नई दिल्ली(उद ब्यूरो)। जानलेवा कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को खत्म करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 दिनों पहले देश में 21 दिनों के लाॅकडाउन की घोषणा की थी। ये लाॅकडाउन 14 अप्रैल तक रहेगा। इस बीच देश के मन में सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या सरकार 14 अप्रैल के बाद भी लाॅकडाउन जारे रखेगी या इसे खत्म कर दिया जाएगा। देश में अभी तक कोरोना स्टेज 3 में तो नहीं पहुंचा है, लेकिन मामले लगातार बढ़ रहे हैं। सरकार की तरफ से लाॅकडाउन की घोषणा का मकसद कोरोना वायरस को सामुदायिक तौर पर फैलने से रोकना था। कल पीएम मोदी बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था, ये लंबी लड़ाई है, न थकना है, न हारना है। लंबी लड़ाई के बाद भी जीतना है। विजयी होकर निकलना है। आज देश का लक्ष्य एक है, मिशन एक है, और संकल्प एक है। प्रधानमंत्री लंबी लड़ाई की बात इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि देश के 718 में से 284 जिले कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। एक दर्जन शहरों में मरीजों की संख्या 50 से ज्यादा पहुंच गई है। दिल्ली, मुंबई, कासरगोड, हैदराबाद, इंदौर में 100 से ज्यादा लोग संक्रमित हैं। चेन्नई, पुणे, नोएडा, अहमदाबाद, जयपुर के हालात भी चिंताजनक हैं। कोरोना के हाॅट स्पाॅट में सबसे ऊपर महाराष्ट्र है। कोरोना वायरस के संक्रमण से महाराष्ट्र में अबतक 45 लोगों की मौत हो चुकी है। यूपी और तेलंगाना में कोरोना तेजी से फैल रहा है। देश के सात राज्यों ने संकेत दिए हैं कि वह लाॅकडाउन 14 अप्रैल के बाद भी बढ़ा सकते हैं। ये राज्य महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, असम और झारखंड हैं। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लाॅकडाउन को लेकर पीएम मोदी को चिट्टी लिखी है। भूपेश बघेल ने लिखा है, आपके फैसले के अनुसार राज्य में 14 अप्रैल तक लाॅकडाउन लागू रहेगी। अभी हालात नियंत्रण में हैं लेकिन देश के दूसरे राज्यों में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। 14 अप्रैल के बाद अगर ट्रेन, सड़क और हवाई सेवाएं शुरु की गईं तो मरीज छत्तीसगढ़ आ सकते हैं। आपसे अनुरोध है कि कोई भी फैसला लेने से पहले ठोस उपाय किए जाएं तो ताकि हालात नियंत्रण में रहे। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, लाॅकडाउन पर कोई भी फैसला 14 अप्रैल के एक दिन पहले हो सकता है। 12 या 13 अप्रैल को सरकार समीक्षा बैठक कर सकती है और इनमें से किसी दिन पीएम मोदी देश को संबोधित भी कर सकते हैं।