राष्ट्रीय शोक को हास्यास्प्रद साबित किया टीवी चैनलों ने
हल्द्वानी, 17 अगस्त। आज देश की बड़ी हास्यास्प्रद स्थिति होती जा रही है जिसके लिए विभिन्न टीवी चैनल जिम्मेदार हैं। जहां पूरा देश ही नहीं विदेश लौहपुरुष पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल विहारी वाजपेयी के निधन से शोक में डूबा हुआ है। उनके निधन से सत्तापक्ष भारतीय जनता पार्टी ही नहीं विपक्ष कांग्रेस, सपा, बसपा सहित सभी दल के प्रमुख नेता शोक जता रहे हैं और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सात दिवसीय राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है लेकिन बड़ी विडंबना की बात है कि कुछ समाचार चैनलों को छोड़कर कई टीवी चैनल मनोरंजन, हास्यास्प्रद, चुटकीले, भड़कीले ही कार्यक्रम दिखाते रहे। और तो और कुछ चैनल अश्लीलता भी परोसते रहे। सिर्फ दूरदर्शन व समाचार चैनल आजतक, आईबीएन 7, इंडिया टीवी, न्यूज नेशन, समाचार प्लस, एचएनएन चैनल, सहारा समय, न्यूज इंडिया 24, जनतंत्र टीवी, खबरें अभी तक, न्यूज स्टेट, हिंदी खबर, एफएम न्यूज, एबीपी न्यूज, न्यूज 24, राज्यसभा टीवी व लोकसभा टीवी चैनलों पर माननीय अटल विहारी वाजपेयी के जीवंत वृतांत से संबंधित समाचार ही आते रहे। लेकिन जीएक्शन, जी क्लासिक, एंड पिक्चर्स, जी सिनेमा, स्टार प्लस, दबंग, स्टार उत्सव मूवी, यूटीवी मूवी, मल्टीप्लेक्स, स्टार गोल्ड सलैक्ट, एक्शल, दंगल, बी फिक्स मूवी, मूवी हाउस, सूर्या सिनेमा, रिश्ते, सिने प्लस, सोनी वाह, वी फोर मूवी, मूवी ओके, मैक्स टू, सैटमैक्स, एचएमएम, स्टार गोल्ड, एंड टीवी, फूडफूड, जीटीवी, ईपिक, ताल, के म्यूजिक, म्यूजिक हाउस, म्यूजिक च्वाइस, वालीवुड मूवी, डीडी स्पोर्ट्स, चैनल वी, स्टार उत्सव, यूटीवी बिंदास, रिश्ते, होम शाप, सोनी पाल, स्टार भारत, सब टीवी, डिस्कवरी, जैड, कलश, सोनी, स्टार प्लस आदि चैनल रंगारंग व भड़कीले कार्यक्रम परोसते रहे। जो नगर ही नहीं बल्कि देश की जनता में चर्चा का विषय बना हुआ है। सबका कहना है कि जब पूरा देश शोक में डूबा है। पूरे देश की अंतर्रात्मा दुखी है तो ऐसे में रंगारंग कार्यक्रम दिखाने का मकसद क्या है। क्या इन चैनलों पर राष्ट्रीय शोक लागू नहीं होता। इन चैनलों के खिलाफ राष्ट्रद्रोह का मुकदमा दर्ज होना चाहिए। सबका कहना है कि जब राष्ट्रीय शोक में स्कूलों के छेाटे-छोटे बच्चों की छुट्टी तक हो गई है, और सभी सरकारी कार्यालयों में शोक सभाएं हो रही हैं। राष्ट्रीय ध्वज सात दिन तक आधा झुका रहेगा। तो यह चैनल क्या एक दिन का राष्ट्रीय शोक नहीं मना सकते। बहरहाल अब देखना है कि केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रलय एवं प्रधानमंत्री इस मामले में क्या कार्रवाई करते हैं। उल्लेखनीय है कि एक दौर वह भी था जब देश में राष्ट्रीय शोक होता था तो दूरदर्शन पर शोक संबंधी धुनें बजाई जाती थी। जिससे पूरा देश शोक में गमगीन रहता था। लेकिन आज शोक भी इन चैनलों ने दिखावा बनाकर रख दिया है।
हल्द्वानी भी शोक में डूबा
हल्द्वानी, 17 अगस्त। लौहपुरुष भारत रत्न व पूर्व प्रधानमंत्री अटल विहारी वाजपेयी के निधन पर हल्द्वानी भी शोक में डूबा रहा। उत्तराखंड की नेता प्रतिपक्ष डा- इंदिरा हृदयेश ने कहा कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल विहारी वाजपेयी के निधन का समाचार सुनकर अत्यन्त दुख हुआ। जब वह देश के प्रधानमंत्री थे तब उन्हें उत्तराखंड में प्रोटोकाल मंत्री के रूप में उनके स्वागत करने का अवसर मिला। स्व- वाजपेयी दलगत राजनीति से ऊपर उठकर मानवीय दृष्टिकोण रखते थे। उनके निधन से अपूरणीय क्षति हुई है। हम उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करेंगे। उधर देवभूमि उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष हुकुम सिंह कुंवर ने भी पूर्व प्रधानमंत्री के निधन पर गहरा शोक जताते हुए कहा कि अटल जी विशाल व्यक्तित्व के धनी थे। देवभूमि उद्योग व्यापार मंडल उन्हें श्रद्धांजलि देता है। शेाकसभा में प्रदेश महामंत्री राजकुमार केसरवानी, मंडल अध्यक्ष अनिल खंडेलवाल, महानगर अध्यक्ष घनश्याम वर्मा, युवा प्रदेश अध्यक्ष जीवन कार्की, युवा जिला अध्यक्ष दिनेश सिंह आदि थे। राज्यआंदोलनकारी हुकुम सिंह कुंवर ने कहा कि उत्तराखंड राज्य अटल जी की ही देन है। प्रांतीय नगर उद्योग व्यापार मंडल की शेाकसभा में भी पूर्व प्रधानमंत्री अटल विहारी वाजपेयी के निधन पर शोक व्यक्त किया गया। इस अवसर पर अध्यक्ष राजीव अग्रवाल, महामंत्री विरेंद्र गुप्ता ने कहा कि देश ने एक महान नेता खो दिया है जिसकी भरपाई नहीं हो सकती है। शोकसभा में कोषाध्यक्ष गुरुचरण सिंह, प्रदेश अध्यक्ष सुभाष मोंगा, प्रदेश महामंत्री राजेंद्र फर्स्वाण, प्रदेश कोषाध्यक्ष पूरन साह, देवेश अग्रवाल, राकेश गुप्ता, अमरजीत सेठी, प्रदीप सब्बरवाल, संदीप टंडन, मदन मोहन जोशी, राजेंद्र मुन्ना, पूरन पाठक, नुसरत सिद्दीकी, राजीव शर्मा, मुनेश अग्रवाल, धरम बोघ, जरियाब सिद्दीकी, रामप्रसाद कश्यप, चमन गुप्ता, विनोद आनंद, इंद्र भूटियानी, राम सिंह जंगपांगी, माणिक्य चौळान, रवि यादव, अशोक वार्ष्णेय, विजय गुप्ता, रिंकल चंडोक, प्रमोद भट्ट, जसवीर खनायत, देवेंद्र मेहरा आदि उपस्थित थे। भारतीय जनता पार्टी की मुखानी स्थित कार्यालय में शेाकसभा हुई। जिसमें वाजपेयी की तस्वीर के समक्ष फूल अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई। बाद में दो मिनट का मौन रखकर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। शोकसभा में पूर्व सांसद बची सिंह रावत, विधायक नवीन दुम्का, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष पूरन शर्मा, प्रदेश महामंत्री गजराज बिष्ट, जिलाध्यक्ष प्रदीप बिष्ट, मुख्यमंत्री के सलाहकार विजय बिष्ट, नगर अध्यक्ष विजय मनराल, प्रकाश रावत, तरूण बंसल, बिंदेश गुप्ता, साकेत अग्रवाल, हेमंत द्विवेदी, प्रकाश हर्बोला, अनिल डब्बू, शांति भट्ट, आनंद बल्लभ पांडे, भुवन भंडारी, दीपक महरा, मनोज साह, मदन फर्त्याल, कमल नयन जोशी, प्रताप बिष्ट, प्रदीप जनौटी, आशीष मल्होत्र, गणेश पंत, राजेंद्र अग्रवाल, सौरभ भट्ट, संजय दुम्का, प्रताप बोरा, दिनेश खुल्बे, लाखन निगल्टिया, मनोज पाठक आदि मौजूद थे।