बड़े अधिकारियों और नेताओं पर भी हो कार्रवाईःबेहड़

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रूद्रपुर,4अगस्त। पूर्व मंत्री तिलक राज बेहड़ ने जारी बयान में कहा कि पिछले वर्ष अक्टूबर माह में उन्होंने सूचना अधिकार के माध्यम से मांगने पर आर्विट्रेशन के मामले सामने आये थे। उस समय यह मामला उठाया गया था। जिसमें उपलब्ध हुये दस्तावेजों से आईएएस अधिकारियों व सफेदपोश नेताओं की मिली भगत से करोडों रूपये के घोटाले का अंदेशा हुआ था। जब उपरोक्त मामले में छोटे अधिकारी सलाखों के पीछे हैं तो बडे अधिकारियों की भी गिरफ्रतारी होनी चाहिये। उन्होने कहा कि राज्य सरकार से घोटाले में लिप्त अधिकारियों के खिलाफ जल्द से जल्द अभियोग चलाने की स्वीकृति देने व उनकी गिरफ्रतारी की मांग करता हूं। श्री बेहड़ ने कहा कि पूर्व में ही उन्होने पत्र लिखकर प्रधानमंत्री, भारत सरकार/मा0 राज्यपाल, उत्तराखण्ड सरकार/मुख्य सचिव, उत्तराखण्ड शासन/ प्रमुख सचिव, कार्मिक, उत्तराखण्ड शासन/आयुक्त कुमाउं मण्डल, नैनीताल/ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक उधम सिंह नगर को राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या- 74 घोटाले में आर्विट्रेशन के माध्यम से आईएएस व उच्च अधिकारियों द्वारा अपने अधिकार का दुरुपयोग करते हुये 300 करोड का घोटाले की सूचना दे दी गई थी व राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या- 74 घोटाले में लिप्त अधिकारियों व सफेद पोश नेताओं की जांच की मांग की थी। श्री बेहड़ ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या- 74 घोटाले में अधिकारियों को ही नही सफेद पोश नेताओं को भी जांच के दायरे में लाकर मामले का पर्दाफाश करना चाहिये। यदि उपरौक्त मामले में अधिकारियों के साथ उस समय जिन सफेद पोश नेताओं ने दलाली करके केन्द्र सरकार को करोडों का चूना लगाया था उनके नाम सामने नही लाये गये तो राज्य सरकार पर हमेशा उंगली उठती रहेगी और सफेद पोश नेताओं को जांच से बचाने का आरोप लगता रहेगा। श्री बेहड़ ने पत्र में लिखा था कि उत्तराखण्ड के जनपद में एनएच-74 के निर्माण में कई प्रभावशाली राजनेताओं एवं नौकरशाहो ने मिलकर करोड़ो रूपए का घोटाला राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम की धारा 3(ह)(5) में विहित प्राविधानों का दुरपयोग कर प्रतिकर धनराशि बढ़ाकर किया गया है। उक्त आदेशों में कोई भी ठोस साक्ष्य नही लगाये गये हैं। प्रभावशाली राजनेताओं के करीबियोें को साथ लेकर घोटाला करते हुये पैसों की बंदरबांट के लिये आदेश पारित किये गये हैं। जिसके कुछ प्रकरणों का विवरण पत्र के साथ संलग्न किया गया है। श्री बेहड़ ने पत्र में लिखा था कि राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-74 घोटाले में राजनेतओं एवं आईएएस अधिकारियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकारण के अधिकारियों के साथ मिलकर राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम की धारा 3(ह)(5) में विहित प्राविधानों का दुरुपयोग कर प्रतिकर धनराशि बढ़ाकर पारित किये गये आदेशों की प्रतिकर धनराशि का आहरण कर 300 करोड से अधिक धनराशि की बंदरबांट की गयी। संलग्न तालिका के अतिरिक्त बहुत सारे ऐसे आर्बिट्रेशन वादो में निर्णय हुआ है जिसमे मनमाने तरीके से दर बढा कर करोडो रूपए का सरकार को चूना लगाया गया है। श्री बेहड़ ने पत्र में लिखा था कि इस बात का उल्लेख तत्कालीन आयुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति के द्वारा भी अपनी प्रारम्भिक रिपोर्ट में नही किया गया है। जिस प्रकार राष्ट्रीय राजमार्ग- 74 घोटाले में एफ0आई0आर0 दर्ज कर एसएलएओ द्वारा 3ह में पारित आदेशों की जांच एस0आई0टी0 कर रही है, उसी प्रकार 3(ह)(5) के अंतर्गत आर्बिट्रेटर के द्वारा पारित आदेशों को भी घोटाले में सम्मिलित करते हुये एस0आई0टी0 को जांच हेतु निर्देशित किया जाये जिससे राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या- 74 घोटाले में राजनेताओं एवं आई0ए0एस अधिकारियों की संलिप्ता की जांच कर घोटाले में वास्तविक दोषियों के विरूद्व दंडात्मक कार्यवाही कर भ्रष्टाचार करने वाले सामने आ सकें तथा उनपर कठोर कार्यवाही हो सके।

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