विधायक ठुकराल के सामने सबसे बड़ी चुनौती
यूएसनगर के भाजपा विधायक एकजुट होकर बना सकते हैं दबाव
रूद्रपुर। नजूल भूमि पर बसे लोगों को उजाड़े जाने के आदेश से भाजपा के विधायक राजकुमार ठुकराल के सामने भी एक चुनौती खड़ी हो गयी है। रूद्रपुर से दूसरी बार विधायक बने राजकुमार ठुकराल पहली बार जब चुनाव लडे थे तभी से वह नजूल भूमि पर बसे लोगों को मालिकाना हक दिलाने का वायदा कर रहे हैं। इस बार जब दूसरी मर्तवा वह चुनाव मैदान में आये तो तब भी उन्होंने यह ऐलान किया था कि विधायक बनने के बाद अगर उनकी पार्टी की सरकार आई तो नजूल भूमि के मसले को हमेशा के लिए सुलझा लिया जाएगा।लेकिन यह मसला अब सुलझने के बजाय और उलझ गया है। अब तक तो इस मामले में सरकार को ही नजूल भूमि पर बसे लोगों का भविष्य तय करना था लेकिन अब हाईकोर्ट ने सरकार की नजूल नीति को ही खारिज करके सरकार के सामने नई मुश्किल खड़ी कर दी है। ऐसे में रूद्रपुर में नजूल नीति पर बसे हजारों लोगों को बचाना विधायक राजकुमार ठुकराल के लिए भी चुनौती भरा काम है। वैसे भी अब तक रूद्रपुर बाजार से जो अतिक्रमण हटा है उसमें भी भाजपा की किरकिरी हुयी है। अतिक्रमण हटाने के पीछे भले ही हाईकोर्ट का आदेश रहा है लेकिन प्रभावित व्यापारी सरकार को कोसने से पीछे नहीं हट रहे। अतिक्रमण हटाओ अभियान से प्रभावित तमाम व्यापारी तो विधायक पर इस मामले में सरकार के समक्ष मजबूती से पैरवी न करने का आरोप लगा रहे हैं। विधायक ठुकराल इस मुद्दे पर इसलिए भी घिरते नजर आ रहे हैं क्यों कि पिछले दिनों देहरादून में अतिक्रमण हटाने के मुद्दे पर भाजपा के कई विधायक एकजुट हो गये थे और उन्होंने अभियान का खुलकर विरोध करके मुख्यमंत्री के सामने भी विरोध जाहिर किया था। इस विरोध के बाद विधायक राजकुमार ठुकराल ने भी दून में जाकर इस मुद्दे पर सीएम से बात की थी। विधायकों के विरोध के स्वरों को देखते हुए ही सरकार ने मलिन बस्तियों को बचाने के लिए अध्यादेश लागू िकया था लेकिन इससे फिलहाल नजूल भूमि पर बसे लोगों को राहत मिलने वाली नही है। देहरादून में विधायकों के विरोध के बाद इस मुद्दे पर सरकार अतिक्रमण के मुद्दे पर नरम जरूर पड़ी थी। अब चूकि नजूल नीति निरस्त होने से सबसे अधिक उधमसिंहनगर जनपद के लोग प्रभावित होंगे। इस जिले में भी सर्वाधिक नजूल भूमि रूद्रपुर में है। रूद्रपुर शहर करीब 80 प्रतिशत नजूल भूमि पर बसा है। ऐसे में अगर नजूल भूमि पर बसे लोगों को उजाड़ा जाता है तो इसमें सबसे ज्यादा वोट बैंक भाजपा का ही प्रभावित होगा। जिले में इस समय नौ विधानसभा सीटों में से आठ सीटें भाजपा के कब्जे में हैं। अब देखना यह है कि विधायक ठुकराल इस मुद्दे पर जिल के भाजपा विधायकों को एकजुट कर सरकार पर दबाब बना पाते हैं या नहीं। जिले के भाजपा विधायक इस मुद्दे पर सरकार पर दबाव बनाये तो सरकार अध्यादेश लाकर नजूल भूमि पर बसे लोगों को बचा भी सकती है।