एससीएसटी एक्ट में संशोधन का किया विरोध

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रूद्रपुर/काशीपुर। एससी एसटी एक्ट में कानून में किये गये वर्तमान संशोधन को समाप्त किये जाने की मांग को लेकर अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा ने कलेक्ट्रेट में पहुंचकर प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन एसडीएम युक्ता मिश्रा को सौंपा। एसडीएम को दिये गये ज्ञापन में कहा गया कि पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के शासनकाल के दौरान एससी एसटी एक्ट के कानून में बदलाव करते हुए विधेयक पारित किया गया था कि यदि इसके अंतर्गत कोई मुकदमा दर्ज कराता है तो जांच से पहले आरोपी को पुलिस गिरफ्रतार कर लेगी जिस पर रोक लगाते हुए कानून में संशोधन कर विधेयक पास किया गया था कि यदि किसी एससी एसटी एक्ट के तहत आने वाले सदस्य के द्वारा कोई मुकदमा दर्ज कराया जाता है तो आरोपित पर कार्रवाई व गिरफ्रतारी से पूर्व मामले की जांच की जायेगी लेकिन वर्तमान में पुनः इस कानून में बदलाव कर दिया गया जोकि एक समुदाय वर्ग को लाभ पहुंचाने के लिए किया गया है जिस पर पुनर्विचार कर संशोधित किया जाना जनहित व समाज हित में आवश्यक है। उन्होंने कहा कि एससी एसटी एक्ट में किये गये बदलाव पर रोक लगायी जाये। ज्ञापन देने वालों में प्रदेश अध्यक्ष अधिवक्ता धर्मेंद्र शर्मा, पुनीत शर्मा, गौरीशंकर उप्रेती, विजय चौधरी, संजीव राय, शिवम सिंह, कर्ण दुआ, निखिल राय, अंकुर राय, हरेंद्र राय, शशांक त्यागी आदि शामिल थे। काशीपुर- एससीएसटी एक्ट के खिलाफ सवर्ण समाज मुखर हो गया। उन्होंने एसडीएम कार्यालय में प्रदर्शन कर जिलाधिकारी को सम्बोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा। एसडीएम को दिये गये ज्ञापन में कहा गया कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा एससी एससी एक्ट में चली आ रही विसंगति को दूर करने के लिए गाइडलाइन दी थी जिसे केंद्र सर कार ने फेरबदल कर नया अध्यादेश ला दिया जिसकी वह पुरजोर खिलाफत करते हैं। उन्होंने मांग की कि इस अध्यादेश को तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाये जिससे भारतीय समाज में बढ़ रहे विघटन को बचाया जास के। प्रदर्शन करने वालों में पीयूष गौड़, नितिन कौशिक, मयंक शर्मा, वरूण शर्मा, सारंग नागर, तेजवर्धन त्यागी, गौरव चतुर्वेदी, मनोज राय, कुंदन शर्मा, मनीष श्रीवास्तव, अनुतोष शर्मा, राजीव शर्मा, सुरेश शर्मा, अनिल शर्मा, यश शर्मा, अनूप शर्मा, अभिषेक नागर, सचिन नाडिक आदि मौजूद थे।

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