीहोल्ड नीतिगत पर नैनीताल उच्च न्यायालय के ब्रेक के बाद, इस मसले पर मुख्यमंत्री, सांसद, विधायक, महापौर एवं अन्य भाजपाई क्षत्रपों की रहस्यपूर्ण खामोशी के चलते नजूल भूमि पर बसे लोगों को अब कहीं ना कहीं यह चिंता सताने लगी है, कि भाजपा सरकार उपरोक्त इंजन उन्हें अच्छे दिनों की खुशियों वाली ट्रेन से नजूल भूमि के फ्री होल्ड प्लाट तक ले जा पाएंगे भी अथवा नहीं? वह इसलिए ,क्योंकि नजूल भूमि फ्ी होल्ड के मसले पर अब हालात कुछ ऐसे बन पड़े हैं कि अगर सूबे के मुिखया धामी नजूल भूमि पर बसे लोगों के साथ प्रतिबद्धता पूर्वक खड़े नहीं हुए और उन्होंने इस मामले में कुछ अलग हटकर नहीं किया, तो भाजपा सरकार के बाकी इंजन नजूल भूमि के मसले पर सिर्फ प्लेटफॉर्म पर खड़े सीटी ही बजाते रह जाएंगे। हालांकि नजूल भूमि पर बसे लोगों की दृष्टि से एक बड़ी राहत वाली बात है कि रुद्रपुर नगर निगम के मेयर विकास शर्मा ने सीएम धामी के काशीपुर प्रवास के दौरान उन्हें नजूल भूमि पर बसे लोगों की पीड़ा से अवगत कराते हुए, शीघ्र ही कोई राहत भरा कदम उठाने की मांग की है, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण बात तो यह है कि नैनीताल-उधम सिंह नगर सीट से सांसद अजय भट्ट, जिनके संसदीय क्षेत्रा में नजूल भूमि पर एक बड़ी आबादी निवास कर रही अभी तक इस मसले पर पूरी तरह खामोश है। वैसे नजूल भूमि पर बसे लोग इंतजार तो रुद्रपुर विधायक शिव अरोड़ा के अगले कदम का भी कर रहे हैं ,मगर इस मामले का अंतिम और संतोषजनक निदान तो अंततः मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ही निकलना होगा । लिहाजा निकट भविष्य में अब निगाहें इस इस पर लगी रहेगी की सीएम धामी की जानिब से क्या कुछ निकाल कर सामने आता है।