दूधियानगर, भदईपुरा, पहाड़गंज में बुलडोजर चलना तय,मुख्यमंत्री से मिलने ठुकराल रवाना

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रुद्रपुर।गत दिनों प्रशासन की टीम भदईपुरा में अतिक्रमण ध्वस्त करने गई थी लेकिन विरोध के चलते उन्हें वापस लौटना पड़ा था। अब नगर निगम प्रशासन ने दूधियानगर, भदईपुरा, पहाड़गंज में नजूल भूमि पर बसे मकानों की काउंटिंग करना शुरू कर दी है। जिससे प्रतीत हो रहा है कि अब नजूल भूमि पर बसे लोगों के मकानों पर बुलडोजर चलना तय है। नजूल भूमि पर लगभग 14154 मकान बने हुए हैं। वर्ष 2015 में भदईपुरा निवासी सेवाराम ने रूद्रपुर में नजूल की भूमि में अतिक्रमण को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। वर्ष 2016 में हाईकोर्ट ने अपने आदेश में इन 14154 अतिक्रमण कारियों को हटाने के निर्देश दिये थे। इसके बाद नगर निगम ने इन हजारों अतिक्रमणकारियों को नोटिस भी थमाये ़थे लेकिन गत दिनों जब नगर निगम की टीम अतिक्रमण हटाने गई तो विरोध के चलते उन्हें वापस लौटना पड़ा। लेकिन अब नगर निगम की टीम ने दोबारा भदईपुरा, दूधियानगर, पहाड़गंज में मकानों की काउंटिंग शुरू कर दी है और निगम की टीम यह पता कर रही है कि वर्तमान में कितने मकान नजूल की भूमि पर खड़े हुए हैं और कितनी नजूल भूमि कब्जा कर रखी है। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि काउंटिंग के बाद नजूल भूमि का काउंट डाउन शुरू हो जायेगा।
सीएम से मिलने दिल्ली गये ठुकराल
रूद्रपुर। नजूल भूमि पर बसे हजारों परिवारों को विनियमित किये जाने की मांग को लेकर विधायक राजकुमार ठुकराल मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से मिलने दिल्ली रवाना हो गये है। जहां मुख्यमंत्री श्री रावत से मिल नजूल भूमि पर बसे परिवारों को उजड़ने से बचाने की गुहार लगायेंगे। श्री ठुकराल ने बताया कि दिल्ली में मुख्यमंत्री से मिल वह देहरादून पहुंचेगे। जहां रूद्रपुर से पहुंच रहे दर्जनों लोगों के साथ वह शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक से इस सम्बंध में वार्ता करेंगे और शीघ्र ही नजूल भूमि पर बसे लोगों को बचाने के लिये कोई ठोस रास्ता निकाले जाने की बात रखेंगे। इसके साथ ही रूद्रपुर शहर से अतिक्रमण हटाने के बाद अव्यवस्थित हुये शहर के सौन्द्रर्यीकरण किये जाने की भी मांग की जायेगी। विदित हो कि उच्च न्यायालय ने भूतबंगला में बसे 14 हजार से अधिक परिवारों को सरकारी भूमि से हटाये जाने का आदेश दिया है। इस आदेश के बाद नजूल भूमि पर बसे हजारों परिवारों में अपने आशियाने उजड़ने का भय व्याप्त है और जनता में भाजपा सरकार के खिलाफ काफी गुस्सा है। यदि समय रहते भाजपा सरकार ने नजूल भूमि पर बसे लोगों को बचाने का रास्ता नही निकाला तो इसका खमियाजा आने वाले समय में सरकार को भुगतना पड़ेगा।

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