आईएएस अफसरों पर एसआईटी का शिकंजा,डीएम को सौंपा फर्जी रजिस्टर
देहरादून/रुद्रपुर। एनएच 74 भूमि मुआवजा घोटाले में जद में आये आईएएस अधिकारियों को एसआईटी समय देने के मूड में नहीं है क्याेंकि उन्होंने छुट्टी का हवाला देकर एसआईटी से 18अगस्त का समय मांगा है लेकिन सूत्रें की मानें तो एसआईटी इस भूमि मुआवजा घोटाले में आईएएस पंकज पांडे और चन्द्रेश यादव से जल्द ही देहरादून जाकर पूछताछ करेगी। साथ ही बैकडेट में हुए 143 के मामले में जिन बिचौलियों के खिलाफ साक्ष्य नहीं मिले हैं वह भी जांच के दायरे में आ गये हैं। यदि इस भूमि घोटाले में बिचौलियों की संलिप्तता पायी जाती है तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी। सूत्रें के मुताबिक गदरपुर तहसील में भी इस भूमि घोटाले की जद में कई लोग आये थे लेकिन वर्ष 2014-15 का तहसील में रखा गया रजिस्टर गायब हो गया। जब एसआईटी ने उस रजिस्टर को मांगा तो पाया कि वर्ष 2014-15 की जगह वह रजिस्टर इस वर्ष का था और उस रजिस्टर में जो खामियां पायी गयी थीं वह अब सही दर्शायी गयी हैं। एसआईटी ने वह रजिस्टर भी डीएम को सौंप दिया है। यदि उस रजिस्टर को गायब करने व नया रजिस्टर बनाकर गलतियां सही करने वाला सामने आया तो उसके खिलाफ भी अब कार्रवाई होना तय है। भूमि मुआवजा घोटाले में अब तक कई अधिकारी, काश्तकार समेत 22 लोग जेल में हैं। जब एसआईटी की जांच आगे बढ़ी तो उसमें आईएएस अधिकारी पंकज पांडे और चन्द्रेश यादव का नाम भी सामने आ गया जो उधमसिंहनगर में तत्कालीन जिलाधिकारी थे और आर्बिट्रेटर भी थे। तत्कालीन एसएलओ डीपी सिंह और अनिल शुक्ला की ओर से भू अधिग्रहण के 16 मामलों में अभिनिर्णिय आदेश पारित किये थे। इनमें से कुछ मामलों में कृषि भूमि को अकृषि और कुछ मामलों में सरकारी भूमि को निजी दर्शाकर करोड़ों का मुआवजा निर्धारित किया गया था। सभी मामलों के वाद तत्कालीन डीएम पंकज पांडे और चन्द्रेश यादव के आर्बिट्रेशन न्यायालय में दायर हुए थे और सभी वादों में उक्त आर्बिट्रेटरों की ओर से पारित किये गये संशोधित निर्णय के आधार पर एनएचएआई ने काश्तकारों को चार गुना मुआवजा बांट दिया था। अनियमितता के साक्ष्य मिलने पर कुछ दिन पूर्व एसआईटी ने तकरीबन सवा चार सौ पन्नों की जांच रिपोर्ट बनाकर शासन को भेजी थी। इस आधार पर शासन ने एसआईटी को मामले की विवेचना जारी रखते हुए आईएएस पंकज पांडे और चन्द्रेश यादव से पूछताछ करने की अनुमति दे दी थी। जब एसआईटी ने आईएएस पंकज पांडे और चन्द्रेश यादव को पूछताछ सम्बन्धित नोटिस भेजा तो उन्होंने छुट्टी का हवाला देते हुए 18अगस्त का समय मांगा है। लेकिन एसआईटी का कहना है कि दोनों अधिकारियों को समय नहीं दिया जायेगा और जल्द ही एसआईटी देहरादून जाकर दोनों से पूछताछ करेगी।