अगस्त क्रांति पर रूद्रपुर में संग्राम….सैकड़ों किसानों और मजदूरों ने दी गिरफ्तारी
रुद्रपुर,9 अगस्त। अगस्त क्रान्ति दिवस पर आज अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले विभिन्न संगठनों से जुड़े सैकड़ों किसानों व मजदूरों ने गल्ला मंडी में केंद्र सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन कर सभा आयोजित कर जुलूस निकाला और अपनी गिरफ्रतारी दीं। इससे पूर्व विभिन्न क्षेत्रें से आये सैकड़ों किसान व मजदूर गल्ला मंडी टीनशेड में एकत्र हुए जहां आयोजित सभा को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि केंद्र सरकार की दोषपूर्ण नीतियों के कारण आज किसान व मजदूर बदहाल स्थिति में पहुंच गये हैं। किसान कर्ज में दबे होने के कारण आत्महत्या करने को विवश हो रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार किसानों को महज झूठे आश्वासन ही दे रही है। बैठक को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि फसल लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया जाये,उपज की खरीद सुनिश्चित की जाये, किसानों का कर्ज माफ किया जाये, किसानों को प्रतिमाह 5हजार रूपए पेंशन दी जाये, वर्ग 4 भूमि को कब्जे के आधार पर निशुल्क विनियमितिकरण किया जाये, गन्ना किसानों को 14 दिन के भीतर भुगतान किया जाये, मजदूरों की न्यूनतम मासिक मजदूरी 18हजार रूपए हो, इसके अतिरिक्त वक्ताओं ने किसानों और मजदूरों से सम्बन्धित अन्य मांगों को भी उठाया। सभा को कई वक्ताओं ने सम्बोधित किया जिसके पश्चात सैकड़ों की संख्या में किसान, मजदूर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जुलूस की शक्ल में रवाना हुए। जुलूस ज्यों ही गल्ला मंडी गेट काशीपुर मार्ग पर पहुंचा वहां कोतवाल कैलाश भट्ट की अगुवाई में भारी संख्या मे महिला व पुलिस बल तैनात था। जब उन्होंने प्रदर्शनकारियों को बैरिकेटिंग लगाकर रोकने का प्रयास किया तो आंदोलनकारियों ने आगे बढ़ने की कोशिश की। उनका कहना था कि वह कलेक्ट्रेट जाकर जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन प्रेषित करेंगे लेकिन कोतवाल उन्हें यहीं पर ही ज्ञापन देने के लिए कहने लगे। जब किसानों ने कलेक्ट्रेट जाने की जिद की तो पुलिस बल ने सैकड़ों आंदोलनकारियों को पुलिस वाहनों में जबरन बैठा लिया और उन्हें पुलिस लाइन ले गये। रोषित किसानों व मजदूरों ने कहा कि पुलिस की लाठियां उन्हें दबा नहीं सकतीं और वह अपने अधिकारों के लिए अन्तिम सांस तक संघर्ष करते रहेंगे। इस दौरान वीर सिंह, जगदीश सिंह, कैलाश नाथ सिंह, गुरजीत सिंह, तजिंदर सिंह, कुंवरपाल सिंह, अमनदीप सिंह, गुरचरन सिंह, अवतार सिंह, गुरनाम सिंह, मनिंदर मंडल, अमरजीत सिंह, लखविंदर सिंह, राजेंद्र सिंह, माशूक अली, ज्ञान सिंह, धरम सिंह,जसवीर सिंह, सतनाम सिंह, सतपाल सिंह, भगविंदर सिंह, हरजीत सिंह, सुखदेव सिंह, दलीप सिंह, कमलेश देवी, अमनवती, विद्यावती, सुदर्शन, जियाउलहक सहित सैकड़ों किसानों व मजदूरों ने अपनी गिरफ्रतारी दी।