एनएच घोटालाःआईएएस पंकज और चंद्रेश की बढ़ी मुश्किलें
18 अगस्त को एसआईटी के समक्ष पेश हो सकते हैं दोनों आईएएस अधिकारी
(ईवनिंग डेली डेस्क) देहरादून 8 अगस्त। राज्य सरकार ने यूएसनगर जिले में लगभग पौने तीन अरब के भूमि मुआवजा घोटाले में सूबे के दो वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों पर शिकंजा कसते पूछताछ की अनुमति मिल गई है। एनएच मुआवजा घोटाले में यह अब तक सबसे बढ़ी कार्यवाही बानी जा रही है। शासन ने एसआईटी को ऑर्बिट्रेटर रहे डा- पंकज पांडे और चंद्रेश यावद के खिलाफ पूछताछ की अनुमति दे दी है। वहीं सूत्रें से मिली जानकारी के मुताबिक आईएएस पंकज कुमार और चंद्रेश यादव पिछले कई दिनों से छुट्टी पर चले गये हैं। बताया जात है कि दोनों अधिकारी जांच की आंच से बचने के लिये कानूनी दांवपेच अपनाने के लिये भी तैयारी में जुटे हुए हैं। जबकि सरकार और शासन स्तर से दोनों अधिकारियों से पूछताछ की अनुमति मिलने के बाद अब एसआईटी भी सक्रिय हो गई है। सूत्रें की माने तो दोनों आईएएस अधिकारियों के आगामी 18 अगस्त तक छुट्टी से लौटने की बात कही जा रही है। संभवतः इसी दिन दोंनो आईएएस अधिकारी अगर एसआईटी के समक्ष पेश होकर अपना पक्ष रख सकते हैं। सूत्रें के अनुसार एसआईटी रूद्रपुर में ही दोनों अधिकारियों से गोपनीय रूप से पूछताछ करना चाहती है। अगर दोनों अधिकारी पूछताछ में सहयोग करने में आनाकानी करते हैं तो टीम पूछताछ के लिये देहरादून जाने की भी तैयारी कर रही है। माना जा रहा है इस पूछताछ में कई बड़े नेताओं के नामों का खुलासा हो सकता है। इधर पूछताछ की अनुमति मिलने के बाद एसआईटी की टीम सवालों की लिस्ट तैयार करने में जुट गई है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक व एसआईटी प्रभारी डा- सदानंद दाते स्वयं दोनों अधिकारियों से पूछताछ करेंगे। सूत्रें ने बताया कि एसआईटी ने जिन बड़े अफसरों के खिलाफ रिपोर्ट शासन को भेजी थी, उस रिपोर्ट पर परीक्षण के बाद शासन ने एसआईटी को यह मंजूरी दी है। कानूनी जानकारों की माने तो दोनाें अफसरों को बयान दर्ज कराने के लिए एसआईटी के समक्ष पेश होना होगा। पूछताछ के बाद इन अफसरों पर अभियोजन के लिए स्वीकृति मांग सकती है। गौरतलब है कि इनमें से एक आईएएस अधिकारी ने आर्बिट्रेटर के रूप में निर्णय की तारीख तय करने के बाद हुए अपने तबादले के बाद निर्णय की तारीख से पहले ही अपना निर्णय सुना दिया था जबकि यह एक न्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा था और निर्णय कोर्ट में ही सुनाया जा सकता था। ऐसे में अब इन दो बड़े अधिकारियों पर शिकंजा कसा तो कई बड़े नामों का खुलासा हो सकता है। सूबे के सियासी गलियारों में भी एनएच घोटाले को लेकर खलबली मची हुइ र् है।
भ्रष्टाचारियों की सम्पत्ति की छानबीन में जुटी आयकर और ईडी की टीमें
देहरादून। आयकर विभाग ने एनएच घोटाले से जुड़े सभी कागजात मांगे हैं। विभाग का मानना है कि इस घोटाले में धन का लेन-देन हुआ है तो इसकी जांच जरूरी है। मुख्य आयकर आयुक्त के तरफ से इसके निर्देश दिए गए थे।जबकि एनएच-74 मुआवजा घोटाले में शामिल आरोपियों पर अब आयकर विभाग ने जांच तेज कर दी है। आयकर विभाग ने एसआईटी से घोटाले में शामिल सभी अधिकारी, किसानों व बिचौलियों के दस्तावेज तलब किए हैं। पिछले साल घोटाला प्रकाश में आने और एफआईआर दर्ज होने के बाद ईडी भी इस मामले में जांच कर रही है। ईडी अधिकारियों की तरफ से जांच शुरू करने के बाद आयकर विभाग के कान खड़े हुए। आयकर विभाग का दायरा सिर्फ टैक्स की जांच तक सीमित रहेगा। करोड़ों रुपये का मुआवजा गलत ढंग से डकारने वालों की सूची एसआईटी ने ईडी को सौंप रखी है और वह ईडी की जांच में फंस सकते हैं। हांलाकि कुछ काश्तकारों के साथ ही बिचौलियों ने मुआवजे की रकम सरकार खाते में डालनी शुरू की दी है।