वरिष्ठ साहित्यकार चारुचंद्र चंदोला का निधन

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देहरादून। वरिष्ठ साहित्यकार, पत्रकार व कवि चारुचंद्र चंदोला का अंतिम संस्कार रविवार सुबह को लक्खीबाग स्थित शमशान घाट पर किया गया। उनकी छोटी बेटी साहित्या ने मुखाग्नि दी। वरिष्ठ साहित्यकार श्री चंदोला का निधन शनिवार देर रात को दून अस्पताल में हो गया था। उनकी उम्र 80 साल से अधिक थी। मस्तिष्काघात के कारण सप्ताहभर पहले उन्हें दून अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था, जहां उपचार के दौरान बीती रात को उन्होंने अंतिम सांस ली।साहित्य के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान रखने वाले चारुचंद्र चंदोला अपने पीछे पत्नी राजेश्वरी देवी बड़ी बेटी शेफाली व छोटी बेटी साहित्या को छोड़ गए। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कवि एवं वरिष्ठ पत्रकार चारू चंद्र चंदोला के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने दिवंगत की आत्मा की शांति एवं दुख की इस घड़ी में उनके परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईर से कामना की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पत्रकारिता एवं साहित्य के क्षेत्र में दिवंगत चारू चंद्र चंदोला का अभूतपूर्व योगदान हमेशा याद किया जायेगा। उन्होंने कहा कि स्व- चारू चंद्र चंदोला अपनी काव्य रचनाओं में पहाड़ की सुंदरता का वर्णन बड़ी ही सौम्यता से किया करते थे। वे अपने लेखों में पहाड़ की भौगोलिक, सांस्कृतिक व प्राकृतिक परिस्थितियों को जीवंतता से उजागर किया करते थे। अपनी पत्रकारिता व कविताओं के माध्यम से व्यवस्था की कमियों पर हमला करने वाले चारुचंद्र चंदोला का जन्म 22 सितम्बर 1938 को म्यामार द्बर्मा  में हुआ था। मूल रुप से पौड़ी के कपोलस्यूं पट्टी के थापली गांव के थे और पिछले पांच दशक से देहरादून के पटेल मार्ग में अपने पैत्रिक आवास गढ़वालायन में रह रहे थे। उनके अंतिम संस्कार के समय सीएम के प्रतिनिधि के रूप में मीडिया सलाहकार रमेश भट्ट, दर्शन सिंह रावत, वरिष्ठ पत्रकार संजय कोठियाल, साहित्यकार पदमश्री लीलाधर जगूड़ी, जेपी पंवार, पूर्व विधायक राजकुमार, अशोक वर्मा, प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव एनएस नपलच्याल, नंदकिशोर हटवाल, रमाकांत बेंजवाल, शशिभूषण बडोनी समेत साहित्य, राजनीति व पत्रकारिता जगत से जुड़े कई लोग शामिल हुए।

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