आपसी रार से क्या कांग्रेस रोक पायेगी अपनी हार ?

गुटबाजी के चलते भाजपाई भिड़े

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रुद्रपुर,22 अगस्त। वर्ष 2014 में देश में लोकसभा चुनाव सम्पन्न हुए थे और भारतीय जनता पार्टी ने पूर्ण बहुमत से अपनी सरकार बनायी थी। उसके बाद से पूरे देश में भाजपा की ऐसी आंधी चली कि कांग्रेस कुछेक जगह छोड़कर लगातार हाशिए पर चली गयी। वर्ष 2019 में पुनः लोकसभा चुनाव होने हैं जिसको लेकर सभी राजनैतिक दल अपनी तैयारियों में जुटे हुए हैं और सभी प्रमुख राजनैतिक दलों का एक ही लक्ष्य है कि भाजपा को पराजित करना है। इसको लेकर तमाम विपक्षी दल महागठबंधन करने को भी तैयार हो गये हैं। वहीं देश के सबसे बड़े राष्ट्रीय दल कांग्रेस ने भी लोकसभा चुनाव को लेकर अपनी कमर कसी हुई है जिस पर कांग्रेस ने राहुल गांधी को कमान सौंप दी और उन्हें कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित कर दिया। लेकिन उत्तराखण्ड में कांग्रेस का घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा। ऐसे कई मौके आये कांग्रेस के आला नेताओं की गुटबाजी सामने आयी और उसका खामियाजा भी उन्हें भुगतना पड़ा। गत दिवस कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी के कार्यक्रम को लेकर भी कांग्रेस के दो बड़े नेता फिर आमने सामने हो गये। पूर्व मंत्री तिलकराज बेहड़ ने कहा कि पांच दिन पहले उन्हें कांग्रेस प्रदेश प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह के स्वागत कार्यक्रम की व्यवस्था का जिम्मा दिया गया था जिसको लेकर उन्होंने प्रदेश प्रभारी के रूकने की व्यवस्था करने के साथ ही स्वागत कार्यक्रम अपने आवास पर तय कर दिया था। इसको लेकर तैयारियां की गयी थीं लेकिन ठीक एक दिन पहले कार्यक्रम स्थल में बदलाव की चर्चा होने पर जब उन्होंने नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश से बात की तो उन्होंने हिमांशु गाबा के आवास पर कार्यक्रम करने की बात कही। श्री बेहड़ का कहना है कि जानबूझकर नेता प्रतिपक्ष ने उनके आयोजन में हस्तक्षेप किया इसलिए वह कार्यक्रम में नहीं गये। उधमसिंहनगर जनपद के कार्यक्रम यदि नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश लगायेंगी तो भविष्य में वह जनपद उधमसिंहनगर के सारे कार्यक्रम तय कर लें। श्री बेहड़ का साफ कहना है कि उन्हें अपमानित किया गया है जिसका असर सीधा पार्टी पर पड़ना तय है। ऐसे में अब जनपद उधमसिंहनगर और जनपद नैनीताल के दोनों कद्दावर नेता आमने सामने आ गये हैं। पूर्व में भी नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तिलकराज बेहड़ के सम्बन्धों में मधुर मिठास नहीं थी। हालांकि कुछ समय बाद दोनों ही आला नेताओं में परिवर्तन आया लेकिन अब कांग्रेस प्रदेश प्रभारी के कार्यक्रम को लेकर पुनः दोनों नेता आमने सामने आ गये हैं और कांग्रेस की गुटबाजी भी शुरू हो गयी है जिसका सीधा असर पड़ना आगामी लोकसभा चुनाव में तय है। यदि लोकसभा चुनाव और नगर निकाय चुनाव से पूर्व कांग्रेस के नेताओं की रार नहीं थमी तो जो लोकसभा जीतने का सपना कांग्रेस देख रही है वह सिर्फ सपना ही बनकर रह जायेगा।

गुटबाजी के चलते भाजपाई भिड़े

नानकमत्ता। कांग्रेस की गुटबाजी थमने का नाम नहीं ले रही। अब भाजपाईयों की भी गुटबाजी सामने आ रही है कि जब किसी पुराने विवाद को लेकर भाजपा के दो गुट आमने सामने आ गये और उनमें जमकर मारपीट हुई मारपीट का मामला क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। जानकारी के अनुसार भाजपा विधायक के कैम्प कार्यालय में भाजपा मंडल समिति की बैठक आयोजित की गयी थी जिसमें भाजपा के कार्यकर्ता मौजूद थे। इसी दौरान किसी पुराने विवाद को लेकर भाजपा के दोनों गुट आमने सामने हो गये और उनमें विवाद शुरू हो गया। देखते ही देखते विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों ही गुट आपस में भिड़ गये और उनमें जमकर मारपीट हुई। मामला बढ़ता देख भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने किसी तरह मामला शांत कराया लेकिन भाजपाईयों के दो गुटों में हुई मारपीट का यह मामला चर्चा का विषय बन गया है।

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