धुमाकोट हादसे पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

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नैनीताल। हाईकोर्ट ने धुमाकोट बस हादसे को गंभीरता से लिया है। कोर्ट ने इसे जनहित याचिका के रूप में दर्ज कर समय- समय की सरकारों, आरटीओ समेत विपक्षियों से जवाब मांगा है। हाईकोर्ट ने धुमाकोट बस हादसे में ओवरलोड बस के साथ ही 16 महिलाओं, दस बच्चों समेत 48 यात्रियों की मौत और सड़क में गड्ढ़े को हादसे की वजह को गंभीरता से लिया है। कोर्ट ने कालाढूंगी रोड में प्रिया बैंड में दो दशक में दो सौ से अधिक मौतों के बाद भी सड़क चौड़ी नहीं करने की ऽबर का स्वतः संज्ञान लिया। कोर्ट ने इसे जनहित याचिका के रूप में दर्ज करते हुए सभी राज्य सरकार,आरटीओ समेत अन्य विपक्षियों से जवाब मांगा है। वहीं, विपक्षियों से दो दिन के भीतर जवाब दािऽल करने को भी कहा गया है। कोर्ट के सख्त रुऽ से सरकार और विभागों में ऽलबली मच गई है। फिलहाल, इस मामले पर अगली सुनवाई 20 जुलाई की तिथि नियत की है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति केएम जोजफ और शरद कुमार शर्मा की ऽंडपीठ ने मामले का स्वतः संज्ञान लिया है। गौरतलब है कि कालाढूंगी रोड से पहले प्रिया बैंड में पिछले दो दशक में हुई दुर्घटनाओं ने दो सौ से अधिक लोगों को मौत की नींद सुला दिया। इसके बाद भी महकमा 50 मीटर की इस सड़क का चौड़ीकरण कर दुरुस्त नहीं कर पाया। यहां पर वन भूमि को लेकर पेंच फंसा था, जिसे आज तक नहीं सुलझाया जा सका। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सड़क सुरक्षा एवं दुर्घटना न्यूनीकरण अनुश्रवण समिति की बैठक के लिए अधीक्षण अभियंता द्वितीय वृत्त लोनिवि कार्यालय नैनीताल की ओर से रिपोर्ट तैयार की गई है। इस पर भी अभी तक कोई कार्यवाही शुरू नहीं हुई है। शासन के तय मानकों के अनुसार एक स्थान पर यदि साल में दस से अधिक हादसे होते हैं तो उस स्थान को ब्लैक स्पॉट घोषित किया जाता है। फिलहाल निर्माण ऽंड हल्द्वानी के किमी 24 के अंतर्गत गदरपुर-दिनेशपुर-मदकोटा हल्द्वानी राज्य मार्ग पर एक मात्र ब्लैक स्पॉट है।

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