कभी भी ढह सकता है प्राथमिक विद्यालय जगतपुरा का शौचालय
रुद्रपुर। प्रशासनिक एवं विभागीय अधिकारियों की ि नरन्तर उपेक्षा के चलते राजकीय प्राथमिक विद्यालय जगतपुरा का शौचालय कभी भी धराशायी हो सकता है। इस कारण विद्यालय में पठन पाठन होने के कारण किसी भी बड़ी घटना से भी इंकार नहीं किया जा सकता। हालांकि पूर्व में तत्कालीन जिलाधिकारी सहित कई विभागीय अधिकारियों के साथ विधायक राजकुमार ठुकराल भी विद्यालय का निरीक्षण कर चुके हैं लेकिन व्यवस्थाओं में कोई सुधार नहीं हो पाया। गौरतलब है कि प्राथमिक विद्यालय में वर्ष 2009 में शौचालय का निर्माण कराया गया था जो वर्तमान में पूरी तरह से जर्जर हालत में पहुंच चुका है साथ ही एक तरफ झुक भी गया है। वर्षा के दौरान जहां प्रदेश में कई जर्जर भवन एक के बाद एक ढहते जा रहे हैं वहीं इस प्राथमिक विद्यालय के जर्जर शौचालय के भी ढहने की भी निरन्तर संभावनाएं बनी हुई हैं। यहां विद्यालय में करीब 200 छात्र छात्रएं शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। यदि पठन पाठन के दौरान जर्जर शौचालय ढहता है तो बड़ी घटना घटित हो सकती है। गौरतलब है कि पूर्व जिलाधिकारी ने विभागीय अधिकारियों के साथ ही विधायक राजकुमार ठुकराल संग विद्यालय का निरीक्षण भी किया था। इस दौरान विधायक द्वारा विद्यालय के पीछे फर्श को 2 फुट ऊंचा करने के लिए विधायक निधि से मिट्टी डलवाने के साथ ही मध्यान्ह भोजन बनाने के लिए रसोईघर की व्यवस्थाओं को भी दुरूस्त करने का भरोसा दिया था लेकिन आज दो वर्ष बाद भी न तो फर्श ऊंचा हो सका है और न ही रसोईघर की झांप को ही ऊंचा किया गया है। विद्यालय की प्रधानाचार्या मुदृला वर्मा ने बताया कि बीते दिनों तेज वर्षा के दौरान कल्याणी नदी से निकलने वाला पानी विद्यालय परिसर में आ घुसा और लगभग 2 फुट तक पानी विद्यालय में जमा हो गया जिससे सभी कक्षा कक्ष पानी से लबालब हो गये वहीं कार्यालय में रखे आवश्यक कागजात व अन्य सामान भी खराब हो गये। उनका कहना था कि पूर्व में विधायक ठुकराल से कई बार विद्यालय का फर्श ऊंचा करने का आग्रह किया जा चुका है। यदि वह विधायक निधि से फर्श निर्माण का कार्य शीघ्र पूर्ण करा दें तो विद्यालय की समस्या का कुछ हद तक समाधान हो सकेगा। उनका कहना है कि विद्यालय के आगे टीनशेड न होने के कारण अध्ययनरत छात्र छात्रओं को गर्मी, वर्षा व सर्दी के दौरान पठन पाठन के कार्य में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस संदर्भ में भी पूर्व में विभागीय अधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जा रही।