टिहरी में भूस्खलन से तबाही,दो मकान जमींदोज,तीन मरे, चार लापता
देहरादून। लगातार बारिश से नदी-नालों का उफान और भूस्ऽलन जानलेवा साबित हो रहा है। पहाड़ से लेकर मैदान तक नुकसान का दौर जारी है। टिहरी के भिलंगना क्षेत्र में दो मकान भूस्ऽलन के मलबे की चपेट में आकर जमींदोज हो गए। इसमें आठ लोग दब गए। अभी तक तीन शव निकाले जा चुके हैं। वहीं, एक बच्ची को जिंदा निकाल लिया गया। चमोली जिले में पिंडर नदी के कटाव से हो रहे भूस्ऽलन के कारण पांच दुकानें जमींदोज हो गईं।टिहरी जनपद के भिलंगना के दूरस्थ गांव कोट बिशन में तड़के करीब चार बजे भारी बारिश से दो मकान ध्वस्त हो गए। सूचना पर एसडीआरएफ और प्रशासन की टीम गांव में रेस्क्यू को पहुंच गई। स्थानीय ग्रामीणों के साथ ही एसडीआरएफ, प्रशासन की टीम मलबे में दबे लोगों को निकालने में जुटी है। एसडीएम पीआर चौहान के अनुसार अभी तक तीन शव निकाले जा चुके हैं। वहीं, एक बच्ची को मलबे से जिंदा निकाल लिया गया। अभी चार लोग लापता हैं। दूरुस्थ क्षेत्र होने के कारण वहां संपर्क नही हो पा रहा है। मृतकों में मोर सिंह (32वर्ष),आशीष पुत्र मोर सिंह ,अतुल पुत्र हुकम सिंह जबकि घायलों में कुमारी बबली (14 वर्ष) पुत्री मोर सिंह शामिल है। लापता लोगों में हाशिता देवी (27 वर्ष)संजू देवी पत्नी हुकम सिंह,लक्ष्मी देवी पत्नी राकेश और स्वाति पुत्री राकेश सिंह आदि हैं। वहीं प्रदेश में कई स्थानों पर मौसम का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। समूचे उत्तराऽंड में रुक-रुक कर बारिश का दौर जारी है। भूस्ऽलन से क्षतिग्रस्त सड़कों पर आना-जाना मुश्किल हो रहा है। प्रदेश में 150 से ज्यादा संपर्क मार्गों पर आवागमन बाधित है। भूस्ऽलन का सर्वाधिक प्रभाव पौड़ी जिले में है। यहां 80 सड़कें बाधित हैं। बदरीनाथ के पास लामबगड़ में हाईवे सातवें दिन भी नहीं ऽुल पाया है। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के जवान मलबा हटाने के लिए मशक्कत कर रहे हैं, लेकिन लगातार दरक रही पहाड़ी के कारण मार्ग ऽोलना चुनौती बन गया है। भूस्ऽलन प्रभावित इस भाग को यात्री पैदल ही वैकल्पिक मार्ग से पार कर रहे हैं। इसके अलावा चमोली जिले के नारायणबगड़ में पिंडर नदी का कटाव कस्बे पर भारी पड़ा। पिंडर के किनारे पांच दुकानें भरभरा कर ढह गईं। शुक्र यह रहा कि उस वत्तफ़ दुकानों में कोई नहीं था। दूसरी ओर हरिद्वार के लक्सर में बाढ़ का ऽतरा मंडरा रहा है। तटबंध क्षतिग्रस्त होने से गंगा का पानी ऽेतों में जा घुसा, जिससे फसलों को नुकसान पहुंचा है। उत्तरकाशी में गंगोत्री हाईवे हेल्गुगाड के पास मलबा आने से बंद हो गया। वहीं, यमुनोत्री हाईवे डाबरकोट में अभी भी बंद है। दूसरी ओर पिथौरागढ़ में मुनस्यारी के थापा गांव में भारी बारिश से भू-स्ऽलन हो गया। दो मकान धराशायी हो गए, जिसमें एक बाइक दब गई। सात परिवारों को रात में ही प्रशासन ने सुरक्षित स्थानों पर शिफ्रट कराया। नैनीताल जिले में बीती रात हुई तेज बारिश से मल्लीताल में सनवाल पब्लिक स्कूल के पीछे भूस्ऽलन हो गया और ऽेल मैदान का मलबा टिन से बने कक्षा कक्ष में जा घुसा। मलबा पूरी क्लास में जमा हुआ है। गनीमत रही कि घटना रात को हुई। स्कूल प्रबंधन ने ऽतरे को देऽते हुए आज अवकाश घोषित कर दिया है। उधर बारिश से जिले में एक स्टेट हाइवे समेत दस ग्रामीण मार्ग बंद हैं। इसमें भोर्सा-पिनरौ, देवीपुरा-सौंड़, काठगोदाम- हैड़ाऽान, गर्जिया- बेतालघाट, ओऽलाढुंगा- तल्लीसेठी, रानीकोटा-गोतिया, पशयां, तपुआ -बबियाड़, हरीनगर-चंदादेवी आदि शामिल हैं। वहीं नैनीताल की लोअर मालरोड़ की तरह भीमताल हल्द्वानी मोटर मार्ग का एक बड़ा हिस्सा झील में समा सकता है। भीमताल और आसपास के क्षेत्र में भारी बरसात के चलते मल्लीताल के बाईपास डायवर्जन से तल्लीताल पंत पार्क तक तीन स्थानों पर दरारें दिऽ रही हैं। ये मार्ग तीन स्थानों पर धंसा हुआ है। हल्द्वानी-भीमताल मार्ग का लगभग डेढ़ किमी हिस्सा झील की दीवार पर टिका है। इस दीवार की मरम्मत न होने से जगह-जगह पत्थर आदि निकल आए हैं। ऐसे में दीवार के क्षति ग्रस्त होते ही सड़क के झील में विलीन होने का अंदेशा बढ़ता जा रहा है। इस मार्ग पर सुबह से रात तक सैकड़ों वाहन रोज गुजरते हैं। इससे इस मार्ग पर लोड भी अधिक है। इस बाबत लोक निर्माण विभाग सिंचाई विभाग को झील की दीवार की मरम्मत के लिए पत्र लिऽ चुका है।