हरदा की दावत का ‘करपशन’ कनेकशन

सुर्खियों में धुर विरोधियों की दोस्ती, मैंगो पार्टी में त्रिवेंद्र की एंट्री से भड़के अजय भट्ट

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(ईवनिंग डेली डेस्क)देहरादून 11 जुलाई। लगता है प्रदेश की भाजपा सरकार प्रचंड बहुमत का भार सहन नहीं कर पा रही है। आये दिन अपने ही फैसलों और बयानबाजी पर किये जा रहे बदलावों के बाद अब विरोधाभास की भू आने लगी है। इन दिनों दो धुर विरोधी पार्टियों के दो बड़े नेताओं की दोस्ती सुर्खियों में है। सत्ताधारी भाजपा संगठन के मुखिया और सरकार के मुखिया के बीच विरोधाभास के संकेत दिखने लगे हैं। बड़े नेताओं की यह जुगलबंदी जल्द नहीं थमी तो पार्टी में बड़ा घामसान शुरू हो सकता है। पार्टी के मुखिया और सरकार के बीच सबकुछ ठीक नहीं लग रहा है। इसका अनुमान भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट के सख्त तेवरों को देखकर लगाया जा सकता है। जी हां हरदा की दावत में त्रिवेंद्र की एंट्री के बाद भाजपा में भी घमासान मच गया है। भाजपा नेता अजय भट्ट ने जहां पूरी मैंगो पार्टी को ही कटघरे में खड़ा करते हुए हरीश रावत पर ही बड़ा आरोप जड़ डाला है। उनका कहना है कि उन्हें हरदा का शातिराना अंदाज और उनका होहो हाहा पंसद नहीं है। अजय भट्ट ने कहा कि आम पार्टी के बहाने हरदा एनएच घोटाले की जांच से बचने की कोशिश कर रहे है। आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता घोटाले की जांच से बचने के लिये मुख्यमंत्री से नजदीकी बढ़ा रहे हैं। इधर भट्ट के इस दावे को हरदा ने हवा में उड़ा दिया है। हांलाकि कुछ भाजपा नेता दबी जुबान से यह कहते दिख रहे हैं कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र और हरदा ने सियासी सौहार्द का संदेश दिया है जिसक सभी को सम्मान और स्वागत करना चाहिये। वहीं कुछ भाजपाई तो यह मानने लग है कि देश की मोदी सरकार में बदलाव का असर हरदा पर भी हो रहा है। लेकिन इस पार्टी में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की गैरमौजूदगी भी बड़ी बहस का विषय बन गया है। उन्होंने अभी इस पर मुंह नहीं खोला है। माना जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी में एक गुट के कुछ नेता हरदा की मौंगो पार्टी को लेकर घेराबंदी भी कर रहे हैं। बता दे कि ककड़ी पार्टी में हरीश रावत ने विभिन्न संगठनों के लोगों को खुला निमंत्रण दिया था। आम पार्टी की खासियत यह रही कि हर कोई बस शिष्टाचार मुलाकात तक सीमित दिखा। वहां विभिन्न प्रजातियों के रसीले और हरे पीले आम से सली टेबल हर किसी को अपनी ओर आकर्षित कर रही थी। दावत में अनेक नेताओं ने भी शिरकत की। आम पार्टी में वैसे तो कांग्रेस के कई पुराने नेता पहुंचे थे लेकिन यहां वह लोग भी थे जिनका कुछ दिन पहले हरदा से छत्तिस का आकड़ा भी रहा है जिनमें सबसे आगे पूर्व कांग्रेस प्रदेश्या अध्यक्ष किशोर उपाध्याय और भाजपा विधायक विनो चमोली रहे। उनकी पार्टी का असर दूसरे दिन भी दिखा जब टिहरी की सांसद माल्या राज लक्ष्मी पूर्व सीएम से मिलने पहुंच गई। उसके बाद एक अन्य दल यूकेडी के दिग्गज नेता व पूर्व कैबिनेट मंत्री दिवाकर भट्ट भी हरदा से मिलने पहुंचे।
मैंगो पार्टी से कांग्रेस का एक गुट भी नाराज!
देहरादून। हरदा ने आम पार्टी क्या बुलायी पूरे प्रदेश में हल्ला मच गया! जी हां आजकल सोशल मीडिया के साथ राजनीतिक गलियारों में उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत और वर्तमान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह की दोस्ती की चर्चा जोरो पर है। इतना ही नहीं इन धुर विरोधी पाटियों के नेताओं के मिलन के बाद दोनों दलों के नेताओं में भारी रोष भी व्याप्त हो रहा हैं। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के आईटी सेल की एक फेसबुक पोस्ट में कहा तो यहां तक जा रहा है कि धूमाकेट में हुए भीषण हादसे के बावजूद उत्तराखंड के नेता पार्टियों में जाकर आम चूसने में मगन हैं। इधर सीएम त्रिवेंद्र के मैंगो पार्टी में शामिल होने पर भाजपा के मुखिया नाराज हो गये है तो हादसे के बीच हरदा की पार्टी से कांग्रेस के नेता भी नाराज बताये जा रहे है। कांग्रेस के कुछ नेताओं ने बकायदा सोशल मीडिया पर हरदा और त्रिवेंद्र सिंह की मैगो पार्टी वाली तस्वीर पोस्ट करते हुए दोनो नेताओं के खिलाफ तीखी प्रक्रिया भी व्यक्त कर रहे हैं जो चर्चा का विषय बन गया है।

एनएच-74 घोटाले की सीबीआई जांच करवाइए भट्ट जी! 

‘‘भट्ट जी कहते हैं कि वे घोटालों की जांच रुकेगी नहीं। आखिर आम, मुंगरी, भुट्टा, आड़ू, ककड़ी, पहाड़ी रायता, पाटकोट के मास और देहरादून के जामुन का क्या वास्ता घोटालों से! फिर आम भी आपको कुछ घोटाला दिखाई देता है। भैया मैं तो काजी के बगीचे के आम भी लाया हूं, काजी सबका होता है, साझा होता हैं, तो क्यों इतनी नाराजगी है। और यदि नाराजगी है तो जांच करवाइए ना खुद और बींतपजल इमहपदे ंज ीवउम कुंभ घोटाले की जांच करवाइए, स्टांप पेपर घोटाले की जांच करवाइए, ढ़ेचा घोटाले की जांच करवाइए, पॉलीहाउस घोटाले की जांच करवाइए, देहरादून के जमीन घोटालों की जांच करवाइए, एनएच-74 घोटाले की सीबीआई जांच करवाइए। मैंने जितने फलों की मार्केटिंग नहीं की है, वाह धन्य है भट्ट जी आपने तो उतनी घोटालों की मार्केटिंग कर दी। निजाम तो आपके हाथ में है, करो ना और मैं तो एक ही सलाह दे सकता हूं बड़े भाई के तौर पर बींतपजल इमहपदे ंज ीवउम। पहले भाजपा पर लगे घोटालों की जांच करिए।’’
– हरीश रावत पूर्व सीएम उत्तराखंड।

‘त्रिवेंद्र से ज्यादा खिलखिलाकर के हंसते हुए तो आप मिलते हो मुझसे’
देहरादून। पहली पोस्ट उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त है जिसमें वह कहते हैं– भट्ट ज्यु, नाराज साले से, गुस्सा जीजा पर क्यों! सार्वजनिक रूप से आंखें बंदकर मुझको कोसते हो मगर खैर एकांत में तो मुझसे आप त्रिवेंद्र से ज्यादा खिलखिलाकर के हंसते हुए मिलते हो। आप अपनी पार्टी की धार बना करके रखिए, हमारे जांबाज भी उसी तुर्शी से और उसी तेजी से आपका जवाब देंगे। मगर राजनीति में भी कुछ अवसर ऐसे होते हैं, जब सब साथ बैठकर कुछ पल ही सही सामाजिक एकता को भी समर्पित करते हैं। समाज,राज्य और देश विद्वेष और घृणा से नहीं चलता है, प्रेम और सौहार्द से चलता है। और फिर हमारे नेता ने तो ऐलान ही कर दिया है कि हम आपको हराएंगे मगर प्यार से हराएंगे। घृणा और नफरत को एक तरफ रखकर प्यार से आपको चुनाव में पराजित करेंगे। मैं तो हमेशा अपने नेता का अनुयायी रहा हूं, मैं भी वही कर रहा हूं उत्तराखंड में। आप देखते जाइए हमारा कमाल। वहीं दूसरी पोस्ट में भी उन्होंने धूमाकेाट हादसे और कबूतरी देवी की मौत का जिक्र करते हुए भाजपा पर निशाना साधा। उनका कहना है कि मैंने आम और मुंगरी का स्वाद चखने के लिए लोगों को आमंत्रित किया था। मेरे मैसेज और बैनर कृपा कर दोनों को देखिए। कबूतरी जी को मुझसे अधिक कौन जानता है, क्या वो लोग, जो लोग कभी कलाकारों और साहित्यकारों के लिए, लोक गायकों के लिए जिन्होंने कभी कुछ सोचा नहीं। धूमाकोट बस हादसे को लेकर हम सब दुरूखी हैं। उसकी चेतावनी पर सब अपने अपने तरीके से सजग भी हो रहे हैं, अपने दायित्वों को पूरा भी करेंगे।

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