भाजपा नेताओं व सरकार के इशारे पर अतिक्रमण हटाया -बेहड़

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रूद्रपुर।पूर्व मंत्री तिलकराज बेहड़ ने जारी बयान में कहा कि जिस तरह से नगर में अतिक्रमण हटाया जा रहा है उससे ऐसा लग रहा है जैसे के उत्तराखण्ड के अन्दर ना तो चुनी हुई सरकार है और न ही चुने हुये जनप्रतिनिधि हैं। लग रहा है कि राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है। बेहड़ ने कहा जिस तरह से अतिक्रमण हटाया जा रहा है ऐसा लग रहा है के जिला प्रशासन व नगर निगम प्रशासन को भाजपा की सरकार ने छूट दे दी है। उन्होने कहा कि पिछले दिनों रूद्रपुर में जब अतिक्रमण हटाने के नाम पर ध्वस्ती करण हो रहा था उसके खिलाफ धरने प्रदर्शन किये गये थे उस समय हर बार भाजपा नेता व जनप्रतिनिधि जिला प्रशासन व नगर निगम प्रशासन की ढाल बनके खडे हुये दिखाई दिये। श्री बेहड़ ने कहा कि पिछले दिनों रूद्रपुर के व्यापारियों ने विरोध का साहस दिखाया था तो भाजपा नेताओं व सरकार के इशारे पर व्यापारी नेताओं पर मुकदमें कायम किये गये। स्वंय जब प्रशासन के विरोध में उतरे तो हमारी गिरफ्रतारी की गई बाद में व्यापारियों व महिलाओं द्वारा बाजार को अनिश्चित कालीन बंद कराया गया जो सफल चल रहा था।भाजपा के नेता व जनप्रतिनिधियों, कुछ व्यापारी नेता जिला प्रशासन की ढाल बनकर फिर सामने आये और जिला प्रशासन के आगे घुटने टेक दिये और माफी मांग कर आंदोलन को खत्म करवा कर बाजार खुलवा दिया गया। जिसके बाद से प्रशासन का रूख सख्त व एकतरफा होता चला गया जिसके परिणाम स्वरूप महिलाओं पर फिर मुकदमे लिख दिये गये। श्री बेहड़ ने कहा कि उच्च न्यायालय की आड़ में जिस तरह से जिला प्रशासन व नगर निगम प्रशासन हिटलरशाही रवैया अपना रहा है उससे साफ नजर आता है ऐसे अधिकारियों पर भाजपा सरकार मेहरबान है। कहा कि जिस तरह से शहर के अन्दर भवन तोडे जा रहे हैं कई हजार करोड की हानि शहर की होगी। आज उन भाजपा नेताओं का सपना भी साकार होगा जो रूद्रपुर को चंडीगढ़ बनाने की बात करते हैं । श्री बेहड़ ने कहा पुरानी कहावत है कि रोम जल रहा था और नीरो बंसी बजा रहा था ऐसा ही कुछ आजकल रूद्रपुर में देखने को मिल रहा है रूद्रपुर टूट रहा है भाजपा के नेता व जनप्रतिनिधि बंसी बजा रहे हैं। कई जगह तो बाजार में बार बार चालान काटे जा रहे हैं। श्री बेहड़ ने कहा कि जबसे रूद्रपुर के अन्दर अतिक्रमण हटाने की बात चल रही थी उस समय चाहे पांच मन्दिर में बैठक कर कमेटी बनाई गई हो चाहे बाजार को बंद करने की बात रही हो चाहे प्रशासन से वार्ता की बात रही हो हमेशा रूद्रपुर के व्यापारियों ने सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं से वार्ता के दौर हुये हों उस समय सत्ता से जुडे़ लोगो को व्यापारी व व्यापार मंडल लोगों ने आगे रखा और हम लोगों को सत्ता में बैठे हुये जन प्रतिनिधियों के इशारे पर दूर रखा गया । ऐसे ही प्रशासन द्वारा भी भाजपा के इशारे पर हमसे दूरी बनाई गई। इसलिये ऐसा लगता है प्रदेश में ना तो चुनी हुई सरकार है औरना ही चुने हुये जनप्रतिनिधि। ऐसे लग रहा है जैसे राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है।

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